योगी कथामृत
योगी कथामृत (Autobiography of a Yogi), परमहंस योगानन्द (5 जनवरी, 1893 - 7 मार्च, 1952) द्वारा रचित आत्मकथा है। योगानन्द का जन्म भारत के गोरखपुर में मुकुंद लाल घोष के रूप में हुआ था, एक बंगाली परिवार में।
पुस्तक "आत्म-प्राप्ति" (self-realization) प्राप्त करने और पूर्व के आध्यात्मिक विचारों को प्राप्त करने के तरीकों का परिचय है, जो 1946 में केवल कुछ लोगों के लिए उपलब्ध था। लेखक का दावा है कि पुस्तक के लेखन को उन्नीसवीं सदी के गुरु, लाहिरी महाशय, द्वारा बहुत पहले भविष्यवाणी किया गया था।