ये लम्हे जुदाई के
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ये लम्हे जुदाई के ये २००४ की भारतीय हिंदी भाषा की रोमांटिक मिस्ट्री फिल्म है जिसका निर्देशन बीरेंद्र नाथ तिवारी ने किया है। फिल्म में शाहरुख खान, रवीना टंडन, नवनीत निशान, रश्मि देसाई, मोहनीश बहल और किरण कुमार हैं।
अनिरुद्ध तिवारी द्वारा लिखित इस फिल्म ने १९९४ में अपनी अधिकांश शूटिंग पूरी की लेकिन ९ अप्रैल २००४ तक रिलीज़ नहीं हुई। यह एक अधूरी फिल्म थी जिसका निर्माण १९९४ में रुक गया था, लेकिन फिल्म को पूरा करने के लिए २००४ में शूट किए गए दृश्यों के लिए अलग-अलग बॉडी डबल्स का उपयोग करके इसे पुनर्जीवित किया गया था।
कथा
दुशांत, जया, सुजीत और निशा बचपन के दोस्त हैं। दुशांत एक सफल गायक बनने की इच्छा रखता है लेकिन उसके पास बहुत कम पैसा है। जया उसे अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में मदद करती है। जैसे ही दुशांत सफलता प्राप्त करता है, उन दोनों के बीच दरार पैदा हो जाती है। सुजीत और निशा इसका अनुचित लाभ उठाते हुए दुशांत के करीब आते हैं और उसके और जया के बीच गलतफहमी पैदा करते हैं। निशा के पिता कमलेश ढींगरा, दुशांत के व्यावसायिक उद्यम के लिए वित्तीय सहायता के लिए उनसे संपर्क करते हैं, लेकिन दुशांत का मार्गदर्शक राजपाल उन्हें मना कर देता है। ढींगरा और सुजीत, दुशांत को निशा से शादी करने का लालच देकर और राजपाल से छुटकारा पाकर दुशांत की संपत्ति इकट्ठा करने की साजिश रचते हैं। दुशांत को इस साजिश के बारे में पता चलता है।
जब सुजीत की हत्या हो जाती है, तो राहुल, एक पुलिस अधिकारी, हत्या की जांच करने आता है। निशा की भी रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या कर दी जाती है और इसी तरह ढींगरा की भी हत्या कर दी गई है। अंत में यह पता चलता है कि यह जया के पिता थे जिन्होंने अपनी बेटी की हत्या का बदला लेने के लिए ये सारी हत्याएं कीं थी।
पात्र
- दुशांत के रूप में शाहरुख खान
- जया के रूप में रवीना टंडन
- सुजीत के रूप में मोहनीश बहल
- निशा ढींगरा के रूप में नवनीत निशान
- राहुल के रूप में अमित कुमार
- शीतल के रूप में रश्मि देसाई
- राजपाल के रूप में किरण कुमार
- दीपक पाराशर
- कमलेश ढींगरा के रूप में अवतार गिल
- देवेन भोजानी
- असित कुमार मोदी (जोकर)
निर्माण
ये लम्हे जुदाई के को शुरू में १९९४ में 'जादू' शीर्षक के तहत शुरू किया गया था, जिसमें शाहरुख खान और रवीना टंडन को मुख्य भूमिका निभाने के लिए चुना गया था। हालांकि, कुछ दृश्यों की शूटिंग के बाद फिल्म को रोक दिया गया था।[1] फिल्म को २००४ में एक अलग शीर्षक के साथ पुनर्जीवित किया गया और कहानी को पूरी तरह से बदलने वाले विभिन्न अभिनेताओं के साथ फिल्म को फिर से शूट किया गया था।[2]
गीत
फिल्म के गीतोंको निखील-विनय इस जोडीने संगीत दिया हैं।
गाने | गायक |
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"ये दिल है" | कुमार सानू |
"यादें तेरी" (सद) | कुमार सानू |
"यादें तेरी" (प्रसन्न) | कुमार सानू |
"तेरा नाम लेने" | कुमार सानू, साधना सरगम |
"तुम पास हो" | कुमार सानू, आशा भोसले |
"मेरे दिल को करे" | उदित नारायण, आशा भोसले |
"तेरीयन मोहबता" | आशा भोसले |
"राम कसम" | शान, अलका याग्निक |
आलोचन
प्लैनेट बॉलीवुड ने लिखा, "अभिनेताओं की आवाजें इतनी भयानक हैं कि आपको रोने का मन करता है। अभिनेता इतने थके हुए लगते हैं कि वे बिल्कुल भी अभिनय नहीं कर रहे हैं। कथानक इतना धीरे-धीरे आगे बढ़ता है कि आप वास्तव में अगले दृश्य की भविष्यवाणी कर सकते हैं और हत्या के रहस्य को भी हल कर सकते हैं।" बॉलीवुड हंगामा के तरण आदर्श ने फिल्म को ५ में से १ गुण दिया। उन्होने लिखा, "सच कहें, ये लम्हे जूदाई के देखना एक फिल्म के भीतर दो फिल्में देखने के समान है। अगर फिल्म शाहरुख-रवीना ट्रैक के साथ शुरू होती है, तो दूसरा ट्रैक कहीं से भी सामने आता है और इसमें नए कलाकारों, सभी गैर-अभिनेताओं का एक समूह शामिल होता है।"[3][4]
संदर्भ
- ↑ A forgotten Shah Rukh-starrer versus 'Masti'. Glamsham.com (8 April 2004). Retrieved on 2004-04-8.
- ↑ "Shahrukh Khan's 20 year old secret out in open - Bollywood Movie News - IndiaGlitz.com". 9 January 2012.
- ↑ "Yeh Lamhe Judaai Ke - movie review by Shruti Bhasin - Planet Bollywood". www.planetbollywood.com.
- ↑ Hungama, Bollywood. "Yeh Lamhe Judaai Ke Review - Bollywood Hungama". Bollywood Hungama. मूल से 22 November 2013 को पुरालेखित.