यू-2 विमान काण्ड
शीतयुद्ध के तनाव को कम करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति आइजन हॉवर ने सोवियत संघ की यात्रा करने का निर्णय किया। लेकिन यात्रा से एक दिन पूर्व ही 1 मई 1960 को अमेरिका का जासूसी विमान यू-2[1]सोवियत सीमा में जासूसी करते हुए पकड़ा गया। विमान चालक ने यह स्वीकार किया कि उसे सोवियत संघ में सैनिक ठिकानों की जासूसी करने के लिए भेजा गया है। इसे सोवियत संघ ने गंभीरता से लिया और अमेरिका से अपनी गलती स्वीकार करने को कहा। लेकिन अमेरिका ने अपनी गलती न मानकर शीत युद्ध को और अधिक बढ़ावा दिया।
यू-2 घटना संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच टकराव था, जो 1960 में सोवियत संघ के ऊपर एक अमेरिकी यू-2 टोही विमान को मार गिराए जाने के साथ शुरू हुआ था। इसी के कारण पेरिस में संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के बीच शिखर सम्मेलन[2] भी विफल हो गया था।
सन्दर्भ
- ↑ Editors, History com. "American U-2 spy plane shot down over Soviet Union". HISTORY (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-11-06.सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)
- ↑ "शिखर सम्मेलन", विकिपीडिया, 2022-05-26, अभिगमन तिथि 2024-08-27