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युधिष्‍ठिर संवत्

युधिष्ठिर संवत् या युधिष्ठिर शक[1] की शुरूवात ईसा पूर्व ३१३८-३९ में हुई थी।[2][3][4][5][6] इसे भारत के महान सम्राट पाण्डु पुत्र युधिष्ठिर ने प्रवर्तित किया था। युधिष्ठिर - संवत् महाभारत के घोर संग्राम के पश्चात् महाराज युधिष्ठिर के सिंहासन पर आरूढ़ होने के समय से आरम्भ होता है ।[7][8] कलियुग के आरम्भ से ३८ वर्ष पूर्व यह संवत् आरंभ हुआ था।[9] महाभारत युद्ध समाप्ति के १८ दिन बाद इस शक का आरंभ किया गया था।[10] २०२४ ईश्वी सन् को चैत्र प्रतिपदा को २०६२ वां युधिष्ठिर - संवत् प्रारंभ हुआ। बृहत संहिता

संदर्भ

  1. "The yudhisthira saka". The age of Mahabharata war. Pandit Kota Venkatachelam. पृ॰ 17.
  2. "The yudhisthira saka". The Age of Mahabharata War. Pandit Kota Venkatachelam. पृ॰ 22.
  3. भारतीय युग. कोटा वेंकटचलम. पपृ॰ 12–14.
  4. History of Classical Sanskrit Literature. M. Srinivasachariar. पृ॰ 62.
  5. Lagna Varahi: (by Varahamihira). Sreenadh OG. पृ॰ 34.
  6. भारतवर्ष का इतिहास (बौद्ध काल). 3. आचार्य रामदेव और सत्यकेतु विद्यालंकार. पृ॰ 10.
  7. संवत् प्रवर्तक : विक्रमादित्य. Rājaśekhara Vyāsa. 1990.
  8. Age of Bhārata War. पृ॰ 167.
  9. भारतवर्ष का इतिहास. आचार्य रामदेव और सत्यकेतु विद्यालंकार. पपृ॰ Vol. 3. P. 13.
  10. "The yudhisthira saka". Age of Mahabharat War. Pandit Kota Venkatachelam.