यादवेन्द्र शर्मा चंद्र
| यादवेन्द्र शर्मा चंद्र | |
|---|---|
| पेशा | साहित्यकार | 
| भाषा | राजस्थानी भाषा | 
| राष्ट्रीयता | भारतीय | 
| विषय | कहानी–संकलन | 
| उल्लेखनीय कामs | जमारो | 
यादवेन्द्र शर्मा चंद्र राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संकलन जमारो के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
इन्हे मीरा पुरस्कार से नवाााा जा चुका है
इनकी गुलाबड़ी, चकवे की बात, और विडम्बना नामक रचना पर फिल्म भी बनाई गई है
लाज रखो रानी सती नामक फिल्म भी इन्ही की रचना पर आधारित हैं
उपन्यास- संन्यासी और सुन्दरी, दीया जला और दीया बुझा, मिट्टी का कलंक,नया इनसान,पथहीन,ठुकराती,जनानी ड्योढ़ी,एक और मुख्यमंत्री,
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.