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यम के प्राकृतिक उपग्रह

यम (प्लूटो) और उसके तीन चंद्रमाओं की २००६ में ली गयी फ़ोटो
यम (प्लूटो) और शैरन दोनों अपने सांझे द्रव्यमान केन्द्र की परिक्रमा करते हैं

यम (प्लूटो) के पाँच(शैरन, निक्स, हाएड्रा, स्टिक्स, कर्बेरॉस) प्राकृतिक उपग्रह वैज्ञानिकों को ज्ञात हैं: १९७८ में खोज किया गया शैरन, २००५ में खोज किये गए दो नन्हे चन्द्रमा, निक्स और हाएड्रा, स्टिक्स और और २० जुलाई २०११ को घोषित किया गया ऍस/२०११ पी १ (S/2011 P 1)। अन्य ग्रहों और बौने ग्रहों की तुलना में प्लूटो के चन्द्रमा उसके बहुत पास परिक्रमा करते हैं। चारों के बारे में अनुमान है के वे बर्फ़ और पत्थर के बने हुए हैं।

शैरन

प्लूटो और शैरन का मेल सौर मण्डल में अनोखा है। शैरन का व्यास (डायामीटर) प्लूटो के आधे से ज़्यादा है और उसका द्रव्यमान प्लूटो का ११.६% है - जो सौर मण्डल में किसी भी उपग्रह-ग्रह की जोड़ी में सबसे अधिक है। तुलना के लिए पृथ्वी के चन्द्रमा का व्यास पृथ्वी का लगभग एक-चौथाई और द्रव्यमान पृथ्वी का केवल १.२% है। इस कारण से प्लूटो और शैरन का मिला हुआ द्रव्यमान केन्द्र का बिंदु प्लूटो के अन्दर नहीं बल्कि इन दोनों के बीच के खुले व्योम में पड़ता है और प्लूटो और शैरन दोनों इस बिंदु की परिक्रमा करते हैं। अगर खगोलशास्त्र की परिभाषाएँ सख्ती से लगाई जाएँ तो ऐसी स्थिति में दो खगोलीय वस्तुओं को ग्रह-उपग्रह न कहकर जुड़वाँ ग्रह कहा जाता है। फिर भी शैरन को प्लूटो का उपग्रह ही माना जाता है।

निक्स और हाएड्रा

प्लूटो के यह दो छोटे से चन्द्रमा १५ मई २००५ को हबल अंतरिक्ष दूरबीन के द्वारा सब से पहले देखे गए। निक्स प्लूटो को ४८,७०० किमी की दूरी पर परिक्रमा कर रहा है और हाएड्रा ६४,८०० किमी की दूरी पर। ऐसे दो छोटे चंद्रमाओं को देखकर कुछ वैज्ञानिकों को शंका है के शायद प्लूटो के इर्द-गिर्द कोई उपग्रही छल्ला हो, क्योंकि ऐसे उपग्रह उन परिस्थितियों में अक्सर पाए जाते हैं। फ़िलहाल ऐसा कोई उपग्रही छल्ला देखा नहीं गया है।

ऍस/२०११ पी १

इस उपग्रह के मिलने की घोषणा २० जुलाई २०११ को की गई थी। यह यम की एक परिक्रमा अनुमानित ३२.१ दिनों में पूरी कर लेता है। इसका व्यास (डायामीटर) अंदाज़न १३ से लेकर ३४ किलोमीटर के बीच है, यानी यह यम का सबसे छोटा ज्ञात उपग्रह है। माना जाता है कि यम के अन्य उपग्रहों की तरह इस नन्हे चन्द्रमा का भी निर्माण संभवतः यम और किसी अन्य काइपर घेरे की वस्तु के साथ प्राचीन टकराव से हुआ हो।

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