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यमुनानगर

यमुनानगर
Yamunanagar
जगाधरी-यमुनानगर का मुहल्ला रायपुरियाँ, एक पुरानी बस्ती
जगाधरी-यमुनानगर का मुहल्ला रायपुरियाँ, एक पुरानी बस्ती
यमुनानगर is located in हरियाणा
यमुनानगर
यमुनानगर
हरियाणा में स्थिति
निर्देशांक: 30°07′59″N 77°17′17″E / 30.133°N 77.288°E / 30.133; 77.288निर्देशांक: 30°07′59″N 77°17′17″E / 30.133°N 77.288°E / 30.133; 77.288
देश भारत
प्रान्तहरियाणा
ज़िलायमुनानगर ज़िला
ऊँचाई255 मी (837 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • शहर2,16,628
 • महानगर3,83,318
भाषा
 • प्रचलितहरियाणवी, हिन्दी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड135001
दूरभाष कोड01732
वाहन पंजीकरणHR-02
वेबसाइटyamunanagar.nic.in

यमुनानगर (Yamunanagar) भारत के हरियाणा राज्य के यमुनानगर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है और जगाधरी के साथ सटा हुआ जुड़वा नगर है।[1][2][3]

विवरण

यमुनानगर हरियाणा राज्य के उत्तर पूर्व की ओर स्थित है। यह जिला शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में है। शहर से लगभग 30-40 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रेणियां आरंभ हो जाती हैं। यह जिला पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से बेशुमार हैं । यहाँ पर वैदिक कालीन मंदिरों के साक्ष्य भी हैं यहीं पर सरस्वती नदी का उद्गम स्थल है जो शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर है । इसी के पास ही आदि बद्री नारायण नामक स्थान है जहां पर प्राचीन काल में भगवान ने तपस्या की थी। शिवालिक पर्वतमाला की ऊंची चोटी पर लगभग 2000 फीट की ऊंचाई पर माता मंत्रा देवी का मंदिर बना हुआ है। यहीं पर आदि केदार मंदिर हैं। यहां के चनेटी गांव में महात्मा बुद्ध का स्तूप बना हुआ है। खिजराबाद नामक कस्बे के पास ही पहाड़ की चोटी पर लाला वाले पीर की छोटी सी मजार है जहां पर मेला लगता है। यहां का सबसे बड़ा तीर्थ बिलासपुर के समीप कपाल मोचन है जहां पर गुरु पूर्णिमा के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। हरनौल नामक गाँव के पास पंचतीर्थी धाम नामक प्राचीन तीर्थ है जहां पर पांडव आए थे ।इस जिले मे कालेश्वर महादेव, सतकुम्भा तीर्थ आदि स्थल है। सरस्वती नगर मुस्तफाबाद एक पुराना कस्बा है। जहां पर सरस्वती धाम है । यमुनानगर शहर में ही चिट्टा मंदिर, गुरुद्वारा थडा साहिब, संतपुरा गुरुद्वारा ,जंगला वाली माता जी का मंदिर प्रसिद्ध है। इसके साथ ही बिलासपुर के पास पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर है जहां मंगलवार और शनिवार को दूर-दूर से लोग आते हैं। यमुनानगर की सीमा के पास ही माता बाला सुंदरी जी का पावन धाम है जो हिमाचल के त्रिलोकपुर गांव में है ।इस जिले की सीमा से लगभग 30-35 किलोमीटर दूर सिद्धपीठ शाकम्भरी देवी का मंदिर है जो सहारनपुर मे पड़ता है। पौंटा साहिब भी यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस जिले में प्राचीन लौहगढ़ साहिब गुरुद्वारा भी स्थित है। अब जिले मे यमुना, पथराला, बोली नदी और सोम्ब नदी बहती है।

यमुनानगर का पुराना नाम अब्दुल्ला पुर है। यहाँ सभी जातियों के लोग रहते है। रेलवे स्टेशन का नाम यमुनानगर-जगाधरी है। पश्चिम कैनाल के किनारे स्थित है। लक्कड़ की मर्केट बहुत बड़ी है। एक पपेर मिल है। एक चीनी मिल है। चीनी मिल के पार्ट्स की मिल है। एक स्तर्चझ मिल भी है। यहाँ पर बहुत बड़ा और प्रशिद्ध बर्तन-बजार है। यमुनानगर, राज्य की राजधानी चंडीगढ़ के दक्षिण पूर्व में स्थित है। यह शहर प्लाईवुड इकाइयों के क्लस्टर के लिए जाना जाता है। यह भी बड़े उद्योगों को देश की बेहतरीन लकड़ी उपलब्ध कराने के लिए जाना जाता है। पुराने शहर को जगाधरी कहा जाता है। यह एक हरे रंग की स्वच्छ और समृद्ध औद्योगिक शहर है।हालांकि शहर में और आसपास औद्योगिक इकाइयों में हाल ही में प्रेरणा के कारण गंभीर हवा, पानी और मिट्टी प्रदूषण मुद्दों में हुई है। शहर है मल्टीप्लेक्स और विभिन्न उच्च अंत ब्रांड स्टोर के उद्घाटन के साथ तेजी से बदल रहे हैं। मदन चौहान यमुनानगर एम सी के निर्वाचित मेयर है। सरस्वती नदी का उद्गम स्थल आदिबद्री,काठगढ़ व सिखों की पहली राजधानी,लोहगढ़(बन्दा बहादुर सिंह गुरुद्वारा)भी यमुनानगर में ही है।

पर्यटन स्थल

हरियाणा राज्य का जिला यमुनानगर पर्यटन की दृष्टि से बहुत समृद्ध है यहाँ अनेकों छोटे बड़े पर्यटन स्थल है यह विविधताओं से भरा हुआ जिला है इस जिले के अंतर्गत मैदान, पहाड़, जंगल और नदी तट सभी आते हैं। कपल मोचन बिलासपुर कस्बे के पास एक प्रसिद्ध स्थान है जहाँ कार्तिक के महीने मे विशाल मेले का आयोजन होता है यह सिक्ख गुरुद्वारे के कारण प्रसिद्ध है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "General Knowledge Haryana: Geography, History, Culture, Polity and Economy of Haryana," Team ARSu, 2018
  2. "Haryana: Past and Present Archived 2017-09-29 at the वेबैक मशीन," Suresh K Sharma, Mittal Publications, 2006, ISBN 9788183240468
  3. "Haryana (India, the land and the people), Suchbir Singh and D.C. Verma, National Book Trust, 2001, ISBN 9788123734859