मोनोफोनी
संगीत में मोनोफोनी संगीत की उस सरलतम बनावट को कहते हैं जिसमें धुन (अथवा "तराना") शामिल होती है जो अक्सर किसी एक गायक द्वारा गुनगुनाई जाती है अथवा किसी एक वाद्ययंत्र (जैसे बाँसुरी बजाना) द्वारा तैयार की जाती है जिसमें कोर्ड या हार्मोनियम की संगत नहीं हो। विभिन्न लोकगीत और पारम्परिक गीत मोनोफोनिक हैं।
सन्दर्भ
- ↑ Kliewer, Vernon (1975). "Melody: Linear Aspects of Twentieth-Century Music", Aspects of Twentieth-Century Music. Wittlich, Gary (ed.). Englewood Cliffs, NJ: Prentice-Hall. ISBN 0-13-049346-5.