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मैच फिक्सिंग

आयोजित खेल प्रतियोगिता में, मैच फिक्सिंग, खेल फिक्सिंग या दौड़ फिक्सिंग मैच की उस अवस्था को कहते हैं जिनमें मैच के नियमों का उल्लंघन करते हुए परिणाम पहले से ही निश्चित हो जाते हैं।

मैच फिक्सिंग के जैसे ही टॉस फिक्सिंग भी क्रिकेट में होने लगी है।वहीं कुछ साइट्स टॉस की भविष्यवाणी तक करने लगी है। इसका हालिया उदाहरण आपीईल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और मुंबई इंडियंस के बीच खेले गए लीग मुकाबले के दौरान देखने को मिला था। बेंगलुरु के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने मैच के दौरान सिक्का उछालने के दौरान इसको बदलने का आरोप लगाया था। मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक ने अपने सिर पर सिक्का उछाला जो टॉस में मौजूद सिक्कों से काफी पीछे गिर गया। श्रीनाथ के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि सिक्का उठाते हुए उन्होंने मुंबई का पक्ष लेने के लिए सिक्का को घूमा दिय़ा था।


स्पॉट फिक्सिंग

स्पॉट फिक्सिंग, मैच फिक्सिंग से बिल्कुल अलग है। स्पॉट फिक्सिंग में आवश्यक नहीं कि वह खेल के परिणाम को प्रभावित करे लेकिन मैच फिक्सिंग में खिलाड़ी सीधे-सीधे मैच के निर्णय को प्रभावित करते हैं। कोई खिलाड़ी जानबूझकर अपनी सामर्थ्य से कम प्रदर्शन करता है ताकि उसका लाभ विरोधी टीम को मिले। जब मैच में एकदम बराबर की टक्कर हो रही हो, तब एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी भी निर्णय को पलट सकता है। अनेक बार फिक्सिंग की दलदल में कई खिलाड़ी एकसाथ शामिल होते हैं जो ‘तालमेल’ दिखाते हुए मैच के नतीजे को प्रभावित करते हैं।[1]

सन्दर्भ

  1. "क्या है स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग में अंतर?". आजतक. 16 मई 2013. मूल से 5 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अक्टूबर 2013.