मैग्नस कार्लसन (नॉर्वेजियाई: Sven Magnus Øen Carlsen) नॉर्वे के शतरंज खिलाडी हैं व शतरंज के तात्कालिक ग्रांडमास्टर वा विश्व चैम्पियन वा विश्व के प्रथम स्थान के खिलाड़ी हैं। इनकी उच्चतम रेटिंग २८७२, आजतक की सर्वोच्च हैं।
प्रारंभिक जीवन
कार्लसन का जन्म नार्वे के टॉन्सबर्ग में 30 नबम्बर 1990 को हुआ था। महज 10 वर्ष की आयु से ही शतरंज खेलने लगे थे। 13 वर्ष की आयु में ग्रांडमास्टर की उपाधि प्राप्त की। [1]
विश्व चैंपियन
9 नवम्बर 2013 से 22 नवम्बर 2013 तक भारत के चेन्नई में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप में 5 बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को हराकर कार्लसन विश्व चैंपियन बने। इस परतियोगिता में कुल १२ मैच होने थे किंतु कार्लसन ने १० मैचों में ही निर्णय अपने पक्ष में कर लिया। इस प्रतियोगिता में उनका सफर इस प्रकार रहा।
पहला मैच: ड्रॉ रहा अर्थात् हारजीत के निर्णय के बिना समाप्त हुआ। एक घंटे और 20 मिनट तक चले इस मुकाबले में 16 चालों के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हो गए। दोनों खिलाड़ियों के बीच आधे-आधे अंक बंट गए।[2]
दूसरा मैच: ड्रॉ। लघभग एक घंटे तक चले इस मुकाबले में 25 चालों के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हो गए। दोनों खिलाड़ी 1-1 से बराबर।[3]
तीसरा मैच: ड्रॉ। यह बाजी 51 चाल तक चली। दोनों खिलाड़ी 1.5-1.5 अंक के साथ बराबर।[4]
चौथा मैच: ड्रॉ। 64वीं चाल के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर राजी हो गए। दोनों 2-2 अंक के साथ बराबरी पर।[5]
पाँचवा मैच: मैग्नस कार्लसन जीते। कार्लसन ने आनंद पर 3-2 की बढ़त बनाई।[6]
छटा मैच: मैग्नस कार्लसन जीते। कार्लसन ने आनंद पर 4-2 की बढ़त बनाई।[6]
सातवाँ मैच: ड्रॉ। मुकाबला 32 चालों तक चला। स्कोर : कार्लसन 4.5 - आनंद 2.5।[7]
आठवाँ मैच: ड्रॉ। आठवीं बाजी केवल 75 मिनट और 33 चाल तक सीमित रही। कार्लसन की आनंद पर बढ़त 5-3।[8]
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