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मैं वक़्त के हूँ सामने

मैं वक़्त के हूँ सामने  
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मैं वक़्त के हूँ सामने
लेखकगिरिजाकुमार माथुर
देशभारत
भाषा हिन्दी
विषय साहित्य

मैं वक़्त के हूँ सामने हिन्दी के विख्यात साहित्यकार गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]

सन्दर्भ

  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.