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मृत्युभोज

मौसर - मृत्यु भोज को मौसर कहा जाता है (राजस्थान....) मृत्युभोज का सामान्य अर्थ परीवार में से किसी की भी सदस्य की मृत्यु होने पर प्रतिभोज करना पडता है, इसे ही मृत्युभोज कहते है!मृत्युभोज एक सामाजिक बुराई है जिसे भारत के राजस्थान में रोकने से लिये सरकार ने कठोर कदम उठाए है, अगर कोई परिवार मृत्युभोज करता है तो उस परिवार को जुर्माना भरना पड़ेंगा, वही अगर कोई नागरिक मृत्युभोज में शामिल होता है तो उसे भी अपराधी माना जायेगा।

मोसर या मोकोन:- एक और मान्यता हैं की मुत्यु के तेरवे दिन लोगो को भोजन कराने से आत्मा को यम लोग जाने वाले रास्तों में आने वाले रुकावट जैसे अपने द्वारा किए पाप {जीवन में हर किसी से पाप तो होता है चाहे पेरो के नीचे चिटी ही कियू न आए }को शांत कर स्वर्ग लोग के दरवाजे खुलने और आत्मा की शांति के लिए तेरवी यानी मुत्युभोज या मौसर या मोकोन की जाती है। आज कल पढ़े लिखे लोग इन सब से पल्ला झाड़ रहे। और कहते है ये सामाजिक बुराई है।

सामाजिक बुराई वहा है जहा मुत्युभोजके नाम पर पांच पकवान बनाते है

एक लाइन:- मुत्युभोज आत्मा की शांति के लिए करते है न की आए हुए मेहमानों को खुश करने हेतु।