मूसा
मूसा | |
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मूसा की तस्वीर, मिज़ूरी, संयुक्त राज्य | |
जन्म | जाशान भूमि , प्राचीन मिस्र |
मौत | नीबो पर्वत , मोआब |
राष्ट्रीयता | इस्राइली |
प्रसिद्धि का कारण | पैगम्बर |
जीवनसाथी | |
बच्चे | |
माता-पिता | |
संबंधी |
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मूसा (अंग्रेज़ी : Moses मोसिस, इब्रानी : מֹשֶׁה मोशे), इस्लाम और ईसाई धर्मों में एक प्रमुख नबी (ईश्वरीय सन्देशवाहक) माने जाते हैं। ख़ास तौर पर वो यहूदी धर्म के संस्थापक और इस्लाम धर्म[2] में रसूल माने जाते हैं। कुरान और बाइबल में हज़रत मूसा की कहानी दी गयी है, जिसके मुताबिक लगभग १२०० ई.पू. मिस्र के फ़राओ के ज़माने में जन्मे मूसा बनी इसराईली माता-पिता की औलाद थे पर मौत के डर से उनको उनकी माँ ने नील नदी में बहा दिया। उनको फिर फ़राओ की पत्नी ने पाला और मूसा एक मिस्री राजकुमार बने। बाद में मूसा को मालूम हुआ कि वो बनी इसराईली हैं और बनी इसराईल (जिसको फरओ ने ग़ुलाम बना लिया था) अत्याचार सह रहा है। मूसा का एक पहाड़ पर परमेश्वर से साक्षात्कार हुआ और परमेश्वर की मदद से उन्होंने फ़राओ को हराकर बनी इसराईल को आज़ाद कराया। इसके बाद मूसा ने बनी इसराइल को ईश्वर द्वारा मिले "दस आदेश" दिये जो आज भी यहूदी धर्म का प्रमुख स्तम्भ है।[3][4]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ बाइबिल, अंकों की किताब 12:1
- ↑ कुराने शरिफ, सूरे अन आम, आयात: 148,149 और 150.
- ↑ Hamilton 2011, पृ॰ xxv.
- ↑ Robinson, George (2008). Essential Torah: A Complete Guide to the Five Books of Moses (अंग्रेज़ी में). Knopf Doubleday Publishing Group. पृ॰ 97. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780307484376.
बाहरी कड़ियाँ
- The Geography, Book XVI, Chapter II The entire context of the cited chapter of Strabo's work