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मूलभूत अन्योन्य क्रिया

कण भौतिकी के मानक प्रतिमान के मूल कण
कण भौतिकी के मानक प्रतिमान के मूल कण

भौतिकी में मूलभूत अन्योन्य क्रिया अथवा मूलभूत बल (fundamental interactions अथवा fundamental forces) उन मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं को कहते हैं जिन्हें और अन्य किसी अन्योन्य क्रिया से समझाया जा सके। इसमें चार मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं में निम्नलिखित हैं: गुरुत्वाकर्षण और विद्युत्चुम्बकत्व पर्याप्त रूप से अनन्त दूरी तक कार्यकारी करते हैं और दैनिक जीवन में देखे जा सकते हैं तथा प्रबल और दुर्बल अन्योन्य क्रिया अपरमाणुक बलों को पर लघु दूरियों पर काम करते हैं और नाभिकीय अन्योन्य क्रियाओं को समझाया जाता है। कुछ वैज्ञानिक परिकल्पना करते हैं कि पाँचवा बल भी अस्तित्व में हो लेकिन अभी तक इसका कोई प्रायोगिक साक्ष्य नहीं मिला।[1][2][3]

सन्दर्भ

  1. फाकलर, ओरिन; ट्रान, जे॰ थान्ह वान (1988). 5th Force Neutrino Physics [पाँचवा बल न्यूट्रिनो भौतिकी]. अटलांटिका सेगियर फ्रंटियर. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-2863320549.
  2. वाइसटाइन, एरिक ड्ब्ल्यू॰ (2007). "Fifth Force" [पाँचवा बल]. वर्ल्ड ऑफ़ साइंस. वोल्फॉर्म रिसर्च. मूल से 31 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि September 14, 2017.
  3. फ्रैंक्लिन, एलन; फिशबाह, एप्रैम (2016). The Rise and Fall of the Fifth Force: Discovery, Pursuit, and Justification in Modern Physics, 2nd Ed. स्प्रिंगर. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3319284125.