मुर्लिकांत पेटकर
मुर्लिकांत पेटकर भारत के पहले पैरालम्पिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। १९७२ में जर्मनी के हेडेल्बेर्ग में हुए पैराल्मपिक्स में में उन्होंने व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने ३७.३३ सेकंड्स में ५० मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उसी खेल में उन्होंने भाला, सटीक भाला फेंक और स्लैलम में भी भाग लिया। वह तीनो हर खेल के अंतिम चरण तक पहुंचे और फाइनलिस्ट बने।[1]
जीवनी
वह भारतीय सेना में इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) के कॉर्प्स में "क्राफ्ट्समैन" रैंक के निजी जवान थे।[2] 1965 के युद्ध के दौरान गोलियों के घाव ने उन्हें अक्षम कर दिया था।[3] पेटकर मूल रूप से ईएमई सिकंदराबाद में मुक्केबाज थे। उन्होंने 1972 के पैराल्मपिक्स खेलो में टेबल टेनिस में भाग लिया और पहला राउंड भी जीता। उन्होंने तैराकी में अन्तेर्रष्ट्रिये स्तर पर 4 पदक हासिल किये। उसके बाद वह पुणे में टेल्को में कार्यरत रहे।[4] इनके ऊपर एक मूवी भी है चंदू चैम्पियन।