सामग्री पर जाएँ

मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म)

मुझे जीने दो
निर्देशक मणि भट्टाचार्य
लेखक आगाजानी कश्मीरी[1]
निर्मातासुनील दत्त - अजन्ता आर्ट
अभिनेतासुनील दत्त
वहीदा रहमान
संगीतकारजयदेव (संगीत)
साहिर लुधियानवी (गीत)
प्रदर्शन तिथि
1963
लम्बाई
180 मिनट.
देशभारत भारत
भाषाहिन्दी

मुझे जीने दो (अंग्रेजी: Mujhe Jeene Do) सन 1963 में बनी एक मशहूर हिन्दी फिल्म का नाम है जिसका निर्देशन मणि भट्टाचार्य ने किया था। अजन्ता आर्ट के बैनर तले बनी व डकैतों के वास्तविक जीवन पर आधारित बालीवुड की इस फिल्म में सुनील दत्त, वहीदा रहमान, निरूपा रॉय, राजेन्द्र नाथ एवं मुमताज़ ने अभिनय किया था।

चम्बल घाटी के डाकू समस्याग्रस्त इलाके भिण्ड एवं मुरैना जिलों के खतरनाक बीहड़ों में मध्य प्रदेश पुलिस के सुरक्षा कवच में फिल्मायी गयी[2], तथा मोहन स्टूडियो मुम्बई[3] में बनी इस फिल्म में वहीदा रहमान व सुनील दत्त के अभिनय की बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ था।[4] जयदेव के संगीत निर्देशन ने इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का दर्ज़ा दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।[5]

संक्षेप

राजस्थान से सटे मध्य प्रदेश के भिण्ड व मुरैना जिले ब्रिटिश भारत में एक स्वतन्त्र रियासत के अन्तर्गत आते थे। उस रियासत का नाम था ग्वालियर। इस क्षेत्र को तोमरधार[6] भी कहा जाता था। यहाँ के निवासी स्वभाव से उग्र थे और किसी भी राज्य सत्ता की परवाह नहीं करते थे। उन्हें डाकू बन कर दर-दर भटकना पसन्द था किन्तु सरकार को टैक्स देना मंजूर न था। अपनी इस आन, बान और शान के लिये वे जान की बाजी लगाना बेहतर समझते थे। पूरे के पूरे परिवार तबाह हो जाते थे। सुनील दत्त ने इस समस्या का गम्भीर अध्ययन किया और डकैतों के वास्तविक जीवन को लेकर एक महत्वपूर्ण फिल्म बनायी। इस फिल्म में डाकू जरनैलसिंह की मुख्य भूमिका स्वयं सुनील दत्त ने निभायी थी जबकि चमेली जान नामक वेश्या का रोल वहीदा रहमान ने किया था।

चरित्र

  1. सुनील दत्त (डाकू जरनैलसिंह की मुख्य भूमिका में)
  2. वहीदा रहमान (चमेली जान नामक वेश्या के रोल में)
  3. राजेन्द्र नाथ (दारा खान की भूमिका में)
  4. मुमताज़ (दारा खान की बहन फरीदा के रोल में)
  5. तरुण बोस (पुलिस सुपरिण्टेण्डेण्ट की भूमिका में)

मुख्य कलाकार

दल

सुनील दत्त और उनकी पत्नी नरगिस की सांस्कृतिक संस्था अजन्ता आर्ट्स कल्चरल ट्रुप (Ajanta Arts Cultural Troupe) की पूरी टीम ने मध्य प्रदेश की चम्बल घाटी में जाकर इस फिल्म की शूटिंग की थी।

गीत एवं संगीत

इस फिल्म का संगीत जयदेव वर्मा ने दिया था जबकि गाने मशहूर उर्दू शायर साहिर लुधियानवी ने लिखे थे। पार्श्व गायिका आशा भोंसले द्वारा गाया गया गीत-"नदी नारे न जाओ श्याम पैंयाँ परूँ" सबसे बेहतरीन सिचुएशन पर फिल्माया गया था।[7]

इस फिल्म के अन्य गाने पार्श्व गायकों के नाम के साथ इस प्रकार हैं-

  • अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है (मोहम्मद रफ़ी)
  • तेरे बचपन को जवानी की दुआ देती हूँ (लता मंगेशकर)
  • मोहे न यूँ घूर-घूर के देखो (लता मंगेशकर)
  • रात भी है कुछ भीगी-भीगी (लता मंगेशकर)
  • मोको पीहर में मत छेड़ (आशा भोंसले)
  • माँग में भर ले रंग सखी री सावन के दिन आये (आशा भोंसले)[8]

रोचक तथ्य

यह पूरी की पूरी फिल्म चम्बल घाटी के डाकू समस्याग्रस्त इलाके भिण्ड एवं मुरैना जिलों के खतरनाक बीहड़ों में मध्य प्रदेश पुलिस के सुरक्षा कवच में फिल्मायी गयी थी।[9] चम्बल घाटी में जाकर फिल्म की शूटिंग करना उन दिनों कोई हँसी मज़ाक नहीं अपितु दुस्साहस का काम था परन्तु अपनी धुन के पक्के सुनील दत्त ने उसे बखूबी अंजाम दिया। इस काम में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें पूरी सहायता प्रदान की थी।

समीक्षा

इस फिल्म के निर्देशक मणि भट्टाचार्य को इससे पूर्व चूँकि दो बीघा ज़मीन तथा मधुमती जैसी फ़िल्मों में सहायक निर्देशक के रूप में कार्य करने का अनुभव था अत: उन्होंने डाकू की सामाजिक समस्या को मानवीय दृष्टिकोण से देखने, समझने और फिल्माने की ओर विशेष ध्यान दिया।

फिल्म अभिनेता सुनील दत्त इस फिल्म के निर्माता भी थे अत: उन्होंने वास्तविक पृष्ठभूमि में ही इस फिल्म की शूटिंग करने का संकल्प किया। यही नहीं एक डाकू की रोमाण्टिक भूमिका निभाने में भी उन्होंने जबर्दस्त मेहनत की।

इन सभी बातों का सकारात्मक परिणाम भी निकला जब यह फिल्म पूरी तरह से हिट हुई और उन्हें इसके लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला।

नामांकन और पुरस्कार

सन्दर्भ

  1. "Other Crew". मूल से 2 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जुलाई 2012.
  2. "Mujhe Jeene Do (1963)". द हिन्दू. May 13, 2010.[मृत कड़ियाँ]
  3. Film locations Archived 2016-03-07 at the वेबैक मशीन IMDB
  4. Film Review Archived 2014-02-02 at the वेबैक मशीन Channel 4
  5. Box Office India. "Top Earners 1963". boxofficeindia.com. मूल से 20 जुलाई 2012 को पुरालेखित.
  6. "प्रथम खण्ड (आत्मचरित)". मूल से 5 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जुलाई 2012.
  7. Ranade, Ashok Da. (2006). Hindi Film Song: Music Beyond Boundaries. Bibliophile South Asia. पृ॰ 367. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-85002-64-9. मूल से 24 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जुलाई 2012.
  8. "Songs of Mujhe Jeene Do". मूल से 22 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जुलाई 2012.
  9. "Mujhe Jeene Do (1963)". द हिन्दू. May 13, 2010.[मृत कड़ियाँ]

बाहरी कड़ियाँ