मुचलिन्द
मुचलिन्द एक नाग था जिसने बोधि प्राप्ति के उपरान्त गौतम बुद्ध की रक्षा की। त्रिपिटक में आया है-[1]
- अथ खो मुचलिन्दो नागराजा सकभवना निक्खमित्वा भगवतो कायं सत्तक्खत्तुं भोगेहि परिक्खिपित्वा उपरिमुद्धनि महन्तं फणं विहच्च अट्ठासि – ‘‘मा भगवन्तं सीतं, मा भगवन्तं उण्हं, मा भगवन्तं डंसमकसवातातपसरीसप [सिरिंसप (सी॰ स्या॰ कं॰ पी॰)] सम्फस्सो’’ति।
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अगस्त 2016.