चाक्षुषमन्वन्तर में सम्पूर्ण पृथ्वी के जलमग्न हो जाने पर पृथ्वी को नौका बना कर वैवश्वत मनु की रक्षा करने हेतु प्रथम बार भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया।