मान सिंह द्वितीय
महाराजा सवाई सर श्री मान सिंहजी द्वितीय | |
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जयपुर के महाराजा | |
शासनावधि | 1922–1948 |
राज्याभिषेक | 18 सितंबर 1922 |
पूर्ववर्ती | HH महाराजधिराज महाराजा सर श्री सवाई माधो सिंहजी द्वितीय |
उत्तरवर्ती | महाराजधिराज महाराजा सर श्री सवाई भवानी सिंहजी |
जन्म | 21 अगस्त, 1911 ईसारडा ठिकाना (जयपुर राज्य) |
निधन | 24 जून, 1970 (उम्र 58) सिरेंसेस्टर स्पेन (यूरोप) |
जीवनसंगी | HH महारानीजी सा बड़ा राठौड़जी मरुधर कँवरजी पुत्री HH राज राजेश्वर सरामद-ए-राजा-ए-हिंदुस्तान महाराजधिराज महाराजा सर श्री सरदार सिंहजी जोधपुर HH महारानीजी सा लाडी राठौड़जी किशोर कँवरजी पुत्री HH राज राजेश्वर सरामद-ए-राजा-ए-हिंदुस्तान महाराजधिराज महाराजा सर श्री सुमेर सिंहजी जोधपुर HH महारानीजी सा नारायणजी गायत्री देवीजी पुत्री HH श्रीमान महाराजा सर श्री जितेन्द्र नारायण भूप बहादुर जी कूच-बिहार (बंगाल) |
संतान | महाराजकुमारीजी सा बाईजी लाल प्रेम कँवरजी HH महाराजधिराज महारावल सर श्री जयदीप सिहजी सौभाग सिहजी देवगढ़ बारिया साबर-कांठा (गुजरात) से विवाह महाराजकुमारजी युवराज श्री भवानी सिंहजी महाराजकुमारजी जय सिंहजी (झीलाई) महाराजकुमारजी पृथ्वीराज सिंहजी महाराजकुमारजी जगत सिंहजी (ईसारडा) |
माता | रानीजी जादौनजी सुगन कँवरजी पुत्री राव उमराव सिंहजी कोटला (आगरा) |
HH सरामद-ए-राजा-ए-हिंदुस्तान राज राजेश्वर राज राजेंद्र महाराजधिराज महाराजा सवाई सर श्री मान सिंहजी द्वितीय (कुंवरजी मोर मुकुट सिंह; 21 अगस्त 1911– 24 जून 1970) कछवाहा राजवंश से संबन्धित जयपुर के अंतिम महाराजा थे। उन्होंने 1922 से लेकर राज्य के भारत में विलय (1949) तक शासन किया। इसके बाद उन्होंने 1949 से लेकर 1956 तक राजस्थान के राजप्रमुख के रूप में कार्य संभाला। बाद के सालों में इन्होंने स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। महाराजा सवाई सर श्री मान सिंहजी द्वितीय को अच्छे खिलाड़ी होने के साथ-साथ पोलो के खेल में खासम खास शोहरत हासिल थी।