माणिक्यलाल वर्मा
| माणिक्यलाल वर्मा | |
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संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री | |
| कार्यकाल 1948 - 1949 | |
| उत्तरा धिकारी | हीरालाल शास्त्री |
| कार्यकाल 1952, 1957 | |
| जन्म | 4 दिसम्बर 1897 बिजोलिया, भीलवाड़ा |
| मृत्यु | 14 जनवरी 1969 (उम्र 71) |
| राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| जीवन संगी | नारायणी देवी |
| बच्चे | 1 पुत्र व 5 पुत्रियां |
| धर्म | हिन्दू |
माणिक्यलाल वर्मा (4 दिसम्बर 1897 - 1969) भारत की संविधान सभा के सदस्य तथा राजस्थान राज्य बनने के पूर्व इसके प्रधानमंत्री थे। इन्होंने 24 अप्रैल 1938 को मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना की थी। वे टोंक से १९५२ में लोकसभा के सांसद चुने गए थे और पुनः १९५७ में चित्तौड़गढ़ से। उन्हें समाज सेवा के लिए भारत सरकार द्वारा सन १९६५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
माणिक्यलाल वर्मा ने बिजोलिया किसान आन्दोलन (1897 - 1941 ) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जो विश्व का सबसे लम्बे समय तक चलने वाला अहिंसक आंदोलन था। इन्होने "मेवाड़ का वर्तमान शासन" नामक पुस्तक की रचना की थी। इन्होंने ही "पंछीडा" शीर्षक से एक गीत लिखा था जिसने आंदोलनरत किसानों में जोश भर दिया था।
उन्होंने सामnती अत्याचारों से मोर्चा लिया और अकथनीय कष्ट झेले। उनका एक पाँव जेल के भीतर और दूसरा बाहर रहा। स्वराज्य आया, तब भी वे चैन से नहीं बैठे। पिछड़ी जातियों को ऊँचा उठाने के लिये रात-दिन भटकते रहे।[1]माणिक्यलाल वर्मा की स्मृति में उदयपुर में "माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान" स्थापित किया गया है। [2]