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महार

महार
A Mahar Man winding thread from The Tribes and Castes of the Central Provinces of India (1916)
विशेष निवासक्षेत्र
महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों में
भाषाएँ
मराठी, विदर्भी
धर्म
हिंदू, नवबौद्ध

महार एक प्रमुख सामाजिक समूह है। [ नवबौद्ध ]](भीमराव अम्बेडकर द्वारा स्थापित धर्म)को मानने वाले हैं जो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगड, उत्तरप्रदेश, बिहार और दक्षिण भारतीय राज्यो में रहते हैं। महारोंका मुख्य व्यवसाय गांवकी सीमावों का रक्षण करना था,और रक्षण करणे वाली भारतीय जतियोंको हिंदू धर्मग्रंथ, पुरानोंने क्षत्रिय उल्लेखित किया है,, और भारतीय महार समाज सोमवंशी क्षत्रिय वंश से संबंध रखता है महार शब्द का अर्थ है महा+अरी= महान अर यानी सबसे बडा शत्रू,, पुष्यमित्र शुंग ने महारोंका वर्णन सबसे बडा शत्रू ऐसे किया है जो क्षत्रिय होने के कारण पुष्यमित्र शुंग से महारोंने बहुत बार युद्ध किया था|उसके बाद महरोंने मराठों के लिए भी युद्ध लडा था। वे छत्रपती संभाजी महाराज के खास सेना के सैनिक थे,,परंतु संभाजी महाराज को औरंगजेब द्वारा गिरफतार किये जाने के बाद,,महाराष्ट्र का तख्त पेशवा को सोंप दिया गया और बाजीराव पेशवा दुसरा के कार्य काल में महरोंको अछुत घोषित कर उनका औदा छीन लिया गया बाद में उन्हे जातीय भेदभाव सहना पडा,, इसी अपमान का बदला लेने के लिये महारोंने 1818 ई० में जातीय भेदभाव से प्रताडीत होने के कारण अपने आत्मसन्मान और स्वाभिमान को बरकरार रखने के लिये पेशवावों के खिलाफ अंग्रेजो के तरफ से भी जंग लड़ा था। जिसके स्मरण के तोर पर उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे मे कोरेगाव (भीमा) नदी के तट पर एक विजय स्तंभ प्रस्थापित किया जीसे वंदन करने के लिये आज भी 1 जनवरी को महाराष्ट्र के दलीत(महार) पुणे के कोरेगाव भीमा मे एकठ्ठा होते है|[1][2][3]

इन्हे भी देखें

सन्दर्भ

  1. Fred Clothey (2007). Religion in India: A Historical Introduction. Psychology Press. पृ॰ 213. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-415-94023-8. मूल से 1 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  2. Jaffrelot, Christophe (2005). "The 'Solution' of Conversion". Dr Ambedkar and Untouchability: Analysing and Fighting Caste. Orient Blackswan Publisher. पपृ॰ 119–131. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8178241560.
  3. Zelliott, Eleanor (1978). "Religion and Legitimation in the Mahar Movement". प्रकाशित Smith, Bardwell L. (संपा॰). Religion and the Legitimation of Power in South Asia. Leiden: Brill. पपृ॰ 88–90. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9004056742.