मर्दानगी
पौरुष्य या पुरुषत्व पुरुषों और बालकों से जुड़ी विशेषताओं, व्यवहारों और भूमिकाओं का एक समूह है। पौरुष्य को सैद्धान्तिक रूप से सामाजिक रूप से निर्मित के रूप में समझा जा सकता है, और इस बात का भी प्रमाण है कि पौरुष्य माने जाने वाले कुछ व्यवहार सांस्कृतिक कारकों और जैविक कारकों दोनों से प्रभावित होते हैं।[1][2][3][4] पौरुष्य किस सीमा तक जैविक या सामाजिक रूप से प्रभावित है यह वाद विवाद का विषय है। यह जैविक पुल्लिंग या पौंस्य की परिभाषा से भिन्न है, क्योंकि कोई भी पौरुष्य लक्षण प्रदर्शित कर सकता है।[5] पौरुष्य के मानक विभिन्न संस्कृतियों और ऐतिहासिक अवधियों में भिन्न होते हैं।
ऐतिहासिक रूप से, श्मश्रु वृद्धि जैसे मर्दाना गुणों को पौरूष और नेतृत्व के संकेत के रूप में देखा गया है।
सन्दर्भ
- ↑ Shehan, Constance L. (2018-08-30). Gale Researcher Guide for: The Continuing Significance of Gender (अंग्रेज़ी में). Gale, Cengage Learning. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-5358-6117-5.
- ↑ Finn, Hale Martin, Stephen E. (2010). Masculinity and Femininity in the MMPI-2 and MMPI-A (अंग्रेज़ी में). U of Minnesota Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4529-0003-2.
- ↑ Lippa, Richard A. (2005-05-06). Gender, Nature, and Nurture (अंग्रेज़ी में). Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-135-60425-7.
- ↑ Wharton, Amy S. (2009-02-04). The Sociology of Gender: An Introduction to Theory and Research (अंग्रेज़ी में). John Wiley & Sons. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4051-4343-1.
- ↑ "WHO | What do we mean by "sex" and "gender"?". web.archive.org. 2014-09-23. मूल से पुरालेखित 23 सितंबर 2014. अभिगमन तिथि 2023-03-30.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)