मरांची गाँव, मोकामा (पटना)
मरांची | |
— गाँव — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | भारत |
राज्य | बिहार |
ज़िला | पटना |
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, मगही, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, उर्दु, अंग्रेज़ी |
आधिकारिक जालस्थल: http://patna.bih.nic.in/ |
निर्देशांक: 25°36′40″N 85°08′38″E / 25.611°N 85.144°E
मरांची मोकामा, पटना, बिहार स्थित एक गाँव है।
भूगोल -मराँची बिहार राज्य के राजधानी पटना जिला के मोकामा प्रखंड का एक बिकशीत कस्वा हे यह प्रकृती की गोद में बसा हुआ है इसके पूरब में नदियो में श्रेस्ठ माँ गंगा की पबित्र कल कल धारा बहती हे तथा उतर बिहार का सबसे बड़ा तिरथ स्थान सिमरिया धाम हे।पस्चिम मे पूरे बिहार के लोगों के थाली में परोसा जाने बाला दाल का कटोरा बिशाल टाल का खेत हे।उतर में बिहार का शान तीन राजेन्द्र पुल हे।दक्षिण में शेरपुर ग्राम हे
जनसांख्यिकी -मराँची तीन पंचायतं में बटा हुआ हे इसकी आबादी 30 हजार हे यह भूमिहार बहुल गाँव हे
यातायात:इस मामले में मराँची बहुत ही धनी हे इस गाँव से हल्दिया इलाहावाद जलमार्ग 1गुजरता हे रेल में दिल्ली हावड़ा मेन लाईन तथा गौहाटी पटना लाईन गुजरता हे।यहाँ से भारत के सभी जगहों का ट्रेन मिल जाता हे यहाँ से सड़क मार्ग का दो दो फॉर लेन एन एच31तथा एन एच80गुजरता हे इस गाँव में राजेन्द पुल के समानातर क्रमश:दो लेन का रेल पुल तथा सिक्स लेन का सड़क पुल निर्माणाधीन हे।वायु मार्ग के लिये पटना हवाईअड्डा मात्र 100किलोमीटर पर हे।गाँव के अंदर भी बहुत सारी सड़के हे जो एक मुहल्ला से दुसरे मुहल्ला को जोड़ता हे
आदर्श स्थल:यहाँ दर्जनों ठाकुरजी का मन्दिर हे चार शिवालय हे तीन माँ काली का मन्दिर हे चार हनुमान जी का मन्दिर हे दर्जनों माँ गंगा जी का घाट हे तीन रेल तथा सड़क पुल हे हाथीदह रेल स्टेशन हे माँ दुर्गा का मन्दिर हे और सबसे आदर्श जगह त्यागी बा ठाकुर बाड़ी हे
शिक्षा:यह गांव शिक्षा के मामले में बहुत ही धनी हे यहाँ दो इंटर स्तरीये स्कूल हे दर्जनों मध्य विद्यालय दर्जनों प्राथमिक विद्यालय दर्जनों उच्च स्तर का निजी विधालय हे।प्रखंड स्तरीये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हे आयुर्वेदिक तथा पशु अस्पताल हे दो बच्चों की पढ़ाई के लिये उच्च स्तरीये पुस्तकालय हे।कानुन ब्यवस्था के लिए एक थाना हे एक पोस्ट ऑफिस हे
सन्दर्भ: मराँची आर्थिक सामजिक शैक्षणिक रुप से बहुत ही सम्पन्न गाँव हे राजनैतिक रुप से तो यह मोकाम प्रखण्ड का सबसे अग्रणीगाँव हे यहा के श्याम सुंदर सिंह धीरज दशकों तक सन्जुक्त बिहार के मंत्री तथा 15बर्ष तक तत्कालिन कॉंग्रेस पार्टी के प्रदेश युवा अध्यक्ष रहे थे कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य स्तरीय तथा प्रकांड विद्वान शिब शंकर शर्मा यहीं के थे।यहाँ सैकड़ो इन्जीनियर एवं डॉक्टर हे अनेक बी पी एस सी अधिकारी आयकर अधिकारी हे।वकील प्रोफेशर भी बहुत हे।यहाँ मध्यम वर्गीय बहुत किसान हे, यह मौर्य कालीन समय से अपने इतिहास को संजोये है,और अभी के समय मे 15वीं सताब्दी से यहा के बसींदे रहे किसानचन्द सिंह,बरियार सिंह, भगत सिंह, और ताज सिंह के वंसज मुख्य रुप से स्थानीय ग्रमीण है।
✍:जय कुमार