मधु मंसूरी हंसमुख
| मधु मंसूरी हंसमुख | |
|---|---|
| जन्म | 1948 सिमलिया, रातु, राँची, झारखंड, भारत |
| आवास | रांची , झारखंड |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| पेशा | गीतकार |
| कार्यकाल | 1956–वर्तमान |
| पुरस्कार |
|
मधु मंसूरी हंसमुख झारखंड के प्रसिद्ध गायक हैं। उन्होंने कई नागपुरी गीत लीखा और गया है। झारखंड के अलग राज्य के आंदोलन के समय उन्होंने कई गीत लिखा और गया।[1][2] 2011 में झारखंड सरकार ने उनहें झारखंड रत्न का सम्मान दीया।[3] 2020 को भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा।[4]
सन्दर्भ
- ↑ "मधु मंसूरी ने गाये झारखंड आंदोलन के सर्वाधिक गीत". www.livehindustan.com.
- ↑ "Music video on displacement". m.telegraphindia.com.
- ↑ "झारखंड: माई-माटी की लड़ाई में टूट चुके हैं मधु मंसूरी". bbc.
- ↑ "मधु मंसूरी को पद्मश्री, वो लोकगायक जिनका गीत 'गांव छोड़ब नाही' बना नारा". aajtak.intoday.