मद्रास रेजिमेंट
मद्रास रेजीमेंट | |
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सक्रिय | 1758–वर्तमान |
देश | भारत |
शाखा | थलसेना |
प्रकार | लाइन इंफैंट्री |
विशालता | 21 बटेलियन |
रेजीमेंट केंद्र | उधगमण्डलम ( ऊटी ), तमिलनाडु |
आदर्श वाक्य | स्वधर्मे निधनं श्रेयः (कर्तव्य पालन करते हुए मरना गौरव की बात है।) |
युद्ध घोष | वीरा मद्रासी,अडी कोल्लु अडी कोल्लु (वीर मद्रासी, आघात करो और मारो,आघात करो और मारो!) |
सैनिक चिह्न | 1 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र, 36 वीर चक्र, 304 सेना मैडल, 1 नौ सेना मैडल, 15 परम विशिष्ट सेवा मैडल, 9 कीर्ति चक्र, 27 शौर्य चक्र, 1 उत्तम युद्ध सेवा मैडल, 2 युद्ध सेवा मैडल, 23 अति विशिष्ट सेवा मैडल, 47 विशिष्ट सेवा मैडल, 151 मेंशन-इन-डिस्पैचिज़, 512 COAS's कमेंडेशन कार्ड्स, 271 GOC-in-C's कमेंडेशन कार्ड्स, 3 जीवन रक्षक पदक और 7 COAS यूनिट साइटेशन्स, 7 GOC यूनिटसाइटेशन्स |
बिल्ला | |
रेजीमेंट चिह्न | कवच के ऊपर हाथी के साथ दो क्रॉस्ड तलवारें। |
मद्रास रेजीमेंट भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। इसका गठन 1750 में हुआ था। यह सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है, और सबसे पुरानी रेजीमेंट्स में से एक है। इस रेजिमेंट ने ब्रिटिश भारतीय सेना और आजादी के बाद भारतीय सेना दोनों के कई अभियानों में सहयोग किया है।