मदरा मुंडा
महाराजा मदरा मुंडा | |
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महाराजा | |
अंतिम मुण्डा शासक | |
शासनावधि | - |
उत्तरवर्ती | फणि मुकुट राय |
घराना | मुण्डा राजवंश (मानकी मुंडा शासन व्यवस्था) |
धर्म | प्राकृत धर्म |
महाराजा मदरा मुंडा छोटानागपुर में एक मुण्डा शासक था। वह सुतियाम्बेगढ़ के अंतिम पड़हा राजा था।[1] वह आदिवासियों के एक प्रभावशाली राजा था। मदरा मुंडा सुतिया नामक मुंडा के वंशज थे। बाद में मदरा मुंडा, सरगुजा और पातकुम के मानकी द्वारा फणि मुकुट राय को सुतियाम्बे का मानकी बनाया गया। जिसने सुतियाम्बे में नागवंशी राजवंश की स्थापना की।[2][3] कहा जाता है कि फणि मुकुट राय को मदरा मुंडा ने गोद लिया था।[4]
सुतिया नामक मुंडा के नाम पर सुतियाम्बे का नाम रखा गया था, जो रांची से 10 किमी पर स्थित है। सुतिया मुंडा ने जाहेरखोंड (झारखण्ड) नामक स्थान पर मुण्डा राज की स्थापना की थी।[5]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Singh, Kumar Suresh (1983). Tribal Movements in India (अंग्रेज़ी में). Manohar.
- ↑ "महाराजा मदरा मुण्डा : गिरिधारी राम गाँझू गिरिराज द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक - नाटक | Maharaja Madara Munda : by Giridhari Ram Ganjhu Giriraj Hindi PDF Book - Drama (Natak) - 44Books". 44books.com. अभिगमन तिथि 2023-06-23.
- ↑ "प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी शासक थे महाराजा मदरा मुंडा: विक्सील". Hindustan (hindi में). अभिगमन तिथि 2023-06-23.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ Mishra, S. N.; Prasad, L. M.; Sharma, Kushal (1982). TRIBAL VOTING BEHAVIOUR A Study of Bihar Tribes (अंग्रेज़ी में). Concept Publishing Company.
- ↑ Kiro, Santosh (2020-09-15). The Life and Times of Jaipal Singh Munda: Bestseller Book by Santosh Kiro: The Life and Times of Jaipal Singh Munda. Prabhat Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5266-943-1.