मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर
चित्र:Madan Mohan Malaviya Engineering College (emblem).jpg | |
पूर्व नाम | मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी महाविद्यालय (1962-2013) |
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ध्येय | योगः कर्मसु कौशलम् |
Motto in English | कर्म में कुशलता लाना ही योग है। |
प्रकार | राज्य विश्वविद्यालय |
स्थापित | 1962 (मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय) |
उपकुलपति | प्रो. जे.पी. पांडेय |
स्थान | गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
परिसर | नगरीय |
जालस्थल | www.mmmut.ac.in |
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वद्यालय, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित एक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९६२ में हुई थी और १ दिसम्बर २०१३ के पहले इसका नाम 'मदन मोहन मालवीय इंजिनियरिंग कॉलेज' था। किन्तु अब तत्कालीन राज्य सरकार के प्रयास से यह एक राज्य विश्वविद्यालय हो गया है।
इतिहास
- १९६२ में स्थापना हुई थी
- २००० में गौतम बुद्ध तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ से सम्बद्ध (affiliated) हुआ।
- २०११ में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 'स्वायत्त संस्थान' घोषित
- १ दिसम्बर २०१३ को आवासीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बना।
पाठ्यक्रम
- प्रौद्योगिकी स्नातक
- रासायनिक प्रौद्योगिकी
- सिविल इंजीनियरिंग
- यांत्रिक प्रौद्योगिकी
- वैद्युत प्रौद्योगिकी
- इलेक्ट्रॉनिक एवं संचार प्रौद्योगिकी
- संगणक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- प्रौद्योगिकी परास्नातक
- संगणक अनुप्रयोग परास्नातक (एम सी ए)
- मास्टर ऑफ बिजिनेस ऐडमिनिस्ट्रेशन (एम बी ए)
- पीएचडी पाठ्यक्रम
प्रांगण
सुविधाएँ
- डाकघर
- स्वास्थ्य केन्द्र एवं भौतिक-चिकित्सा केन्द्र
- ऐम्बुलेन्स सेवा
- कैफेटेरिया
- होमियोपैथी चिकित्सा केन्द्र
- पाठ्यसामग्री दुकान
- बैटरीचालित रिक्शा
- बस सेवा
- स्टेट बैंक की शाखा
- पीएनबी और एसबीआई के एटीएम
पूर्व छात्र
- प्रभाकर सिंह , निदेशक (परियोजना), पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन (PGCIL)
- ए पी मिश्र, प्रबन्ध निदेशक (भूतपूर्व) उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लि.
- करुणेश कुमार शुक्ला, डायरेक्टर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर, पूर्व प्रोफेसर: एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज
प्रवेश प्रक्रिया
प्रौद्योगिकी स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश एक प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाता है। यह परीक्षा इस विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं आयोजित की जाती है। इस परीक्षा से प्राप्त मेरीत के आधार पर रासायनिक प्रौद्योगिकी में ६० छात्रा तथा अन्य स्नातक पाठ्यक्रमों में १२० छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।