मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'
मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' | |
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जन्म | 20 दिसम्बर 1947 ग्राम तिलोकपुर जिला शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश, (भारत) |
दूसरे नाम | क्रान्त |
पेशा | अवकाशप्राप्त बैंक अधिकारी, स्वतन्त्र लेखन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विधा | कविता, लेख, ब्लॉग, निबन्ध, शोध एवं विकिपीडिया में योगदान |
विषय | हिन्दी साहित्य, इतिहास व राजनीति |
उल्लेखनीय कामs | ललिता के आँसू, धूप के आइने, अर्चना, वेदना के दीप, सरफरोशी की तमन्ना (ऐतिहासिक शोध) एवं स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास (वरिष्ठ अध्येतावृत्ति) |
खिताब | भवानी प्रसाद मिश्र सम्मान एवं जनपद रत्न शाहजहाँपुर |
जीवनसाथी | किरन वर्मा |
बच्चे | अल्पना आदित्य (पुत्री) स्वदेश गौरव (पुत्र) |
मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' (जन्म : २० दिसम्बर १९४७, शाहजहाँपुर) मूलत: हिन्दी के कवि तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू, संस्कृत तथा अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें भारत सरकार ने वर्ष २००४ में हिन्दी साहित्य की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की।[1][2][3]
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मदन लाल वर्मा 'क्रान्त' का जन्म २० दिसम्बर १९४७[4] को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले के तिलोकपुर ग्राम में हुआ। उनके माता-पिता रामदुलारी और रामलाल निरक्षर होने के बावजूद कर्तव्यनिष्ठ और धर्मपरायण थे। उनके पिता राम प्रसाद 'बिस्मिल' के मित्र थे। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा तिलोकपुर गाँव से, आठवीं जूनियर हाई स्कूल काँट (शाहजहाँपुर) से, दसवीं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शाहजहाँपुर से तथा बारहवीं आर०वी०एम० कालेज तिलहर से आद्योपान्त प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। जब वे बरेली कालेज, बरेली में बी०एससी० अन्तिम वर्ष के छात्र थे, तभी कैम्फर एण्ड एलाइड प्रोडक्ट्स लिमिटेड में कैमिस्ट के पद पर उनका चयन हो गया। बाद में उन्होने इस पद से त्यागपत्र दे दिया और बैंकिंग सर्विस कमीशन की परीक्षा दी जहां उनका चयन हो गया। बैंक में नौकरी के दौरान वे रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से एम॰ ए॰ (हिन्दी साहित्य) किया। वर्तमान में वे बैंक अधिकारी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत हैं।[5]
व्यक्तिगत जीवन
उनका विवाह किरण वर्मा से हुआ। वे अपनी पत्नी और दो बच्चों क्रमश: अल्पना आदित्य (पुत्री) और स्वदेश गौरव (पुत्र) के साथ ग्रेटर नोएडा में रहते हैं।[6]
साहित्यिक जीवन
उन्होंने पहली पुस्तक लालबहादुर शास्त्री के जीवन पर 'ललिता के आँसू' लिखी जिसका विमोचन तत्कालीन विधि, न्याय एवं कम्पनी कार्य मन्त्री शान्ति भूषण ने शास्त्रीजी की समाधि विजय घाट पर ११ जनवरी १९७८ को किया।[7][8][9] परम्परागत लीक से हटकर लिखे गए इस मौलिक प्रबन्ध काव्य को विश्व के एक सौ सर्वश्रेष्ठ काव्यों में ८६वाँ स्थान दिया गया।[10][11]
उन्होंने सन् १९८३ में नई दिल्ली के इन्दिरा गान्धी स्टेडियम में आयोजित तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन तथा सन् १९८४ में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित "साहित्यानुवाद पर प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन" में भारतीय प्रतिनिधि[12] की हैसियत से भाग लिया। इस संगोष्ठी में उन्होंने "कलम और पिस्तौल के पुरोधा-पं० रामप्रसाद बिस्मिल" शीर्षक से एक शोधपत्र प्रस्तुत किया। सन् १९८५ में गोरखपुर से शुरू हुई उनकी यह शोध-यात्रा पूरे ग्यारह साल बाद १९९६ में सम्पन्न हुई। लगभग ८०० पृष्ठों का शोधग्रन्थ नई दिल्ली के एक प्रकाशक ने ४ खण्डों में छापा और इसका विधिवत विमोचन किया भारत के पूर्व प्रधान मन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी ने। [13][14]। उस समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प्रो॰ राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) और विश्लेषक वेद प्रताप वैदिक सहित कई वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे।[15]
१९६५-७० के मध्य लिखी गए उनके गीतों की पहली कृति "वेदना के दीप" को हिन्दी अकादमी, दिल्ली से आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ और यह कृति इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा भवानीप्रसाद मिश्र सम्मान से अलंकृत भी हुई।[16]
प्रकाशित कृतियाँ
इनकी प्रकाशित कृतियाँ निम्नलिखित है।[17]
- 'ललिता के आँसू' (प्रबन्ध काव्य)[7]
- 'धूप के आइने' (गजल संग्रह)
- 'अर्चना' (हस्तलिखित बाल संस्कार रचनावली)
- 'सरफरोशी की तमन्ना' (शोध ग्रन्थावली)
- 'क्रान्तिकारी बिस्मिल और उनकी शायरी' (उर्दू गजलें हिन्दी काव्यानुवाद सहित)
- 'वेदना के दीप' (गीत संग्रह)
- 'एक मुट्ठी रोशनी' (नवगीत[18] संग्रह)
- 'स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास' (३ भागों में समालोचना व सन्दर्भ सहित)[17]
सम्पादित कृतियाँ
- 'संकल्पिका' (राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति मुरादाबाद)
- 'साहित्य संचेतना' (अखिल भारतीय साहित्य परिषद नोएडा)
- 'प्रगतिका' (उत्तर प्रदेश समाज नोएडा)
- 'संस्कृति' (श्रीगौरीशंकर मन्दिर ट्रस्ट ग्रेटर नोएडा)
- 'वनास मंजूषा' (वरिष्ठ नागरिक समाज ग्रेटर नोएडा)
शोध एवं सम्पादन
- 'मन की लहर' (रामप्रसाद बिस्मिल की पुस्तक)
- 'बोलशेविकों की करतूत' (रामप्रसाद बिस्मिल का उपन्यास)
- 'क्रान्ति गीतांजलि' (काकोरी शहीद पं० रामप्रसाद बिस्मिल की जब्तशुदा कृति)
पुरस्कार एवं सम्मान
शाहजहाँपुर का "जनपद रत्न"[19]
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 20 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जनवरी 2012.
- ↑ नमन माधव सम्पादक आनन्द आदीश पृष्ठ २९१
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जनवरी 2012.
- ↑ समन्वय सम्पादक उमाशंकर मिश्र (परिचय खण्ड) पृष्ठ ५८
- ↑ अग्रवाल, डॉ॰ गिरिराज शरण (2006). हिन्दी साहित्यकार संदर्भ कोश. द्वितीय. बिजनौर: हिन्दी साहित्य निकेतन. पृ॰ 263. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-85139-29-6.
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दिए जाने पर|url= भी दिया जाना चाहिए
(मदद) - ↑ शर्मा, डॉ॰ फूलचन्द्र (2012). वनस मंजूषा. ग्रेटर नोएडा: वरिष्ठ नागरिक समाज (पंजीकृत). पृ॰ 94.
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दिए जाने पर|url= भी दिया जाना चाहिए
(मदद) - ↑ अ आ हिन्दुस्तान (समाचार पत्र) (हिन्दी दैनिक) नई दिल्ली १२ जनवरी १९७८ (ललिता के आँसू का विमोचन)
- ↑ पाञ्चजन्य (पत्र) २४ फ़रवरी १९८० (साहित्यालोचन) "ललिता के आँसू": एक चरित्र प्रधान काव्य नई दिल्ली
- ↑ सहकारी युग रामपुर २१ अप्रैल १९८४ डॉ॰ नगेन्द्र की समीक्षा
- ↑ गौरव घोष नई दिल्ली सितम्बर-अक्टूबर २०१२ अंक, पुस्तक समीक्षा: ललिता के आँसू, समीक्षक: डॉ॰ रामशरण गौड़, पृष्ठ १३
- ↑ नवभारत टाइम्स नई दिल्ली (NBT Greater Noida), १४ सितम्बर २०१२, अफसरी छोड़ हिन्दी की सेवा में उतरे: श्यामवीर चावड़ा ग्रेटर नोएडा पृष्ठ २
- ↑ दैनिक जागरण, नई दिल्ली १९ मार्च २००४ ('क्रान्त' को सीनियर फेलोशिप)
- ↑ हिन्दुस्तान (हिन्दी दैनिक) नई दिल्ली २० दिसम्बर १९९६ "क्रान्तिकारियों के साथ हमने न्याय नहीं किया": वाजपेयी
- ↑ दैनिक जागरण (हिन्दी दैनिक) नई दिल्ली २० दिसम्बर १९९६ "देशवासी महान क्रान्तिकारियों को भूल रहे हैं": वाजपेयी
- ↑ हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश(दूसरा भाग) पृष्ठ २६३
- ↑ स्वाधीनता सेनानी लेखक-पत्रकार आशारानी व्होरा पृष्ठ १८१
- ↑ अ आ डॉ॰ गिरिराज शरण अग्रवाल एवं डॉ॰ मीना अग्रवाल हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश (दूसरा भाग) पृष्ठ २६३
- ↑ समन्वय सम्पादक उमाशंकर मिश्र पृष्ठ ५८
- ↑ अमर उजाला, बरेली २६ दिसम्बर २००८ शाहजहाँपुर पृष्ठ ७
बाहरी कड़ियाँ
- KRANT - मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' का ब्लॉग
- मोतियों की तरह पिरोते हैं शब्दों की माला - नवभारत टाइम्स