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मणिपुर के मुख्यमंत्रियों की सूची

मुख्यमंत्री, मणिपुर
पदस्थ
एन बीरेन सिंह

१५ मार्च २०१७ से
नियुक्तिकर्तामणिपुर के राज्यपाल
उद्घाटक धारकमैरेम्बम कोइर्ंग सिंह
गठन१ जुलै १९६३
ओकरम इबोबी सिंह १५ सालों तक मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे

मणिपुर के मुख्यमंत्री उत्तर-पुर्व भारत के मणिपुर राज्य के सरकार के प्रमुख हैं। भारत के संविधान के मुताबिक, मणिपुर के राज्यपाल राज्य के न्यायपालिक है, लेकिन वास्तविक कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री है। मणिपुर विधान सभा के चुनावों के बाद, राज्यपाल आम तौर पर सरकार बनाने के लिए बहुसंख्य पक्ष (या गठबंधन) को आमंत्रित करता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है, जिनके मंत्रिमंडल में सामूहिक रूप से विधानसभा के लिए जिम्मेदार है। यह देखते हुए कि उन्हें विधानसभा का विश्वास है, मुख्यमंत्री का कार्यकाल पांच साल के लिए है और यह कोई अवधि सीमा नहीं है।

१९६३ से बारह लोगों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कीया है इनमें से पांच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के थे, पहले पदाधिकारी मैरेम्बम कोइर्ंग सिंह सहित। मौजूदा पदाधिकारी नोंगथोम्बम बिरेन सिंह भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री है।

मुख्यमंत्रियों की सूची

क्र॰[a]नाम कार्यकाल दल [b]कार्याकाल का अवधी
मैरेम्बम कोइर्ंग सिंह१ जुलाई १९६३ ११ जनवरी १९६७ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस3 साल, 194 दिन
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
१२ जनवरी १९६७ १९ मार्च १९६७ - 66 दिन
(१) मैरेम्बम कोइर्ंग सिंह
थांगा के विधायक
२० मार्च १९६७ ४ अक्टूबर १९६७ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस198 दिन
लोंगजम थंबो सिंह१३ अक्टूबर १९६७ २४ अक्टूबर १९६७ मणिपुर यूनाइटेड फ्रंट11 दिन
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
२५ अक्टूबर १९६७ १८ फरवरी १९६८ - 116 दिन
(१) मैरेम्बम कोइर्ंग सिंह
थांगा के विधायक
१९ फरवरी १९६८ १६ अक्टूबर १९६९ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस1 साल, 239 दिन
[कुल २०९७ दिन]
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
१७ अक्टूबर १९६९ २२ मार्च १९७२ - 2 साल, 157 दिन
मोहम्मद अलीमुद्दीन
लिलॅग के विधायक
२३ मार्च १९७२ २७ मार्च १९७३ मणिपुर पीपल्स पार्टी1 साल, 4 दिन
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
२८ मार्च १९७३ ३ मार्च १९७४ - 340 दिन
(३) मोहम्मद अलीमुद्दीन
लिलॅग के विधायक
४ मार्च १९७४ ९ जुलाई १९७४ मणिपुर पीपल्स पार्टी127 दिन
यांगमाशो शायजा
उखरुल के विधायक
१० जुलाई १९७४ ५ दिसंबर १९७४ मणिपुर हिल्स यूनियन148 दिन
राज कुमार डोरेन्द्र सिंह
याइस्कुल के विधायक
६ दिसंबर १९७४ १५ मई १९७७ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस2 साल, 160 दिन
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
१६ मई १९७७ २८ जुन १९७७ - 43 दिन
(४) यांगमाशो शायजा
उखरुल के विधायक
२९ जुन १९७७ १३ नवंबर १९७९ जनता पार्टी2 साल, 137 दिन
[कुल १०१८ दिन]
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
१४ नवंबर १९७९ १३ जनवरी १९८० - 60 दिन
(५) राज कुमार डोरेन्द्र सिंह
याइस्कुल के विधायक
१४ जनवरी १९८० २६ नवंबर १९८० भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस317 दिन
ऋषंग कीशिंग
फ़ुंगयार के विधायक
२७ November १९८० २७ फरवरी १९८१ 92 दिन
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
२८ फरवरी १९८१ १८ जुन १९८१ - 110 दिन
(६) ऋषंग कीशिंग
फ़ुंगयार के विधायक
१९ जुन १९८१ ३ मार्च १९८८ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस6 साल, 258 दिन
राज कुमार जयचंद्र सिंह
सागोलबंद के विधायक
४ मार्च १९८८ २२ फरवरी १९९० 1 साल, 355 दिन
राज कुमार रणबीर सिंह
किशामथॉग के विधायक
23 फरवरी १९९० ६ जनवरी १९९२ मणिपुर पीपल्स पार्टी1 साल, 317 दिन
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
७ जनवरी १९९२ ७ अप्रैल १९९२ - 91 दिन
(५) राज कुमार डोरेन्द्र सिंह
याइस्कुल के विधायक
८ अप्रैल १९९२ १० अप्रैल १९९३ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस1 साल, 2 दिन
[कुल १५७७ दिन]
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
३१ दिसंबर १९९३ १३ दिसंबर १९९४ - 347 दिन
(६) ऋषंग कीशिंग
फ़ुंगयार के विधायक
१४ दिसंबर १९९४ १५ दिसंबर १९९७ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस3 साल, 1 दिन
[Total 3491 Days]
वाहेंगबाम निपाम्चा सिंह
वॅनगोई के विधायक
१६ दिसंबर १९९७ १४ फरवरी २००१ मणिपुर राज्य कांग्रेस पार्टी3 साल, 60 दिन
१० राधाबिनोद कोइजाम
थांगमेबांद के विधायक
१५ फरवरी २००१ १ जुन २००१ समता पार्टी106 दिन
रिक्त [c]
(राष्ट्रपति शासन)
२ जुन २००१ ६ मार्च २००२ - 277 दिन
११ ओकरम इबोबी सिंह
थॉबल के विधायक
७ मार्च २००२ १ मार्च २००७ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस15 साल, 11 दिन
२ मार्च २००७ ५ मार्च २०१२
६ मार्च २०१२ १४ मार्च २०१७
१२ एन बीरेन सिंह
हेंनगॅग के विधायक
१५ मार्च २०१७ [2]वर्तमान भारतीय जनता पार्टी7 साल, 154 दिन

टिप्पणियाँ और सन्दर्भ

टिप्पणियाँ
  1. वर्तमान संख्या। कोष्ठक के अंदर एक नंबर दर्शाता है कि पदाधिकारियों ने पहले कार्यालय का आयोजन किया था।
  2. यहा केवल मुख्यमंत्री के दल का नाम दिया है। वह राज्य सरकार कई दलों और निर्दलीयों का एक जटिल गठबंधन हो सकता है; जो यहां सूचीबद्ध नहीं हैं।
  3. राष्ट्रपति शासन तब लगाया जा सकता है। जब राज्य संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर पाता है। ये अक्सर होता है क्योंकि विधानसभा में कोई भी दल या गठबंधन बहुमत नहीं रखते। जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तो मंत्रियों की परिषद भंग हो जाती है। इस प्रकार मुख्यमंत्री का पद खाली होता है, और प्रशासन राज्यपाल द्वारा किया जाता है, जो केंद्र सरकार की ओर से कार्य करता है। कभी-कभी विधानसभा भी भंग हो जाती है। [1]
सन्दर्भ
  1. अंबरीश के दिवानजी. "A dummy's guide to President's rule Archived 2013-05-19 at the वेबैक मशीन"। रेडीफ़, १५ मार्च २००५.
  2. "BJP's N Biren Singh Invited To Form Government In Manipur. Oath Today". १५ मार्च २०१७. मूल से 18 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ सितंबर २०१७.