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मटर

मटर
मटर
मटर
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
विभाग: Magnoliophyta
(unranked) eudicots
गण: Fabales
कुल: लेग्यूमिनेसी
उपजाति: Faboideae
ट्राइब: Vicieae
वंश: पाइसम
जाति: पाइसम सैटिवम
द्विपद-नामकरण
पाइसम सैटिवम
कारलोस लिनियस
Pisum sativum

मटर या मटरशुंटी एक फूल धारण करने वाला द्विबीजपत्री पौधा है। इसकी जड़ में गांठे मिलती हैं। इसकी संयुक्त पत्ती के अगल कुछ पत्रक प्रतान में बदल जाते हैं। यह शाकीय पौधा है जिसका तना खोखला होता है। इसकी पत्ती सेयुक्त होती है। इसके फूल पूर्ण एवं तितली के आकार के होते हैं। इसकी फली लम्बी, चपटी एवं अनेक बीजों वाली होती है। मटर के एक बीज का वजन ०.१ से ०.३६ ग्राम होता है।[1] इसका केंद्र दक्षिण एशिया है| उत्पादन मध्यम ताप पर किया जाता है। यह 1 वर्षीय पादप होता है।

पहले के समय में हरी मटर को केवल सीजन आने पर ही खाया जाता था लेकिन अब बढ़ती टेक्नोलॉजी के चलते हरी मटर के दानो को निकाल कर उन्हें वैक्यूम कर फ्रोज़न कर दिया जाता है जिससे की हरी मटर पूरे साल भर मिल सकती है, और इसके अलावा हरी मटर के दानो को सूखा कर भी इसे उपयोग किया जाता है, सुखाने के बाद खड़ी मटर को दो हिस्सों में तोड़ दिया जाता है और उसे मटर की दाल का रूप दे दिया जाता है।

पौष्टिकता

मटर की डाल में भी कई तरह के विटामिन्स और खनिज होते है

सन्दर्भ

  1. "मटर". मूल से 8 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 दिसंबर 2008.

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