मई 2015 नेपाल भूकम्प
काठमांडू | |
तारीख | 12 मई 2015 |
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शुरु होने का समय | 12:35:19 pm स्थानीय समय |
परिमाण | 7.3 Mw |
गहराई | 18.5 किलोमीटर (11 मील) |
अधिकेन्द्र स्थान | 28°09′54″N 84°43′30″E / 28.165°N 84.725°Eनिर्देशांक: 28°09′54″N 84°43′30″E / 28.165°N 84.725°E |
प्रकार | उत्क्रम भ्रंश |
प्रभावित देश या इलाके | नेपाल उत्तर भारत तिब्बत, चीन बांग्लादेश |
बाद के झटके | ८ |
हताहत | 107 मृत्यु 1117 घायल |
१२ मई २०१५ को दिन में १२ बजकर ३९ मिनट पर एक बार फिर ७.४ के परिमाण का भूकम्प आया। बजकर 9 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसके बाद दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर फिर भूकंप का झटका आया। इसकी तीव्रता 4.4 थी। भूकम्प के ३ अभिकेन्द्रों में से २ नेपाल व १ अफगानिस्तान में है। नेपाल में इसकी तीव्रता ज्यादा है। नेपाल में एक केंद्र की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 और दूसरे की 6.2 मापी गई है।[1] नेपाल के कोदारी में भूकंप का केंद्र जमीन से 18 किलोमीटर नीचे था। वहीं, अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 6.9 मापी गई है।[1] इन झटकों के बाद दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो रेल सेवा रोक दी गई है।
बाद के झटके
पहले तीव्र भूकम्प के बाद नेपाल में कुल आठ झटके आये:-
- पहला झटका दिन में 12:35 बजे : तीव्रता 7.3
- दूसरा झटका दिन में 12:48 बजे : तीव्रता 5.3
- तीसरा झटका दिन में 01:04 बजे : तीव्रता 6.3
- चौथा झटका दिन में 01:36 बजे : तीव्रता 5.0
- पांचवां झटका दिन में 01:43 बजे : तीव्रता 5.1
- छठा झटका दिन में 01:51 बजे : तीव्रता 5.2
- सातवां झटका दिन में 01:58 बजे : तीव्रता 5.0
- आठवां झटका दिन में 2:04 बजे : तीव्रता 4.1
नुकसान
इस दूसरे भूकम्प में काफी लोगों के मारे जाने व घायल होने की खबर है। साथ ही भारत ब नेपाल के विस्तृत हिस्से में इमारतों के गिरने की भी सूचना है। चीन के तिब्बत इलाके में विशाल चट्टानें टूटकर गिरने से कई मकान दब गए। राहत और बचाव कार्य में लगा एक अमेरिकी सैन्य हेलिकॉप्टर भी सवारियों के साथ भूकम्प के बाद लापता हो गया।[2]
अभी तक आये आकँणों के अनुसार:-
- नेपाल के गृहमंत्रालय के अनुसार नेपाल में ५७ लोग मरे और १११७ लोग घायल हुए हैं। उनका कहना है कि यह सँख्या और बढ सकती है।[2]
- भारत में मरने वालों की सँख्या ५० के करीब है। इसमें बिहार में ४२, उत्तर प्रदेश में ७ व पश्चिम बंगाल में १ व्यक्ति की मौत हो गई।[2] बिहार के सीतामढी में सबसे ज्यादा ८ लोगों की मौत हुई। इस भूकम्प में लगभग ५० लोगों के घायल होने की भी संभावना है।
राहत व बचाव कार्य
भारतीय वायु सेना व अन्य देशों व संस्थाओं के हेलिकाप्टर व बचाव दल जो कुछ दिन पहले आये भूकम्प से तबाह हुए नेपाल में बचाव व राहत कार्यों में लगे हुए थे, एक बार फिर सक्रिय हो गये। न इलाकों में भारतीय हेलीकाप्टरों ने 55 फेरे लगाकर करीब सौ लोगों की जान बचाई है।[2] भारत की एनडीआरएफ के दल जो वापस आ गये थे एक बार फिर नेपाल के लिये रवाना हो गये हैं। भारत में बिहार व उत्तर प्रदेश के अधिकांश विद्दालयों में बुधवार से ही ग्रीष्मकालीन छुट्टीयाँ घोषित कर दी गई।
इन्हें भी देखें
नेपाल में आया पहला भूकम्प
नेपाल का भूगोल
सन्दर्भ
- ↑ अ आ "LIVE: भूकंप के तेज झटकों से दहला भारतीय उपमहाद्वीप, आ सकते हैं और झटके". दैनिक जागरण. १२ मई, २०१५. मूल से 12 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2015.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ अ आ इ ई "भूकंप से फिर तबाही, नेपाल में 57, भारत में 50 की मौत". दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि १३ मई, २०१५.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)