मंगल का उपनिवेशण
मानव द्वारा मंगल का उपनिवेशण, अटकल और गंभीर अध्ययन का एक केंद्र बिंदु है, क्योंकि उसकी सतही परिस्थितियाँ और जल की उपलब्धता यकीनन मंगल ग्रह को सौरमंडल में पृथ्वी के अलावा अन्य सबसे अधिक मेहमाननवाज ग्रह बनाता है| चंद्रमा को मानव उपनिवेशण के लिए पहले स्थान के रूप में प्रस्तावित किया गया है, लेकिन मंगल ग्रह के पास एक पतला वायुमंडल है, जो इसे मानव और अन्य जैविक जीवन की मेजबानी के लिए सामर्थ्य क्षमता देता है | संभावित उपनिवेशण स्थलों के रूप में, मंगल और चाँद दोनों के साथ नीचे गहरे गुरुत्वीय कूपों में उतरने के साथ साथ लागत और जोखिम का नुकसान भी जुडा है, जो क्षुद्रग्रहों को सौरमंडल में मानव के प्रारंभिक विस्तार के लिए एक और विकल्प बना सकता है|
पृथ्वी से सापेक्षिक समानता
संरचना, आकार और सतही गुरुत्वाकर्षण के मामले में पृथ्वी अपने "जुडवा ग्रह" शुक्र के काफी करीब है, लेकिन विचार जब उपनिवेशण के लिए हो तब मंगल सर्वाधिक सम्मोहक जगह है। पृथ्वी और मंगल के बीच निम्न समानताएं है -
- मंगल और पृथ्वी के दिन की अवधियां करीब-करीब समान है। मंगल पर एक सौर दिन 24 घंटे 39 मिनट 35.244 सेकंड है।
- मंगल का सतही क्षेत्रफल पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का मात्र 28.4% है, जो कि पृथ्वी की कुल शुष्क भूमि (29%) की तुलना में थोड़ा सा ही कम है। मंगल की त्रिज्या पृथ्वी की आधी है और द्रव्यमान केवल एक-दशांश है। इसका मतलब है कि यह आयतन में छोटा (~ 15%) है और निम्न औसत घनत्व पृथ्वी से कम है।
- मंगल का अक्षीय झुकाव 25.19° है, जबकि पृथ्वी का 23.44° है, परिणामस्वरूप मंगल के मौसम पृथ्वी पर की तरह है, हालांकि मंगल के मौसम की अवधियाँ पृथ्वी की तुलना में दोगुनी लम्बी है क्योंकि एक मंगल वर्ष लगभग 1.88 पृथ्वी वर्ष के बराबर है। वर्तमान में मंगल का उत्तरी ध्रुव सिग्नस की तरफ है, ना कि उर्सा माइनर की तरफ।
- मंगल का अपना एक वातावरण है, हालांकि यह बहुत पतला (पृथ्वी के वातावरण का करीब 0.7%) है। यह सौर विकिरण व ब्रह्मांडीय विकिरण से कुछ सुरक्षा प्रदान करता है और इसका इस्तेमाल अंतरिक्ष यान को धीमा करने के लिए सफलतापूर्वक किया गया है।
- नासा के मार्स रोवर्स अन्वेषण, ईएसए के मार्स एक्सप्रेस और नासा के फीनिक्स लैंडर के हाल के अवलोकन मंगल पर जलीय बर्फ की उपस्थिति की पुष्टि करते है। पृथ्वी-आधारित जीवन के समर्थन के लिए आवश्यक सभी मूलभूत तत्व मंगल पर उल्लेखनीय मात्रा में नजर आते है।[1]
पृथ्वी से सापेक्षिक विरोधाभास
- मंगल पर सतही गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर की तुलना में 38% है। यह ज्ञात नहीं है कि यह भारहीनता के साथ जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए पर्याप्त है या नहीं है।[2]
- मंगल ग्रह पृथ्वी से बहुत ठंडा है, औसत सतही तापमान - 63 डिग्री सेल्सियस और न्यून तापमान -140 डिग्री सेल्सियस है। पृथ्वी पर सबसे कम तापमान कभी अंटार्कटिका में -89.2 ° दर्ज हुआ था।
- चूँकि मंगल ग्रह सूर्य से अपेक्षाकृत दूर है, इसके ऊपरी वायुमंडल में पहुँचने वाली सौर ऊर्जा की राशि (सौर नियतांक), पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल या चंद्रमा की सतह तक पहुँचने वाली ऊर्जा की तुलना में आधे से कम है। हालांकि, पृथ्वी पर की ही तरह मंगल की सतह पर पहुँचने वाली सौर ऊर्जा की राह में उसका वातावरण और चुम्बकीय क्षेत्र कोई बाधा नहीं डालते है।
- मंगल की कक्षा पृथ्वी की तुलना में चपटी है, जो तापमान और सौर नियतांक विविधताओं को और बिगाड़ देती है।
- मंगल के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड मुख्य रूप से शामिल हैं। इस वजह से, कम वायुमंडलीय दबाव के साथ भी, मंगल की सतह पर CO2 का आंशिक दबाव पृथ्वी पर की तुलना में करीब पंद्रह गुना अधिक है।
- मंगल पर वायुमंडलीय दबाव आर्मस्ट्रांग सीमा (61.8 मिलीबार) से बहुत नीचे (~ 6 मिलीबार) तक है, जिस पर लोग प्रेसर सूट के बिना जीवित नहीं रह सकते। इसकी जलवायु, सतह और ज्ञात प्रकृति को मानव के रहने योग्य बनाने तक, निकट अवधि में समाधान की कोई उम्मीद नहीं कर सकते हैं। अंतरिक्ष यान की ही तरह मंगल पर भी रहने योग्य संरचनाओं के लिए दबाव वाहिकाओं के निर्माण की आवश्यकता होगी।
- मंगल का चुम्बकीय क्षेत्र बेहद कमजोर है, इसलिए यह सौर वायु को विक्षेपित करने में निर्बल है।
वासयोग्यता
बुध के अत्यंत गर्म और ठंडे तापमान, शुक्र की सतही गर्म भट्ठी, या बाहरी ग्रहों और उनके उपग्रहों की तुषारजनिकी ठंड को देखे तो, मंगल की सतह पर स्थितियां किसी अन्य ज्ञात ग्रह या चाँद की सतह की तुलना में वासयोग्यता के ज्यादा करीब है। केवल शुक्र के बादलों के शीर्षवासयोग्यता के मामले में मंगल की तुलना में पृथ्वी के ज्यादा करीब हैं।
सन्दर्भ
- ↑ प्रस्तुत अंश नासा की वेबसाईट Archived 2012-02-29 at the वेबैक मशीन से लिया गया है।
- ↑ प्रस्तुत अंश नासा की वेबसाईट Archived 2012-11-24 at the वेबैक मशीन से लिया गया है।