सामग्री पर जाएँ

भौगोलिक उपदर्शन

भौगोलिक उपदर्शन प्राप्त जयपुर नीला मृद्भाण्ड का एक उदाहरण

भौगोलिक उपदर्शन (Geographical indication) या जी आई (GI) ऐसा नाम या चिन्ह होता है जो विशेष रूप से किसी भौगोलिक स्थान या मूल स्थान (उदाहरण के लिए नगर, राज्य, क्षेत्र या देश) को इंगित करे। किसी उत्पादन के साथ प्रमाणित भौगोलिक उपदर्शन के प्रयोग से यह आश्वासन होता है कि वह वास्तव में अपने मूल स्थान में उन पारम्परिक विधियों और गुणों के साथ उत्पादित हुआ है जिस के लिए वह प्रसिद्ध है। उदाहरण के लिए जयपुर के नील मृद्भाण्ड को भौगोलिक उपदर्शन प्राप्त है और यदी किसी मृदा के बर्तन पर यह चिन्हित हो तो ग्राहक आश्वस्त हो सकता है कि यह जयपुर में ही पारम्परिक विधियों के साथ बना है और किसी अन्य स्थान में बना मूल वस्तु की नकल में बना हुआ माल नहीं है।[1][2][3]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Bramley, Cerkia, Estelle Biénabe, and Johann Kirsten, “The Economics of Geographical Indications: Towards a Conceptual Framework for Geographical Indication Research in Developing Countries,” in The Economics of Intellectual Property, WIPO, 2009.
  2. Giovannucci, Daniele et al., Guide to Geographical Indications, Linking Products and their Origins, International Trade Centre (ITC), Geneva, 2009.
  3. Rangnekar, Dwijen, The Socio-Economics of Geographical Indications: A Review of Empirical Evidence from Europe, UNCTAD-ICTSD Project on IPTs and Sustainable Development Series, Issue Paper 8, 2004.