भैंसा
भैंसा एक पशु है जो भैंस का नर रूप है। इसका प्रयोग दूध निकालने के लिए नहीं अपितु बैल की ही भांति सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए होता है। कुछ लोग खेतों में हल में भी इसे जोड़कर खेत को ज्योत्ते हैं। भैंसे को एक बहुत ही ताकतवर पशु बताया गया है। ताकतवर होने के साथ साथ भैंसा शांत रूप में भी रहता है और गुस्सैल रूप में भी। इसे काबू में करने हेतु इसकी नाक में रस्सी डाली जाती है जिसे नकेल कहते हैं। भारत के राजस्थान के नागौर जिले में भैंसे का मेला लगता है जहां पर भैंसे की बोलियां लगती हैं। भैंसे को हिंदू धर्म भें मृत्यु के देवता यमराज का और धरती के सर्वोच्च न्यायदाता शनि का वाहन माना गया है। साथ ही भैंसे का प्रयोग वीर्य निकालकर बेचने के लिए भी होता है। भैंसे के इसी वीर्य से भैंस गर्भ धारण करती है। जिस भैंसे के वीर्य से बच्चे का जन्म जिस भैंस से होता है वो उसी भैंसे और भैंस का बच्चा माना जाता है। भैंसे के दो प्रकार होते हैं पहला भैंसा पालतू भैंसा होता है जबकि दूसरा भैंसा जंगली भैंसा होता है। पालतू भैंसे का प्रयोग ही सामान ढोने के लिए होता है तथा कुछ लोग खेतों में भी इसका प्रयोग करते हैं। पालतू भैंसे के सींग छोटे होते हैं तथा ये भैंसे अपने मालिक के प्रति वफादार होते हैं। वहीं जंगली भैंसे को बहुत ही खतरनाक होते हैं। जंगली भैंसा बड़े सींग वाला होता है। जंगली भैंसा अपने सींगों से शेर तक को मारने की ताकत रखता है। जंगली भैंसा साथ ही बहुत तेज़ दौड़ने वाले जानवरों की सूची में अपना नाम स्वयं जुड़वाता है। जंगली भैंसे के दौड़ने की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे होती है।