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भारत में स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला

भारत स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (अंग्रेज़ी: India-based Neutrino Observatory) (आईएनओ) कण भौतिकी में शोध के लिए निर्मित विज्ञान परियोजना है। इसका उद्देश्य ब्रह्माण्डीय न्यूट्रिनो का अध्ययन करना है। न्यूट्रिनो मूल कण होते हैं जिनका सूर्य, तारों एवं वायुमंडल में प्राकृतिक रूप से निर्माण होता है।[1][2]

परिचय

तमिलनाडु के थेनी जिले की बोडी पहाडियों में कई संस्थाओं के सहयोग से इस वेधशाला की स्थापना की जा रही है। यह वेधशाला चट्टान से 1200 मीटर गहराई पर होगी तथा इसमें कई गुफाएं होंगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी, २०१५ में करीब 1500 करोड की इस परियोजना को हरी झंडी दी थी। इसके तहत लगभग 1200 मीटर ऊंचे चट्टानी पहाडों के नीचे विस्तरीय प्रयोगशाला बनायी जायेगी जिसमें 132 मीटर x 26 मीटर x 20 मीटर आकार की एक बडी गुफा और कई अन्य छोटी-छोटी गुफाएं होंगी, जहां 1900 मीटर लंबी और साढे सात मीटर चौडी सुरंग से पहुंचा जा सकेगा।

इस परियोजना में परमाणु ऊर्जा विभाग और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग मिलकर सहयोग दे रहे हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग इसके लिये केंद्रीय एजेंसी के तौर पर काम करेगा। परियोजना का उद्देश्य न्यूट्रिनो पर मूलभूत अनुसंधान करना है। भारत के 21 अनुसंधान संस्थान, विश्वविद्यालय और आईआईटी इस परियोजना में शामिल हैं।[3]

सन्दर्भ

  1. मंडल, नाबा कुमार (जनवरी 2004). "STATUS OF INDIA-BASED NEUTRINO OBSERVATORY (INO)" [भारत में स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (आयएनओ) की स्थिति] (PDF). भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी. 70, A: 71–77. मूल से 9 जुलाई 2013 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 16 अगस्त 2013.
  2. मंडल, प्रो॰ एन के (जुलाई 2008). "FAQ on INO" [आईएनओ पर पूछे जाने वाले प्रश्न] (PDF). गणित विज्ञान संस्थान. मूल (PDF) से 5 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अगस्त 2013.
  3. न्यूट्रिनो कणों की खोज और अध्ययन के लिए बनायी जा रही है भूमिगत वेधशाला[मृत कड़ियाँ] (समय लाइव)

बाहरी कड़ियाँ