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भारत मेँ ईसाई मिशनरी की हलचल

भारत मेँ ईसाई मिशनरी की हलचल सन 1947 से आगे और बाद मौजूदा इंडियान भौम पर ईसाई मिशनरी कार्यकलाप को समझा जाता हैँ। हिन्दुयोँ, सिखोँ और मुस्लिमोँ को ईसाई धरम पर कनवर्ट करने के लिए यूरोपियान ईसाई मिशनरियाँ 16 वीँ शतक मेँ ज़ोरदार प्रयास आग़ाज़ किया।

1947 के तक़्सीम-ए-हिन्दोस्तान तक मिशनरी हलचल ग़रीब हिन्दू, मुसलमान, सिख, आदिवासियोँ पर क़ाइम थीँ। गिर्जा के ज्यादा तर सदस्य कम आमदानी वाले और ना खेती वाली किसान थीँ। बर्तांवी शासन काल के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग ईसाई धरम मेँ दाख़िल हुवा था। 1947 के बाद भारत एक धरम निरपेक्ष राष्ट्र बना जिसके तहत मिशनरी कार्यकलाप बरक़रार रहा। भारत मेँ मिशनरी हलचल पर बहुत सारे आलोचना-समालोचना ग़ैर ईसाई लोगोँ से किया जाता हैँ।


उल्लेखनीय ईसाई मिशनरियाँ की सूची

प्रोटेस्टंट मिशनरी

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संदर्भ