सामग्री पर जाएँ

भारत के सम्राट

ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया का सितारा, जो ब्रिटिश साम्राज्यिक भारत के बिल्ले (चिह्न) के रूप में प्रयोग होता था।

भारत के सम्राट और एम्परर/एम्प्रैस ऑफ इण्डिय वह उपाधि थी, जो कि भारत में ब्रिटिश राज के शासकों हेतु प्रयोग होती थी। कभी भारत के सम्राट उपाधि, भारतीय सम्राटों, जैसे मौर्य वंश के अशोक-महान[1] या मुगल बादशाह अकबर के लिये भी प्रयोग होती है। वैसे उन्होंने कभी भी यह उपाधियां अपने लिये नहीं घोषित कीं।

ब्रिटिश शासक द्वारा (1876–1948 तक)

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा मुगल बादशाह को पदच्युत कर देने के बाद, यह कंपनी विघटित हो गयी। इसके बाद भारत की सम्राज्ञी का पद, महारानी विक्टोरिया ने 1 मई 1876 से ग्रहण किया। यह उपाधि भारतीय उपमहाद्वीप के ब्रिटिश अधिकृत क्षेत्रों एवं रक्षित क्षेत्रों के ब्रिटिश साम्राज्य में औपचारिक समावेशन के उन्नीस वर्ष बाद सृजित किया गया। इनमें अधिकांश वर्तमान भारत (सिवाय पुर्तगाली क्षेत्र गोवा, सिक्किम राज्य, फ्रेंच पाँडीचेरी के), पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं बर्मा सम्मिलित थे। ब्रिटिश प्रधान मंत्री, बेंजामिन डिस्राएली को इस उपाधि के सृजनकर्ता बताया जाता है। [2] यह उपाधि, तब सृजित की गयी, जब यह निश्चित हो गया कि महारानी विक्टोरिया की पुत्री राजकुमारी विक्टोरिया ही महारानी बनेंगीं, क्योंकि उनके पति ने जर्मन शाही गद्दी संभाली थी, जिसे कई बार एकदम गलत भी बताया गया, कि एक पुत्री अपनी मां से बेहतर उपाधि ले।

A plaque on the Manchester Town Hall records George VI's titles before giving up "Emperor of India".
एडवर्ड ८ के हस्ताक्षर
एडवर्ड ८ के हस्ताक्षर
नाम के बाद 'R' और 'I' लैटिन भाषा में राजा और सम्राट दर्शाता है। ('Rex' and 'Imperator').

विक्टोरिया के मरणोपरांत, उसके पुत्र एडवर्ड सप्तम ने गद्दी संभाली और उसकी उपाधि थी, भारत के सम्राट। यह उपाधि तब तक चली, जब तक भारत एवं पाकिस्तान 14 अगस्त/15 अगस्त 1947 की अर्धरात्रि को यूनाइटेड किंगडम के राज से स्वतंत्र नहीं हो गये। यह उपाधि एडवर्ड अष्टम के उत्तराधिकारी जॉर्ज षष्टम द्वारा 1948 तक जारी रखी गयी। भारतीय मामलों में हस्ताक्षरों के लिये ब्रिटिश सम्राट/सम्राज्ञी R I (Rex/Regina Imperator/Imperatrix) or the abbreviation Ind. Imp. (Indiae Imperator/Imperatrix) के आद्याक्षरों का प्रयोग अपने नाम से पूर्व करते थे। तीनों विवाहित सम्राटों की पत्नियां R. का प्रयोग करतीं थीं। यही कई तत्कालीन ब्रिटिश सिक्कों पर प्रयोग होता था। जब कोई पुरुष शासक उपाधि ग्रहण करता था, तब उसकी पत्नी क्वीन–एम्प्रैस प्रयोग करती थी, जो कि महारानी विक्टोरिया से अलग स्वयं शासक सम्राज्ञी नहीं, वरन शासक सम्राट की पत्नी मात्र थीं।

भारत एवं पाकिस्तान अधिराज्य

जॉर्ज षष्टम ने भारत के सम्राट की उपाधि, माउंटबैटन एवं चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य के गवर्नर-जनरल काल के दौरान भी रखी, जब तक कि सन 26 जनवरी 1950 में गणतंत्र नहीं हो गया। पाकिस्तान 23 मार्च 1956 को गणतंत्र घोषित हुआ था, अतएव एलिजाबेथ द्वितीय पाकिस्तान की सम्राज्ञी चार वर्षों तक रही।

भारत के सम्राट-सम्राज्ञी

शासक चार आरम्भ अन्त पत्नी
सम्राट बहादुर शाह जफर द्वितीय (बहादुरशाह ज़फ़र)मई 1857
दिल्ली का सम्राट घोषित,
१८३७ से मुगल बादशाह रहे
सितंबर 1857– विवाह के क्रम से –

बेगम अशरफ़ महल,
बेगम अखतर महल,
बेगम ज़ीनत महल,
बेगम ताज महल

महारानी-सम्राज्ञी विक्टोरिया28 अप्रैल 1876
ब्रिटेन में घोषित
1 जनवरी 1877
भारत में घोषित
22 जनवरी 1901 कोई नहीं-
वे 1861 में गद्दी संभालने से पूर्व ही
विधवा हो गयीं थीं,
महाराजा-सम्राट एडवर्ड सप्तम22 जनवरी 19016 मई 1910महारानी-सम्राज्ञी ऐलेक्ज़ैंड्रा (d. 20 नव. 1925)
महाराजा-सम्राट जॉर्ज पंचम6 मई 191020 जनवरी 1936महारानी-सम्राज्ञी मैरी (d. 24 मार्च. 1953)
महाराजा-सम्राट एडवर्ड अष्टम20 जनवरी 193611 दिसंबर 1936none
महाराजा-सम्राट जॉर्ज षष्टम11 दिसंबर 193615 अगस्त 1947
भारतीय स्वतंत्रता
22 जून 1948
उपाधि छोड़ दी गयी
महारानी-सम्राज्ञी महारानी-सम्राज्ञी एलिज़ाबेथ
(d. 30 मार्च. 2002)


इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Aśoka – Britannica Online Encyclopedia". Online encyclopædia. Encyclopædia Britannica. मूल से 19 जून 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-07-08.
  2. History of the Monarchy, Victoria<nowiki>