भारत की नहरें
भारत में [नहर] जल परिवहन तथा स्थानान्तरण का मानव-निर्मित संरचना है। मुख्यत: इसका उपयोग खेती में सिंचाई के लिए किया जाता है जल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में नहर का प्रयोग किया जाता है। भारत में छोटी से बड़ी नहरों की संख्या लगभग 111 है भारत के राज्यो के कुछ प्रमुख्य नहर निम्नलिखित है जैसे ,,,, पंजाब में 5 ,हरियाणा में 2 ,उत्तरप्रदेश में 6,बिहार में 4 ,पश्चिम बंगाल में 4 ,राजस्थान में 9 महाराष्ट्र में 5 ,तमिलनाडु में 4 ,केरल में 3 ,आंध्रप्रदेश में 6
भारत मे की स्थिति
पंजाब की प्रमुख नहरें
- सरहिन्द नहर_ सतलज नदी पर 1882 ईस्वी में बनाई गई यह नहर 6 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करती है
- [[ऊपरी बारी दोआब नहर _रावी नदी से माधोपुर स्थान से निकली गई है इसकी लंबाई 2900 किलोमीटर है यह 3 लाख हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है]]
- [[नांगल नहर _ सतलज नदी पर सन 1954 में तैयार हुई इससे पंजाब व राजस्थान की 7 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है इसकी लंबाई मुख्य 864 किलोमीटर है ]]
- [[बिस्त दोआब नहर _ सन 1954में तैयार हुई यह सतलज नदी से नोवा स्थान से निकली है यह नहर लगभग 1 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करती है ]]
- पूर्वी नहर _यह नहर रावी नदी पर सन 1954 में बनकर तैयार हुई इससे फिरोजपुर में सिंचाई की जाती है
हरियाणा की प्रमुख नहरें
- [[पश्चिमी यमुना नहर] 14वी शताब्दी की इस नहर को 1568 में अकबर ने ठीक कराया था यमुना नदी सन 1864 में अंग्रेज सरकार ने इसे सुधार किया तथा सिंचाई के योग्य बनाया इस नहर की तीन प्रमुख्य शाखा है (1) दिल्ली शाखा (2) हांसी शाखा (3) सिरसा शाखा है इस नहर से 48 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होती है इस नहर की कुल शाखाओं सहित लंबाई 3200 किलोमीटर है
- [[गुडगाँवा नहर] दिल्ली के निकट ओखला नामक स्थान से निकली है इससे पलवल गुंडगाव और बल्लभगढ़ तहसीलों के लगभग 3.2 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है
उत्तर प्रदेश की प्रमुख नहरें
- पूर्वी यमुना नहर इसकी शाखाओं व प्रशाखाओ सहित इसकी लंबाई 1440 किलो मीटर है
- आगरा नहर यह नहर अपनी उपशाखाओ सहित 1600 किलोमीटर है इस नहर से 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है
- [[ऊपरी गंगा नहर]गंगा नदी पर ] यह हरिद्वार के पास से निकली है इस नहर के मार्ग के 11 स्थानों पर झरने बनाकर 11 मेगावाट विद्युत तैयार किया जाता है इसकी लंबाई 342 किलोमीटर है]]
- [[निचली गंगा नहर] गंगा नदी पर]यह गंगा नदी से नरौरा के निकट से निकली गई है इसकी दो प्रधान शाखाएं है (1)कानपुर शाखा (2) इटावा शाखा प्रधान नहर तथा शाखाओं सहित इसकी लंबाई लगभग 8800 किलोमीटर है इससे लगभग 4 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है
- [[शारदा नहर] शारदा नदी पर सन 1862 में ] यह नहर बनवासा स्थान से निकली है शाखाओं _प्रशाखाओ सहित 12,340 किलोमीटर है इस नहर द्वारा इलाहाबाद सुल्तानपुर प्रतापगढ़ रायबरेली बाराबंकी उन्नाव लखनऊ हरदोई सीतापुर खीरी शाहजहापुर बरेली और पीलीभीत जिलों की 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है
- [[बेतवा नहर] बेतवा नदी पर] झांसी से 24 किमी दूर परिच्छा नामक स्थान से 1886 ई. में निकली गई थी यह नहर 1 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है
बिहार की प्रमुख नहरें
- पूर्वी सोन नहर सोने नदी पर
- पश्चिमी सोन नहर सोन नदी पर
- त्रिवेणी नहर
- गण्डक बांध नहर
पश्चिम बंगाल की प्रमुख नहरें
- मिदनापुर नहर
- एडन नहर= दामोदर नदी पर
- तिलपाड़ा नहर
- दामोदर नदी की नहरें
राजस्थान की प्रमुख नहरें
- बीकानेर नहर
- कालीसिल परियोजना
- गम्भीरी परियोजना
- बाँकली परियोजना
- पार्वती परियोजना
- गूढा परियोजना
- मोरेल परियोजना
- जग्गर परियोजना
- इन्दिरा नहर
महाराष्ट्र की प्रमुख नहरें
तमिलनाड़ु की प्रमुख नहरें
केरल की प्रमुख नहरें
आन्ध्र प्रदेश की नहरें
- गोदावरी डेल्टा की नहरें गोदावरी नदी पर
- क्रष्णा डेल्टा नहरें
- क्रष्णा सिंचाई योजना
- सामपद सागर परियोजना
- तुंगभद्रा परियोजना (नहर)
- क्रष्णा-पेन्नार परियोजना