भारत-यूके संबंध
भारत-यूनाइटेड किंगडम संबंध, जिसे भारतीय-ब्रिटिश संबंध या इंडो-ब्रिटिश संबंधों के रूप में भी जाना जाता है, भारत गणराज्य और ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के यूनाइटेड किंगडम के बीच मौजूद अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को संदर्भित करता है। भारत में लंदन में एक उच्चायोग और बर्मिंघम और एडिनबर्ग में दो वाणिज्य दूतावास हैं। [1] यूनाइटेड किंगडम में नई दिल्ली में एक उच्च आयोग और मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद और कोलकाता में पांच उप-उच्च आयोग हैं।[2] दोनों देश राष्ट्रमंडल (Commonwealth) के पूर्ण सदस्य हैं।
यूनाइटेड किंगडम की भारतीय आबादी 14 लाख से अधिक है। यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधान मंत्री डेविड कैमरन ने 2010 में भारतीय-ब्रिटिश संबंधों को "नए विशेष संबंध " (Special Relationship) के रूप में वर्णित किया, जो अक्सर यूके और अमेरिका के संबंधों के तात्पर्य में कहा जाता है।[3][4]
2014 के बीबीसी वर्ल्ड सर्विस पोल के नतीजों के मुताबिक, 73% भारतीय लोग अपने देश मेन यूनाइटेड किंगडम के वर्तमान प्रभाव को सकारात्मक मानते हैं और 23% लोग नकारात्मक मानते हैं। इसी तरह, 75% ब्रिटेनवासी भारत के प्रभाव को सकारात्मक मानते है और 22% नकारात्मक।
यह सभी देखें
- यूनाइटेड किंगडम के विदेशी संबंध
- यूनाइटेड किंगडम में भारत का उच्चायोग
- केमैन द्वीप-भारत संबंध
- संप्रभु यूरोपीय राष्ट्र-राज्यों के साथ भारत के रणनीतिक संबंध
संदर्भ
- ↑ "Welcome to High Commission of India, London, UK". www.hcilondon.gov.in. मूल से 15 January 2013 को पुरालेखित.
- ↑ "British High Commission New Delhi". मूल से 16 मार्च 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2020.
- ↑ Morris, Chris (27 July 2010). "Does India want a 'special relationship' with UK?". BBC News. मूल से 5 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2020.
- ↑ Nelson, Dean (7 July 2010). "Ministers to build a new 'special relationship' with India". The Daily Telegraph. मूल से 7 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2020.