भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की)
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry / FICCI) भारत के व्यापारिक संगठनों का संघ है। इसकी स्थापना १९२७ में महात्मा गांधी की सलाह पर घनश्याम दास बिड़ला एवं पुरुषोत्तम ठक्कर द्वारा की गयी थी। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है। दिसंबर २०१६ से पंकज पटेल अध्यक्ष हैं वर्तमान में इसके महासचिव श्री दिलीप चिनॉय 17 अप्रैल 2018 को बने हैं। वर्तमान में इसके अध्यक्ष संगीता रेड्डी व उपाध्यक्ष उदय शंकर हैं[1]
1934 में इसी संगठन का प्रस्ताव आता है जिसमें पूंजीवादी के "लेसेज फेयर" सिद्धांत को समाप्त करने की बात की जाती है। तथा राष्ट्रीय नियोजन आयोग को स्थापित करने की सिफारिश भी की।
इन्हें भी देखें
फेडरेशन की वार्षिक सभा अधिकांशतः प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित किया जाता है।फेडरेशन के एक सचिवालय है जिसमे मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारी आपस मे व्यापार संबंधी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करते है।इसके अलावा फेडरेशन का समय समय पर व्यापारिक समस्या को लेकर विचार गोष्ठियों का आयोजन भी होता है
1983 के बाद शक्ति की होड़ ने बड़े उधोगपतियो के बीच संघर्ष उत्पन्न कर दिया,और उधोगपति दो भागों मे बट गए।एक ओर मोदी और बिड़ला,तथा दूसरी ओर सिंघानिया और जैन थे। बिड़ला और मोदी घराने ने फिक्की को अपनी जेबी संस्था बना लिए,इसके विपरीत मोदी घराने ने अपना वर्चस्व कायम करने के लिए फिक्की में और अधिक सदस्यों की संख्या बढ़ाई इसके सदस्य संख्या बढ़ने से यद्द्यपि लाभ कुछ नही था लेकिन मतों की संख्या जरूर बढ़ गयी।
फिक्की में अपनी शक्ति बढ़ाने के पीछे उधोगपतियो का मुख्य उद्देश्य, प्रधानमंत्री, मंत्रियों,सचिवों,सहित अन्य राजनीतिक नेताओ के सम्पर्क में आना था,जिससे विभिन्न प्रकार के लाभ सुबिधायें प्राप्त करना।
सन्दर्भ
- ↑ "Jyotsna Suri appointed as New FICCI President" [ज्योत्सना सूरी फिक्की के नए अध्यक्ष नियुक्त] (अंग्रेज़ी में). 21 दिसंबर 2014. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अगस्त 2015.
बाहरी कड़ियाँ
- फिक्की का जालघर
- सभी प्रकार के समाचार==बाहरी कड़ियाँ== Archived 2020-03-03 at the वेबैक मशीन