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भारतीय लेखा मानको की सूचि

लेखांकन मानक (accounting standard) एक लिखित नीति अभिलेख है जो कि लेखांकन विशेषज्ञों या सरकार या अन्य नियामक (Regulatory) संस्था द्वारा जारी किये जाते हैं जो कि मान्यता, मापन, प्रस्तुतीकरण, उपचार और वित्तीय विवरणों के वित्तीय हस्तान्तरणों को जारी करता है।

लेखांकन मानकों के उद्देश्य

लेखांकन व्यवसाय की एक भाषा के रूप में, एक उपक्रम के वित्तीय परिणामों को वित्तीय विवरणों के माध्यम से विभिन्न हितधारियों को संप्रेषित करता है। यदि वित्तीय लेखांकन प्रक्रिया भलीभाँति विनियमित नहीं होती, तब यहाँ वित्तीय विवरणों के गुमराह (भ्रामक) व पक्षपातपूर्ण होने की सम्भावना होती है, तथा व्य वसाय (कारोबार) की सत्य स्थिति व्यक्त करने के बजाय विकृत दृश्य उपलब्ध करे। वित्तीय प्रतिवेदन की पारदर्शिता, सतता, तुलनात्मकता, उपयुक्तता तथा विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के क्रम में, यह आवश्यक है कि लेखांकन सिद्धान्तों एवं नीतियों का मानकीकरण किया जाये। लेखांकन मानक, संरचना एवं मानक लेखांकन नीतियाँ उपलब्ध कराते हैं, जिससे कि विभिन्न उपक्रमों के वित्तीय विवरण तुलनात्मक हो सकें। लेखांकन मानक, विशेषज्ञ, लेखांकन संस्थाआ या सरकार या नियामक संस्थाओं द्वारा निर्गमित किये गये, वित्तीय विवरणों में लेखांकन व्यवहारों की मान्यता, मापांकन, प्रस्तुतीकरण एवं प्रकटीकरण के पहलुओं को प्रदशि र्त करने वाले लिखित नीतिगत प्रपत्र हैं। मानक निर्धारित करने वाली संस्था का प्रत्यक्ष उद्देश्य निवेशकों एवं कम्पनियों के आर्थिक परिणामों में हित रखने वाले कुछ अन्य पक्षकारों को समय पर एवं उपयोगी, वित्तीय जानकारी के प्रसार को प्रोत्साहित करना है। लेखांकन मानक, तार्किकता की सीमा के भीत र वित्तीय विवरणों की तैयारी में लेखांकन विकल्पों को कम करते हैं, जिससे विभिन्न उद्यमों के वित्तीय विवरणों की तुलनात्मकता सुनिश्चित हो सके।

लेखांकन मानकों का सरोकार निम्न मुद्दों से है :

  • (1) वित्तीय विवरणों में घटनाअों एवं लेनदेनों की मान्यता,
  • (2) इन घटनाओं एवं लेनदेनों का मापांकन,
  • (3) इन घटनाओं एवं लेनदेनों का पाठकों की समझ योग्य एवं अर्थपूर्ण शैली में प्रस्तुतीकरण, तथा
  • (4) वे प्रकटीकरण आवश्यकतायें, जो विशेष रूप से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक हितधारकों एवं सम्भावित निवेशकों को, इन वित्तीय विवरणों में प्रतिबिम्बन एवं उन्हें सुविधाजनक बनाने के लिये विवेकपूर्ण कोशिशों एवं सूचित व्यापारिक निर्णयों की प्राप्ति हेतु अंतर्दृष्टि देने में सक्षम करने के लिये होनी चाहिये।

लेखांकन मानकों का उद्देश्य है कि लेखांकन नीतियों को अधिकतम सम्भावित सीमा तक प्रमापित किया जाए जिससे कि निम्नांकित से मुक्ति प्राप्त हो JAE

  • (1) वित्तीय विवरणों की अतुलनीयता को समाप्त करके उनकी विश्वसनीयता को सुधारा जा सके, एवं
  • (2) लेखांकन नीतियों, मूल्यांकन मानकों एवं प्र कटीकरण सम्बन्धी अपेक्षाओं को प्रमापित रूप प्रदान किया जा सके।

लेखांकन मानक, विविध लेखांकन नीतियों का मानकीकरण करते हुए, (1) वित्तीय विवरणों की गैर-तुलनीयता को अधिकतम सम्भव सीमा की दृष्टि से समाप्त करते हैं, जिससे वित्तीय विवरणों की विश्वसनीयता में सुधार हो, तथा (2) मानक लेखांकन नीतियों, मूल्यांकन मानकों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं का एक संग्रह प्रदान करते हैं।

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI), देश में एक प्रमुख लेखांकन निकाय है, इस ने ही नेतृत्व की भूमिका द्वारा लेखांकन मानक बोर्ड (ASB) का गठन 1977 में किया। आईसीएआई ने इस आश्वासन (सुनिश्चित) हेतु कि, ‘मानक स्थापना प्रक्रिया पूरी तरह से परामर्शी तथा पारदर्शी है’, लेखांकन मानकों की स्थापना तथा निर्गमन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। भारतीय लेखांकन मानकों को तैयार करते समय अन्तर्राष्ट्रीय लेखांकन मानकों (ISO)/अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रतिवेदन मानकों (IFRSO) का ध्यान रखता है तथा उन्हें देश में लागू कानूनों, रिवाजों, प्रयोगों तथा व्यावसायिक वातावरण के प्रकाश में एकीकृत करने की कोशिश करता है।

लाभ तथा सीमाएँ

लेखांकन मानकों, लेखांकन सिद्धान्तों, मूल्यांकन तकनीकों तथा वित्तीय विवरणों की रचना तथा प्रस्तुति में लेखांकन सिद्धान्तों को लागू करने की विधियों का वर्णन करने का प्रयास करता है, ताकि वे सही एवं उचित छवि प्रदान कर सकें। लेखांकन मानकों की स्थापना करके लेखाकार को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं-

  • (1) मानक, एक उचित सीमा तक वित्तीय विवर णों की रचना हेतु प्रयुक्त लेखांकन उपचारों में भ्रमित करने वा ले विचलनों को कम कर देते हैं या उनको बिल्कुल ही समाप्त कर देते हैं।
  • (2) यहाँ ऐसे भी कुछ क्षेत्र हैं जहाँ महत्वपूर्ण सूचनाओं को अभिव्यक्त करना वैधानिक तौर पर अपेक्षित नहीं होता। विधान (कानून) द्वारा अपेक्षित अभिव्यक्ति से बाहर जाकर मानक अभिव्यक्ति की माँग कर सकते हैं।
  • (3) लेखांकन मानकों का अनुप्रयोग, एक सीमित मात्रा तक दुनिया के विभिन्न भागों में स्थित कम्पनियों के वित्तीय विवरणों की तुलना को, तथा साथ ही उसी देश में स्थित विभिन्न कम्पनियों की तुलना को भी सुचारु बनायेगा। फिर भी, यह ध्यान देना चाहिये कि, इस सम्बन्ध में संस्थाओं, परम्पराओं एवं एक देश से दूसरे देश में वैधानिक प्रणालियों में अन्तर, विभिन्न देशों द्वारा अपनाये जा रहे लेखांकन मानकों में अन्तर को जन्म देते हैं।

तथापि लेखांकन मानकों की स्थापना की कुछ सीमायें हैं-

  • (1) कुछ लेखांकन समस्याओं के वैकल्पिक समाधान उनमें से प्रत्येक के लिये विभिन्न तर्कों की सिफारिश कर सकते हैं। अतः विभिन्न वैकल्पिक लेखांकन उपचारों के मध्य चयन कठिन हो सकता है।
  • (2) यहाँ हठधर्मिता के प्रति एक प्रवृत्ति हो सकती है तथा वह लेखांकन मानकों को लागू करने में लोच से दूर होती है।
  • (3) लेखांकन मानक विधान पर हा वी नहीं हो सकते हैं। मानकों को प्रचलित विधानों के दायरे के भीतर बनाना अपेक्षित होता है।

वर्तमान समय लागू भारतीय लेखा मानकों की सूची

संख्याशीर्षकप्रभावी होने की तिथि (१ अप्रैल से)
AS-1लेखांकन नीतियों का प्रकटीकरण१९९१
AS-2रहतीए मूल्यांकन (संशोधित)१९९९
AS-3रोकड़ प्रवाह विवरण२००१
AS-4चिठे की तारीख के पश्चात की सम्भावनाये और घटने वाली घटना१९९६
AS-5अवधि के लिए शुद्ध लाभ या हानि, पूर्व अवधि मदे और लेखांकन नीतियों में परिवर्तन१९९६
AS-6मूल्यह्रास लेखांकन१९९५
AS-7निर्माणी ठेकों के लिए लेखांकन२००३
AS-8हटा दिया गया१९९१
AS-9आय पहचान१९९१
AS-10अचल संपत्ति के लिए लेखांकन१९९१
AS-11विदेशी विनिमय दर में परिवर्तन के प्रभाव१९९५
AS-12सरकारी अनुदान के लिए लेखांकन१९९४
AS-13विनियोग के लिए लेखांकन१९९५
AS-14एकीकरण के लिए लेखांकन१९९५
AS-15कर्मचारी लाभ२००६
AS-16उधार की लागत२०००
AS-17अनुभाग प्रतिवेदन२००१
AS-18सम्बंधित पक्षकार२००१
AS-19पट्टों के लिए लेखांकन२००१
AS-20प्रति अंश उपार्जन२००१
AS-21समेकित वित्तीय विवरण२००१
AS-22आय पर करों के लिए लेखांकन२००१
AS-23समेकित वित्तीय विवरण में सहचरों में निवेश के लिए लेखांकन२००२
AS-24बंद हो रही गतिविधिया२००४-०५
AS-25अंतरिम वित्तीय प्रतिवेदन२००२
AS-26अमूर्त संपत्ति२००३-०४
AS-27संयुक्त उद्यम में रूचि के वित्तीय प्रतिवेदन२००२
AS-28सम्पतियो की हानि२००४-०५
AS-29प्रावधान, आकस्मिक देयताएं और आकस्मिक संपतिया२००४
AS-30, 31 व 32वित्तीय साधनजल्द लागू होने की संभावना

बाहरी कड़ियाँ