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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
संक्षेपाक्षर कांग्रेस, आईएनसी
नेताराहुल गांधी
दल अध्यक्षमल्लिकार्जुन खड़गे
संसदीय दल अध्यक्षसोनिया गांधी
नेता लोकसभाराहुल गांधी
नेता राज्यसभामल्लिकार्जुन खड़गे
(विपक्ष के नेता)
गठन 28 दिसम्बर 1885 (138 वर्ष पूर्व) (1885-12-28)
मुख्यालय २४, अकबर रोड, नई दिल्ली, ११०००१
गठबंधन
लोकसभा मे सीटों की संख्या
102 / 543
राज्यसभा मे सीटों की संख्या
29 / 245
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या
676 / 4,036
विचारधारा
प्रकाशन
रंग

     सैफ्रन
     सफ़ेद
     हरा
(आधिकारिक,
भारतीय राष्ट्रीय रंग)[a]


     आसमानी नीला
(प्रथागत)
विद्यार्थी शाखानेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया
युवा शाखा Mulayam Singh youth brigadeभारतीय युवा काँग्रेस
महिला शाखाऑल इंडिया महिला कांग्रेस
श्रमिक शाखाइंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस
किसान शाखाकिसान और खेत मजदूर कांग्रेस
जालस्थलinc.in
Election symbol
भारत की राजनीति
राजनैतिक दल
चुनाव

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, (संक्षिप्त में, भा॰रा॰कां॰) अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों में से एक हैं। कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में २८ दिसंबर १८८५ को हुई थी।[13] इसके संस्थापकों में ए॰ ओ॰ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे।[14] १९वीं सदी के आखिर में और शुरूआत से लेकर मध्य २०वीं सदी में, कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने १.५ करोड़ से अधिक सदस्यों और ७ करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक केंद्रीय भागीदार बनी।

१९४७ में स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आज़ादी के बाद, अबतक आम चुनावों में से, कांग्रेस ने ६ में पूर्ण बहुमत जीता है और ४ में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया; अतः, कुल ४९ वर्षों तक वह केंद्र सरकार का हिस्सा रही। भारत में, कांग्रेस के सात प्रधानमंत्री रह चुके हैं; पहले जवाहरलाल नेहरू (1947-64), लाल बहादुर शास्त्री (1964-66), इंदिरा गांधी (1966-77,1980-84) राजीव गांधी (1984-89) पी.वी. नरसिम्हा राव (1991-96) और मनमोहन सिंह (2004-2014) थे। जबकि चौधरी चरण सिंह और चन्द्रशेखर कांग्रेस के समर्थन से गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बनें।

इतिहास

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का इतिहास दो विभिन्न काल से गुज़रता हैं।

  • भारतीय स्वतन्त्रता से पूर्व - जब यह पार्टी स्वतन्त्रता अभियान की संयुक्त संगठन थी।
  • भारतीय स्वतन्त्रता के बाद - जब यह पार्टी भारतीय राजनीति में प्रमुख स्थान पर विद्यमान रही हैं।
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेसकाँग्रेस (आई)भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेसभारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (आर)भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेसभारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस

कांग्रेस की स्थापना के पूर्व स्थापित राजनीतिक संगठन

संगठनसंस्थापकवर्षस्थान
लैंडहोल्डर्स सोसाइटी (ज़मींदारी एसोसिएशन)राधाकांत देव1838कलकत्ता
बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटीजॉर्ज थॉमसन1843कलकत्ता
ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशनराधाकांत देव1851कलकत्ता
मद्रास नेटिव एसोसिएशनगज़ुलु लक्ष्मीनारसु चेट्टी1849मद्रास
बॉम्बे एसोसिएशनजगन्नाथ शंकशेत1852बॉम्बे
ईस्ट इंडिया एसोसिएशनदादाभाई नौरजी1866लंदन
नेशनल इंडियन एसोसिएशनमैरी कारपेंटर1867लंदन
पूना सार्वजनिक सभान्यायमूर्ति रानाडे1870पूना
भारतीय समाजआनन्द मोहन बोस1872लंदन
इंडियन लीगशिशिर कुमार घोष1875कलकत्ता
इंडियन एसोसिएशनसुरेन्द्रनाथ बनर्जी और आनन्द मोहन बोस1876कलकत्ता
भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलनसुरेन्द्रनाथ बनर्जी और आनन्द मोहन बोस1883कलकत्ता
मद्रास महाजन सभाजी एस अय्यर, एम वीरराघवचारी, आनन्द चार्लू1884मद्रास
बॉम्बे प्रेसीडेंसी एसोसिएशनफिरोज शाह मेहता, केटी तलांग, बदरुद्दीन तैयबजी1885बॉम्बे

स्वतन्त्रता संग्राम

स्थापना

काँग्रेस की स्थापना के समय सन् 1885 का चित्र

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ 28 दिसम्बर 1885 को बम्बई (मुम्बई) के गोकुल दास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी। इसके संस्थापक महासचिव (जनरल सेक्रेटरी) ए ओ ह्यूम थे जिन्होंने कलकत्ते के व्योमेश चन्द्र बनर्जी को अध्यक्ष नियुक्त किया था। अपने शुरुआती दिनों में काँग्रेस का दृष्टिकोण एक कुलीन वर्ग की संस्था का था। इसके शुरुआती सदस्य मुख्य रूप से बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी से लिये गये थे। काँग्रेस में स्वराज का लक्ष्य सबसे पहले बाल गंगाधर तिलक ने अपनाया था।[15]

प्रारम्भिक वर्ष

1907 में काँग्रेस में दो दल बन चुके थे - गरम दल एवं नरम दल। गरम दल का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय एवं बिपिन चंद्र पाल (जिन्हें लाल-बाल-पाल भी कहा जाता है) कर रहे थे। नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता एवं दादा भाई नौरोजी कर रहे थे। गरम दल पूर्ण स्वराज की माँग कर रहा था परन्तु नरम दल ब्रिटिश राज में स्वशासन चाहता था। प्रथम विश्व युद्ध के छिड़ने के बाद सन् 1916 की लखनऊ बैठक में दोनों दल फिर एक हो गये और होम रूल आंदोलन की शुरुआत हुई जिसके तहत ब्रिटिश राज में भारत के लिये अधिराजकिय पद (अर्थात डोमिनियन स्टेट्स) की माँग की गयी।

काँग्रेस एक जन आंदोलन के रूप में

परन्तु १९१५ में गाँधी जी के भारत आगमन के साथ काँग्रेस में बहुत बड़ा बदलाव आया। चम्पारन एवं खेड़ा में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को जन समर्थन से अपनी पहली सफलता मिली। १९१९ में जालियाँवाला बाग हत्याकांड के पश्चात गान्धी जी काँग्रेस के महासचिव बने। उनके मार्गदर्शन में काँग्रेस कुलीन वर्गीय संस्था से बदलकर एक जनसमुदाय संस्था बन गयी। तत्पश्चात् राष्ट्रीय नेताओं की एक नयी पीढ़ी आयी जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, महादेव देसाई एवं सुभाष चंद्र बोस आदि शामिल थे। गाँधी के नेतृत्व में प्रदेश काँग्रेस कमेटियों का निर्माण हुआ, काँग्रेस में सभी पदों के लिये चुनाव की शुरुआत हुई एवं कार्यवाहियों के लिये भारतीय भाषाओं का प्रयोग शुरू हुआ। काँग्रेस ने कई प्रान्तों में सामाजिक समस्याओं को हटाने के प्रयत्न किये जिनमें छुआछूत, पर्दाप्रथा एवं मद्यपान आदि शामिल थे।[16]

राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए काँग्रेस को धन की कमी का सामना करना पड़ता था। गाँधीजी ने एक करोड़ रुपये से अधिक का धन जमा किया और इसे बाल गंगाधर तिलकके स्मरणार्थ तिलक स्वराज कोष का नाम दिया। ४ आना का नाममात्र सदस्यता शुल्क भी शुरू किया गया था।[17][18]

स्वतन्त्र भारत

1947 में भारत की स्वतन्त्रता के बाद से भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस भारत के मुख्य राजनैतिक दलों में से एक रही है। इस दल के कई प्रमुख नेता भारत के प्रधानमन्त्री रह चुके हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री,पण्डित नेहरू की पुत्री इन्दिरा गाँधी एवं उनके नाती राजीव गाँधी इसी दल से थे। राजीव गाँधी के बाद सीताराम केसरी काँग्रेस के अध्यक्ष बने जिन्हे सोनिया गाँधी के समर्थकों ने नामंजूर कर दिया तथा सोनिया गाँधी को हाईकमान बनाया, राजीव गाँधी की पत्नी सोनिया गाँधी काँग्रेस की अध्यक्ष तथा यूपीए की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं। कपिल सिब्बल, काँग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, अहमद पटेल, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राशिद अल्वी, राज बब्बर, मनीष तिवारी आदि काँग्रेस के वरिष्ट नेता हैं। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह भी काँग्रेस से ताल्लुक रखते हैं।

कांग्रेस के अधिवेशन

वर्षस्थानअध्यक्षटिप्पणी
1885बॉम्बेव्योमेश चन्द्र बनर्जी72 प्रतिनिधि उपस्थित थे।
1886कलकत्तादादाभाई नौरोजीप्रतिनिधियों की संख्या बढकर 436 हो गई।
1887मद्राससैयद बद्रूद्दीन तैयबजीप्रथम मुस्लिम अध्यक्ष
1888प्रयागराजजॉर्ज यूलप्रथम अंग्रेज अध्यक्ष
1889मुंबईसर विलियम वेदरबर्नप्रतिनिधियों की संख्या 1889 हो गई।
1890कलकत्ताफिरोजशाह मेहता
1891नागपुरआनन्दचार्लु
1892प्रयागराजव्योमेश चंद्र बनर्जी
1893लाहौरदादाभाई नौरोजी
1894मद्रासए.वेब
1895पुणेसुरेन्द्रनाथ बनर्जी
1896कलकत्ताएम.रहीमतुल्ला सयानीपहली बार राष्ट्रीय गीत गाया गया था
1897अमरावतीसी.शंकर नायर
1898मद्रासआनंद मोहन बोस
1899लखनऊरोमेश चंद्र बोस
1900लाहौरएन.जी. चंदूनरकर
1901कलकत्ताई.दिंशा वाचा
1902अहमदाबादसुरेन्द्रनाथ बनर्जी
1903मद्रासलालमोहन बोस
1904मुंबईसर हेनरी कॉटन
1905बनारसगोपाल कृष्ण गोखलेबंग भंग आंदोलन का समर्थन

स्वदेशी आंदोलन को समर्थन मिला

1906कलकत्तादादाभाई नौरोजी'स्वराज्य' शब्द का प्रथम बार प्रयोग अध्यक्ष द्वारा किया गया। मुस्लिम लीग की स्थापना
1907सूरतरासबिहारी घोषकांग्रेस का विभाजन एवं सत्र की समाप्ति।
1908मद्रासरासबिहरी घोषकांग्रेस के लिये एक संविधान।
1909लाहौरमदनमोहन मालवीय
1910प्रयागराजसर विलियम वेदरबर्न
1911कलकत्ताबिसन नारायण धरइस अधिवेशन मे पहली बार राष्ट्रगान गाया गया।
1912पटनाआर.एन. मुधालकर
1913कराचीसैयद मुहम्मद बहादुर
1914मद्रासभूपेन्द्रनाथ बोस
1915मुंबईसर एस.पी. सिन्हा
1916लखनऊए.जी. मजुमदारकांग्रेस का मुस्लिम लीग के साथ मिलना कांग्रेस में गरम दल का विलय।
1917कलकताश्रीमती एनी बेसेंटप्रथम महिला अध्यक्ष
1918मुंबईसैयद हसन इमाम
1918दिल्लीमदनमोहन मालवीयनरमदल वालों जैसे एस.एन.बनर्जी का त्यागपत्र
1919अमृतसरमोतीलाल नेहरू
1920नागपुरसी. विजय राघवाचार्यकांग्रेस के संविधान में परिवर्तन
1921अहमदाबादहकीम अजलम खान (कार्यकारी अध्यक्ष)अध्यक्ष सी.आर.दास जेल में कैद
1922गयाचित्तरंजन दासस्वराज्य पार्टी का गठन
1923दिल्लीअबुल कलाम आज़ादसबसे कम उम्र के अध्यक्ष
1923कोकोनाडामौलाना मुहम्मद अली
1924बेलगांवमहात्मा गांधी
1925कानपुरसरोजिनी नायडूप्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष
1926गोहाटीश्रीनिवास अयंगर
1927मद्रासएम.ए. अंसारीजवाहर लाल नेहरू के आग्रह पर पहली बार
स्वतंत्रता प्रस्ताव पारित हुआ।
1928कलकत्तामोतीलाल नेहरूप्रथम अखिल भारतीय युवा कांग्रेस
1929लाहौरजवाहरलाल नेहरूपूर्ण स्वराज्य प्रस्ताव
1930अधिवेशन नहीं हुआजवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने रहे
1931कराचीवल्लभ भाई पटेलमूल अधिकारों तथा राष्ट्रीय आर्थिक नीति प्रस्ताव
1932दिल्लीआर.डी. अमृतलाल
1933कलकत्ताश्रीमती नलिनी सेनगुप्ता
1934मुंबईराजेन्द्र प्रसादकांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन
1935अधिवेशन नहीं हुआराजेन्द्र प्रसाद अध्यक्ष बने रहे
1936लखनऊजवाहरलाल नेहरू
1937फैजपुरजवाहरलाल नेहरूपहली बार गांव में सत्र हुआ।
1938हरिपुरासुभाष चन्द्र बोस
1939त्रिपुरीसुभाष चंद्र बोसबोस का त्यागपत्र, राजेन्द्र प्रसाद का अध्यक्ष बनना तथा
बोस बनना तथा बोस द्वारा फॉरवर्ड ब्लाक का सुभाष चंद्र बोस ने पट्टाभि सीतारमैय्या को पराजित कर के अध्यक्ष बने।
1940रामगढअबुल कलाम आजाद
1941-45अधिवेशन नहीं हुआअबुल कलाम आजाद अध्यक्ष बने रहे।द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण नही हुए
1946मेरठजीवटराम भगवानदास कृपलानी
1947दिल्लीराजेन्द्र प्रसाद

कुल अधिवेशन = 61

काँग्रेस की नीतियों का विरोध

समय-समय पर विभिन्न नेताओं ने काँग्रेस की नीतियों का विरोध किया और उसे हटाने के लिये संघर्ष किया।[19] इनमें राममनोहर लोहिया का नाम अग्रणी है जो जवाहरलाल नेहरू के कट्टर विरोधी थे। इसके अलावा जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा गाँधी की सत्ता को उखाड़ फेंका और एक नया रूप दिया। विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बोफोर्स दलाली काण्ड को लेकर राजीव गाँधी को सत्ता से हटा दिया।

लोहिया का 'काँग्रेस हटाओ' आन्दोलन

संयुक्त विधायक दल भी देखें

राम मनोहर लोहिया लोगों को आगाह करते आ रहे थे कि देश की हालत को सुधारने में काँग्रेस नाकाम रही है। काँग्रेस शासन नए समाज की रचना में सबसे बड़ा रोड़ा है। उसका सत्ता में बने रहना देश के लिये हितकर नहीं है। इसलिए लोहिया ने नारा दिया - "काँग्रेस हटाओ, देश बचाओ।"

1967 के आम चुनाव में एक बड़ा परिवर्तन हुआ। देश के 9 राज्यों - पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में गैर काँग्रेसी सरकारें गठित हो गई। लोहिया इस परिवर्तन के प्रणेता और सूत्रधार बने।

जेपी आन्दोलन

सन् 1974 में जयप्रकाश नारायण ने इन्दिरा गान्धी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये सम्पूर्ण क्रान्ति का नारा दिया। आन्दोलन को भारी जनसमर्थन मिला। इससे निपटने के लिये इन्दिरा गान्धी ने देश में इमर्जेंसी लगा दी। विरोधी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया। इसका आम जनता में जमकर विरोध हुआ। जनता पार्टी की स्थापना हुई और सन् 1977 में काँग्रेस पार्टी बुरी तरह हारी। पुराने काँग्रेसी नेता मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी किन्तु चौधरी चरण सिंह की महत्वाकांक्षा के कारण वह सरकार अधिक दिनों तक न चल सकी।

भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन

सन् 1987 में यह बात सामने आयी थी कि स्वीडन की हथियार कम्पनी बोफोर्स ने भारतीय सेना को तोपें सप्लाई करने का सौदा हथियाने के लिये 80 लाख डालर की दलाली चुकायी थी। उस समय केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी और उसके प्रधानमन्त्री राजीव गान्धी थे। स्वीडन रेडियो ने सबसे पहले 1987 में इसका खुलासा किया। इसे ही बोफोर्स घोटाला या बोफोर्स काण्ड के नाम से जाना जाता हैं। इस खुलासे के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह ने सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन चलाया जिसके परिणाम स्वरूप विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधान मन्त्री बने।

प्रधानमन्त्रियों की सूची

क्र०प्रधानमन्त्रीवर्षअवधिनिर्वाचन क्षेत्र
1जवाहरलाल नेहरू1947–6417 वर्षफूलपुर
2गुलज़ारीलाल नन्दा1964, 196626 दिनसाबरकंठा
3लाल बहादुर शास्त्री1964–662 वर्षइलाहाबाद
4इन्दिरा गाँधी1966–77, 1980–8416 वर्षउत्तर प्रदेश (राज्य सभा), रायबरेली, मेदक
5राजीव गाँधी1984–895 वर्षअमेठी
6पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव1991–965 वर्षनांदयाल
7मनमोहन सिंह2004–1410 वर्षअसम (राज्य सभा)

राष्ट्रपतियों की सूची

कांग्रेस पार्टी से संबंधित विभिन्न राजनेता राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए, जिनके नाम एवं कार्यकाल निम्न प्रकार हैं:-

  1. डॉ राजेन्द्र प्रसाद (1950- 62)
  2. फखरुद्दीन अली अहमद (1974-77)
  3. ज़ैल सिंह (1982-87)
  4. रामास्वामी वेंकटरमण (1987-92)
  5. शंकर दयाल शर्मा (1992-97)
  6. के आर नारायणन (1997-2002)
  7. प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (2007-2012)
  8. प्रणब मुखर्जी (2012-2017)

उपराष्ट्रपतियो की सूची

कांग्रेस पार्टी से संबंधित विभिन्न राजनेता उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए, जिनके नाम एवं कार्यकाल निम्न प्रकार हैं ।

  1. बासप्पा दनप्पा जत्ती (1974-79)
  2. रामास्वामी वेंकटरमण (1984-87)
  3. शंकर दयाल शर्मा (1987-92)
  4. के आर नारायणन (1992-97)
  5. हामिद अंसारी (2007-2017)

उपप्रधानमंत्रियो की सूची

  1. सरदार वल्लभभाई पटेल (1947-50)
  2. मोरारजी देसाई (1967-69)

लोकसभा अध्यक्षो की सूची

कांग्रेस पार्टी को सत्ता मिलने के बाद, पार्टी ने विभिन्न राजनेता लोकसभा स्पीकर के रुप में निर्वाचित हुए, जिनके नाम एवं कार्यकाल निम्न प्रकार हैं :-

  1. गणेश वासुदेव मावलंकर (1952 - 1956)
  2. अनन्त शयनम् अयंगार (1956 - 1962)
  3. सरदार हुकम सिंह (1962 - 1967)
  4. नीलम संजीव रेड्डी (1967 - 1969
  5. जी. एस. ढिल्‍लों (1969 - 1975)
  6. बलि राम भगत (1976 - 1977)
  7. मीरा कुमार (2009-2014)

विपक्ष के नेता

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  2. DeSouza, Peter Ronald (2006). India's Political Parties Readings in Indian Government and Politics series. SAGE Publishing. पृ॰ 420. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9-352-80534-1.
  3. Rosow, Stephen J.; George, Jim (2014). Globalization and Democracy. Rowman & Littlefield]. पपृ॰ 91–96. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-442-21810-9. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "Liberal2" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  4. [1][2][3]
  5. N. S. Gehlot (1991). The Congress Party in India: Policies, Culture, Performance. Deep & Deep Publications. पपृ॰ 150–200. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7100-306-8.
  6. Soper, J. Christopher; Fetzer, Joel S. (2018). Religion and Nationalism in Global Perspective. Cambridge University Press. पपृ॰ 200–210. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-107-18943-0.
  7. [2][3][5][6]
  8. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Barrington2009 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
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  13. क्रान्त, मदनलाल वर्मा (2006). स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास (1 संस्करण). नई दिल्ली: प्रवीण प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-119-4. मूल से 14 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जनवरी 2014. काँग्रेस की स्थापना से पूर्व देश में कुछ ऐसे तत्व विद्यमान थे जो यह सोचते थे कि जब अंग्रेजों को ही यहाँ शासन करना है तो फिर क्यों न उनसे मित्रता बनाकर और उनकी 'प्रशस्ति-स्तुति' या 'जी हुजूरी' करके अपने लिये कुछ विशेष अधिकार प्राप्त किये जायें। इन्हीं तत्वों ने मिलकर राजनीतिक पृष्ठभूमि को इस योग्य बनाया जिस पर विदेशी भावभूमि से आयातित काँग्रेस का संकर बीज बोया जा सका।
  14. बेविर, मार्क (1 मार्च 2003). "Theosophy and the Origins of the Indian National Congress". 7: 99–115. मूल से 2 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019 – वाया escholarship.org. Cite journal requires |journal= (मदद)
  15. John F. Riddick (2006), The history of British India: a chronology, Greenwood Publishing Group, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0313322805
  16. Gavit, Manikrao Hodlya; Chand, Attar (1 मार्च 1989). "Indian National Congress: A Select Bibliography". U.D.H. Publishing House. मूल से 2 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019 – वाया Google Books.
  17. "Headlines given in 'Bombay Chronicle' for his successful drive for the collection of one crore of rupees for The Tilak Swaraj Fund, 1921". Bombay Chronicle. मूल से 26 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ५ मई २०१७.
  18. भीमराव आम्बेडकर (१९४५). What Congress & Gandhi Have done to the Untouchables [काँग्रेस और गाँधी ने अछूतों के साथ क्या किया] (अंग्रेज़ी में). Gautam Book Center. पृ॰ १९. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788187733997. अभिगमन तिथि ५ मई २०१७.
  19. "30 rebels against the Nehru-Gandhi dynasty". मूल से 16 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2019.

बाहरी कड़ियाँ


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