भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना (अंग्रेज़ी: Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि 400 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। भारत के राष्ट्रपति इस सेना के सेनापति।
भारतीय नौसेना सन् 1612 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की युद्धकारिणी सेना के रूप में "इंडियन मेरीन" संगठित की गई। 1685 ई. में इसका नामकरण "बंबई मेरीन" हुआ, जो 1830 ई. तक चला। 8 सितंबर 1934 ई. को भारतीय विधानपरिषद् ने भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम पारित किया और रॉयल इंडियन नेवी का प्रादुर्भाव हुआ।
जून 2019, भारतीय नौसेना के पास 67,252 सक्रिय सैनिक और 75,000 रिजर्व सैनिक है और 150 जहाजों और पनडुब्बियों का बेड़ा हैं और 300 विमान हैं।[4][5] अक्टूबर 2020 के अनुसार ऑपरेशनल बेड़े में 2 विमान वाहक, 1 और तैयार हैं (परीक्षण में), 1 उभयचर युद्ध पोत, 8 लैंडिंग शिप टैंक, 10 युद्धपोत, 13 फ्रिगेट, 23 कॉर्वेट, 1 माइन काउंटर वेसल, 3 परमाणु पनडुब्बी, 15 डीजल पनडुब्बी, 140 पेट्रोल वेसल, 4 रिप्लेनिशमेंट ऑयलर, और सहायक जहाज हैं। इसे एक रीजनल पॉवर के तौर पर देखा जाता है जो एक ब्लू-वाटर नवी बनाने में सक्षम हैं।[8][9][10]
इतिहास
स्वतंत्रताप्राप्ति के समय भारत की नौसेना नाम मात्र की थी। विभाजन की शर्तों के अनुसार लगभग एक तिहाई सेना पाकिस्तान को चली गई। कुछ अतिशय महत्व के नौसैनिक संस्थान भी पाकिस्तान के हो गए। भारत सरकार ने नौसेना के विस्तार की तत्काल योजना बनाई और एक वर्ष बीतने के पहले ही ग्रेट ब्रिटेन से 7, 030 टन का क्रूजर " दिल्ली" खरीदा। इसके बाद ध्वंसक " राजपूत", " राणा", " रणजीत", " गोदावरी", " गंगा" और " गोमती" खरीदे गए। इसके बाद आठ हजार टन का क्रूजर खरीदा गया। इसका नामकरण " मैसूर" हुआ। 1964 ई. तक भारतीय बेड़े में वायुयानवाहक, " विक्रांत" (नौसेना का ध्वजपोत), क्रूजर "दिल्ली" एवं "मैसूर" दो ध्वंसक स्क्वाड्रन तथा अनेक फ्रिगेट स्कवाड्रन थे, जिनमें कुछ अति आधुनिक पनडुब्बीनाशक तथा वायुयाननाशक फ्रिगेट सम्मिलित किए जा चुके थे। " ब्रह्मपुत्र", " व्यास", " बेतवा ", " खुखरी," " कृपाण", " तलवार" तथा " त्रिशूल" नए फ्रिगेट हैं,[11] जिनका निर्माण विशेष रीति से हुआ है। " कावेरी", " कृष्ण" और " तीर" पुराने फ्रिगेट हैं जिनका उपयोग प्रशिक्षण देने में होता है। "कोंकण", "कारवार", "काकीनाडा" "कणानूर", "कडलूर", "बसीन" तथा "बिमलीपट्टम" से सुंरग हटानेवाले तीन स्क्वाड्रन तैयार किए गए हैं। छोटे नौसैनिक जहाजों के नवनिर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है और तीन सागरमुख प्रतिरक्षा नौकाएँ, "अजय", "अक्षय" तथा "अभय" और एक नौबंध "ध्रुवक" तैयार हो चुके हैं। कोचीन, लोणावला, तथा जामनगर में भारतीय नौसेना के प्रशिक्षण संस्थान हैं। आई एन एस अरिहन्त भारत की नाभिकीय उर्जा पनडुब्बी है
In 2022 September 2 India's first Indigenious aircraft vehicle launch name INS VIKRANT
संगठन और नेतृत्व
वर्तमान में एडमिरल राधाकृष्णन हरि कुमार (आर. हरी कुमार) भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। उन्होंने यह पद 30 नवम्बर 2021 से संभाला हैं।
बेड़ा
भारतीय नौसेना के बेड़े में निम्न पोत शामिल हैं[12]-
प्रकार | पोत के नाम |
---|---|
विमान वाहक | |
विध्वंसक/विनाशक | |
फ्रिगेट |
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कॉर्वेट |
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पनडुब्बियाँ |
|
परमाणु पनडुब्बियाँ | |
उभयचर युद्ध पोत |
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गश्त यान/छोटे युद्धक जहाज |
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सहायक पोत |
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ट्रेनिंग/शोध | तीर, तरंगिनी, सुदर्शिनी, म्हादे, सागरध्वनि |
रैंक और प्रतीक चिन्ह
समकक्ष NATO कोड | OF-10 | OF-9 | OF-8 | OF-7 | OF-6 | OF-5 | OF-4 | OF-3 | OF-2 | OF-1 | OF(D) & Student officer | |||||||||||||||||||||||||
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भारतीय नौसेना (Edit) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
एडमिरल ऑफ़ द फ्लीट1 | एडमिरल2 | वाइस एडमिरल | रियर एडमिरल | कमोडोर | कैप्टन (भारतीय नौसेना ) | कमांडर | लेफ्टिनेंट कमांडर | लेफ्टिनेंट | सब-लेफ्टिनेंट |
चित्र दीर्घा
- भारत एवं अमेरीका की एक संयुक्त सैन्य अभ्यास (मालाबार) के दौरान आई एन एस विराट अन्य युद्ध पोतो से साथ
- गोदी मे खड़ा आई एन एस विराट
इन्हें भी देखें
- भारतीय नौसेना का इतिहास
- भारत का समुद्री इतिहास
- भारतीय सशस्त्र सेनाएँ
- भारतीय सैन्य अभियान
- भारतीय तटरक्षक
- भारत की नौसेना के रैंक और प्रतीक चिन्ह
सन्दर्भ
- ↑ {{Cite web |url=http://www.news18.com/news/india/20-sailor-shortage-in-navy-15-officer-posts-vacant-in-army-nirmala-sitharaman-tells-parliament-1616303.html
- ↑ https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192200
- ↑ (Iiss), The International Institute of Strategic Studies (14 February 2017). The Military Balance 2017 (अंग्रेज़ी में). Routledge, Chapman & Hall, Incorporated. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781857439007.
- ↑ अ आ Dutta, Amrita Nayak (2020-11-18). "Hit by budget crunch, Indian Navy now plans to buy 2 Landing Platform Docks instead of 4". ThePrint (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2020-11-27.
[...] current strength of 150 ships and submarines.
- ↑ अ आ "FAQ | Department Of Defence". www.mod.gov.in. अभिगमन तिथि 2020-11-27.
Q 1. What are the current Force Levels of the Indian Navy? [...] Ans. The Indian Navy’s present force level comprises about 150 ships and submarines. [...]
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;karambir-cns
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;dcns-ravneet
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ Todd, Daniel; Lindberg, Michael (1996). Navies and Shipbuilding Industries: The Strained Symbiosis. Greenwood Publishing Group. पपृ॰ 56–57. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780275953102. अभिगमन तिथि 30 November 2015.
- ↑ Kirchberger, Sarah (2015). Assessing China's Naval Power: Technological Innovation, Economic Constraints, and Strategic Implications. Heidelberg: Springer. पृ॰ 60. OCLC 911616881. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9783662471272.
- ↑ "Strength of Defence Forces". pib.gov.in. 24 July 2019. अभिगमन तिथि 16 October 2019.
- ↑ "भारतीय नौसेना को मिला नया ध्वज Balotra News" (अंग्रेज़ी में). 2022-09-02. अभिगमन तिथि 2022-09-05.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2014.
सूत्र
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- Hiranandani, Gulab Mohanlal (2009), Transition to Guardianship: The Indian Navy, 1991–2000, Lancer Publishers LLC, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-935501-66-4
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