भारतीय कपास निगम लिमिटेड
भारतीय कपास निगम लिमिटेड (Cotton corporation of India ltd) भारत सरकार की संस्था है जो कपास के क्रय, व्यापार एवं निर्यात से सम्बन्धित कार्यों का निष्पादन करने के लिए हैं।
इतिहास
सीसीआई की स्थापना 31 जुलाई 1970 को कंपनीज़ अधिनियम 1956 के अधीन पंजीकृत एक सरकारी कंपनी के रूप में हुई। अपनी स्थापना की आरंभिक अवधि में निगम को सार्वजनिक क्षेत्र की एक एजेन्सी के रूप में वस्त्रोद्योग के विभिन घटकों के बीच कपास के समान संवितरण की जिम्मेदारी सौंपी गयी तथा कपास के आयात के सरणीकरण के लिए एक साधन के रूप में भी जिम्मेदारी सौंपी गयी।
कपास परिदृश्य में परिवर्तन के साथ, निगम की भूमिका और कार्य-कलापों की समय-समय पर समीक्षा भी की गयी और उसमें संशोधन किया गया। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 1985 के नीति निदेशों के अनुसार जब कभी कपास के मूल्य (सीड कॉटन) समर्थन स्तर पर पहुँचने लगे, तब निगम को भारत सरकार की नोडल एजेन्सी के रूप में समर्थन मूल्य कार्य करने के लिए नामित किया गया है।
उद्देश्य
वर्ष 1985 की वस्त्र नीति के अनुसार निगम की विनिर्दिष्ट भूमिका संक्षेप में नीचे दिये अनुसार हैं:
- जब कभी कपास के मूल्य भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य तक पहुँचते हैं, तब बिना किसी मात्रात्मक सीमा के समर्थन मूल्य कार्य संचालन करना;
- सीसीआई की अपनी जोखिम पर वाणिज्यिक खरीद कार्य करना
- निर्यात वचनबध्दता को पूरा करने के लिए कपास खरीदना और
- कपास प्रौद्योगिकी मिशन के मिनी मिशन III और IV के लिए कार्यान्वयन एजेन्सी के रूप में कार्य करना।
भारत सरकार की नोडल एजेन्सी के रूप में, निगम अपने आप को समर्थन मूल्य कार्य संचालन की स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रखता है। जब कभी कपास के मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के स्तर तक पहुँच जाते हैं, तब कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य कार्य के अधीन बिना किसी मात्रात्मक सीमा के, कपास की खरीद की जाती है। इन न्यूनतम समर्थन मूल्य कार्यों के अंतर्गत कपास किसान अपनी कपास उपज सीसीआई को बेच सकते हैं और निगम इस तरह की कपास की खरीद तब तक जारी रखेगा, जब तक कपास मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बने रहते हैं।