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भाग 21 (भारत का संविधान)

भारतीय संविधान का भाग XXI कुछ अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रावधान करता है। इनका विवरण निम्नवत है: (जम्मू कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान अनुच्छेद370 में था )

अनुच्छेद

अनुच्‍छेदविवरण
369राज्‍य सूची के कुछ विषयों के सबंध में विधि बनाने की संसद की इस प्रकार अस्‍थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों.
370जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के संबंध में अस्‍थायी उपबंध.
371महाराष्‍ट्र और गुजरात राज्‍यों के संबंध में विशेष उपबंध.
371क(a)नागालैंड राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371ख(b) असम राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371ग(c) मणिपुर राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371घ(d) आंध्र प्रदेश राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371ड(e) आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना.
371च(f) सिक्किम राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371छ(g) मिजोरम राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371ज(h) अरुणाचल प्रदेश राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371-झ(i) गोवा राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
372विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन.
372कविधियों का अनुकूलन करने की राष्‍ट्रपति की शक्ति.
373निवारक निरोध में रखे गए व्‍यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्‍ट्रपति की शाक्ति.
374फेडरल न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों और फेडरल न्‍यायालय में या सपरिषद हिज मेजेस्‍टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध.
375संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्‍यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्‍य करते रहना.
376उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों के बारे में उपबंध.
377भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध.
378लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध.
378कआंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध.
379-391[निरसन]
392कठिनाइयों को दूर करने की राष्‍ष्‍ट्रपति की शक्ति.

स्रोत