भागम भाग (2006 फ़िल्म)
भागम भाग | |
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भागम भाग का पोस्टर | |
निर्देशक | प्रियदर्शन[1] |
लेखक | नीरज वोरा |
निर्माता | सुनील शेट्टी हिरेन गाँधी |
अभिनेता | अक्षय कुमार, अरबाज़ ख़ान, परेश रावल, जैकी श्रॉफ, लारा दत्ता |
संगीतकार | प्रीतम |
प्रदर्शन तिथियाँ | 22 दिसंबर, 2006 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
भागम भाग 2006 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य और रहस्य वाली फिल्म है। इसका निर्देशन प्रियदर्शन ने और निर्माण सुनील शेट्टी तथा हिरेन गाँधी ने किया है। इस फिल्म में गोविंदा, अक्षय कुमार और परेश रावल मुख्य किरदार निभा रहे हैं।[2] ये तीनों पहली बार इस फिल्म में एक साथ दिखे हैं। इनके अलावा इस फिल्म में लारा दत्ता, जैकी श्रॉफ और अरबाज़ ख़ान भी मौजूद हैं। ये फिल्म 22 दिसम्बर 2006 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी।
कहानी
चम्पक चतुर्वेदी (परेश रावल) एक नाटक दिखाने वाली टोली का निर्देशक है। उसे लंदन में नाटक दिखाने का मौका मिलता है। बाबला (गोविंदा) और बंटी (अक्षय कुमार) हमेशा ही नाटक में हीरो बनने के लिए एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। इनके लड़ने के कारण उनकी हीरोइन, अंजलि (तनुश्री दत्ता) नाटक छोड़कर चले जाती है। बिना हीरोइन के नाटक नहीं हो सकता था। इस कारण लंदन आने के बाद, चम्पक उन दोनों से कहता है कि जो भी हीरोइन ढूंढ कर लाएगा उसे ही हीरो बनाया जाएगा। इसके बाद बाबला हीरोइन की तलाश करते हुए वहाँ के एक ड्राइवर, गुलाब सिंह लखन सिंह हरियाणेवाला (राजपाल यादव) से हीरोइन कहाँ मिलेगी, पूछता है। वो उसके हीरोइन शब्द का दूसरा मतलब निकाल कर उसे पार्क में ले जाता है।
बंटी उन दोनों की बातें छुप कर सुनते रहता है और उन दोनों का पीछा करता है। गलतफहमी आगे बढ़ती है और उन दोनों को अंडरवर्ल्ड के दो आदमी मिलते हैं, जो बैग बदल लेते हैं। जब वो देखते हैं कि बैग में ड्रग है, तो बाबला को बंटी पुलिस स्टेशन में ड्रग दे कर इनाम पाने का लालच देकर मना लेता है। जब वो दोनों ड्रग पुलिस स्टेशन में देने जाते हैं तो पुलिस उन्हें ड्रग डीलर समझ कर पकड़ लेती है। तभी वे लोग कमिश्नर जेडी मेहरा (जैकी श्रॉफ) को बुलाते हैं, वो आ कर उन दोनों को छोड़ देता है और चेतावनी भी देता है कि जब तक वे लोग निर्दोष घोषित न हो जाएँ, तब तक देश छोड़ कर नहीं जा सकते। अब हीरोइन की तलाश करते हुए बंटी और गुलाब सिंह एक शराबी डॉन, गुरु (शक्ति कपूर) की मदद लेते हैं। पर अपनी खराब किस्मत के कारण वे लोग उस डॉन के पैरों को ही गलती से तोड़ देते हैं। गुस्से में गुरु उसके गुंडों को उन लोगों को मारने भेज देता है। उससे बचते बचते उनके कार के सामने मुन्नी (लारा दत्ता) ख़ुदकुशी करने आ जाती है। बंटी उसकी जान बचा लेता है और नाटक की टोली से हीरोइन के रूप में मिलाता है।
बाद में बंटी को मुन्नी से प्यार हो जाता है, पर वो अपने प्यार का इकरार करे, उससे पहले ही मुन्नी की गाड़ी से टक्कर हो जाती है। अस्पताल में जब मुन्नी को होश आता है तो वो अपना नाम निशा चौहान बताती है और विक्रम चौहान (अरबाज़ खान) को अपना पति कहती है। उन लोग विक्रम से मिलते हैं, जो बताता है कि निशा कई बार ख़ुदकुशी करने की कोशिश कर चुकी है। बंटी को जब पता चलता है कि उसे जिससे प्यार है, वो पहले से शादीशुदा है तो उसका दिल टूट जाता है। वो उसे भूलने की कोशिश ही करते रहता है कि उसे पता चलता है कि निशा ने खुद को आग लगा कर ख़ुदकुशी कर ली है।
वहीं, अंडरवर्ल्ड डॉन (शरत सक्सेना) ड्रग देता है और उसका बॉस एमजी गांधी (मनोज जोशी) को लगता है कि बंटी, बाबला और चम्पक छुपी हुई पुलिस है। वो उन्हें मारना चाहता है। एक दिन अचानक शहर में बंटी को निशा दिखती है। बाद में चम्पक और बाबला भी उसे देखते हैं। नाटक के दिन वे लोग विक्रम को देखते हैं कि वो किसी की ओर बंदूक रखा हुआ है, तभी अचानक उसे गोली लगती है और उसकी उन लोगों के सामने ही मौत हो जाती है।
कहीं इस खून का आरोप उन लोगों पर न आ जाये, इस कारण वे तीनों मिल कर उस लाश को ठिकाने लगा देते हैं। लेकिन नाटक के दौरान विक्रम की लाश ऊपर छत से नीचे गिर जाती है। इस खून के आरोप में मेहरा उन दिनों को गिरफ्तार कर लेता है। एमजी गांधी उन तीनों को मारने के लिए अपने गुंडे भेजता है। जब पुलिस उन तीनों को जेल में ले जाते रहती है, तभी वो गुंडे हमला कर देते हैं, जिस कारण गलती से वो तीनों मौके का फायदा उठा कर भाग निकलते हैं। गुलाब सिंह को गुरु उन तीनों की तलाश करने का काम देता है। वहीं पुलिस से भागते हुए चम्पक को गलती से एमजी गांधी पकड़ लेता है, जबकि बंटी और बाबला दौड़ते दौड़ते निशा का पीछा करते हुए घंटाघर में चले जाते हैं।
वहाँ निशा अपनी सारी सच्चाई बताती है कि उसका असली नाम अदिति है। वो विक्रम के कहने पर उसकी पत्नी निशा बनने का नाटक कर रही थी और लोगों के सामने पागल होने का दिखावा कर रही थी, जिसके बदले विक्रम उसे पैसे और पासपोर्ट देने वाला था। वो बताती है कि उसे बाद में पता चला कि विक्रम असल में अपनी असली पत्नी को मार कर उसे ख़ुदकुशी साबित करना चाह रहा था। ताकी उसकी सारी दौलत उसे मिल जाये। अदिति को विक्रम देख लेता है और उसे मारने के लिए उसका पीछा करते रहता है, जब अदिति को विक्रम पकड़ लेता है, तभी मेहरा आ कर विक्रम को गोली मार देता है। तभी मेहरा आ जाता है और मान भी लेता है कि उसी ने विक्रम को मारा था।
मेहरा उन सभी को बताता है कि निशा उसकी बहन थी, और उसने विक्रम से अपनी बहन की हत्या का बदला लेने के लिए उसे मारा था। वो ये भी बताता है कि वो अदिति को भी मारना चाहता था, क्योंकि उसी ने विक्रम की निशा के हत्या को ख़ुदकुशी साबित करने में मदद की थी।
गुरु और उसके गुंडे, गुलाब सिंह को ले कर घंटाघर आ जाते हैं। गांधी और उसके गुंडे भी चम्पक के साथ आ जाते हैं। गुलाब सिंह के टैक्सी का मालिक भी वहीं आ जाता है। कई सारी गलतफहमियों के चलते वे लोग इधर उधर भागते हुए सबसे ऊपर वाले कमरे में आ जाते हैं। वहाँ मेहरा बंदूक ताने खड़ा रहता है और वहीं एमजी गांधी खुफिया पुलिस और मेहरा को देख कर डर जाता है और उस पर गोली चला देता है। वो गोली मधुमक्खी के छत्ते में लगता है और मधुमक्खी उन सभी को काटने लगते हैं।
उन लोग घंटाघर के ऊपरी मंजिल से गिरने वाले होते हैं कि आग बुझाने वाले आ जाते हैं और अपने क्रेन से उन सभी को नीचे उतारने की कोशिश करते हैं। एक क्रेन में एक बार में सिर्फ दो लोगों को लाना रहता है, लेकिन वे सभी मधुमक्खी के डर से एक बार में ही उसी में चढ़ जाते हैं। इससे क्रेन खराब हो जाता है और सभी इधर उधर गिरने लगते हैं।
अंत में दिखाया जाता है कि मेहरा को छोड़ कर सब के सब अस्पताल में भर्ती रहते हैं। मेहरा वहाँ आकर बंटी, बाबला और चम्पक का पासपोर्ट उन्हें वापस करता है और उसके बाद अस्पताल से बाहर निकल कर खुद को पुलिस के हवाले कर देता है।
कलाकार
- अक्षय कुमार — बंटी
- गोविंदा — बाबला
- लारा दत्ता — मुन्नी/अदिति देसाई
- परेश रावल — चंपक चतुर्वेदी 'उर्फ़' चंपक सेठ
- जैकी श्रॉफ — पुलिस कमिशनर जे डी मेहरा
- राजपाल यादव — गुलाब सिंह लखन सिंह हरियानेवाले 'उर्फ़' गुल्लू
- मनोज जोशी — मनु भाई गांधी
- शरत सक्सेना — गांधी का दलाल
- शक्ति कपूर — गुरू
- रज़ाक ख़ान — हक्का
- अरबाज़ ख़ान — विक्रम चौहान
- असरानी — रविंदर तनेजा, रंगदल आयोजक
- अमिता नाँगिया — रंगदल की गायिका
- तनुश्री दत्ता — अंजली (विशेष पात्र)
- गुरलीन चोपड़ा — निशा चौहान
- शांतिप्रिया — निशा की बहन
- प्रेमा राठौड — शीतल
- मौशमी उदेशी — नर्तकी, गीत "आफ़रीन" में
संगीत
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत प्रीतम चक्रवर्ती द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आफ़रीन" | केके, सुनिधि चौहान | 6:06 |
2. | "आफ़रीन" (रीमिक्स) | केके, सुनिधि चौहान | 4:47 |
3. | "चल उड़ चलें" | जोजो, सुहैल कौल | 4:42 |
4. | "तेरे बिन" | कुणाल गांजावाला, सुनिधि चौहान | 5:40 |
5. | "तेरे बिन" (रीमिक्स) | कुणाल गांजावाला, सुनिधि चौहान | 4:44 |
6. | "तेरे बिन" (धुन) | कुणाल गांजावाला, सुनिधि चौहान | 5:46 |
7. | "भागम भाग" | नीरज श्रीधर | 4:39 |
8. | "भागम भाग" (रागा मिक्स) | नीरज श्रीधर | 5:00 |
9. | "भागम भाग" (रीमिक्स) | नीरज श्रीधर | 4:39 |
10. | "सिगनल" | रेमो फर्नांडिस, सुसैन डिमेलो | 5:00 |
11. | "सिगनल" (रीमिक्स) | रेमो फर्नांडिस, सुसैन डिमेलो | 4:56 |
सन्दर्भ
- ↑ "12 साल बाद अक्षय कुमार और गोविंदा की 'भागम-भाग' का बनेगा सीक्वल, यह कलाकार होगा हीरो | Bollywood Life हिंदी". Bollywood Life. 18 मई 2018. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2024.
- ↑ "मलयालम फिल्में बनाने वाले प्रियदर्शन कैसे बने कॉमेडी के सरताज? देखें उनकी ये बॉलीवुड फिल्में". एबीपी न्यूज़. 29 जनवरी 2024. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2024.