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भवभूषण मित्र

भवभूषण मित्र
ভবভূষণ মিত্র

भवभूषण मित्र
जन्मबलरामपुर, बांग्लादेश
मौतकोलकाता, भारत
उपनाम सत्यानन्द जगद्गुरु, स्वामी सत्यानन्द पुरी

भवभूषण मित्र (उपाख्य सत्यानन्द जगद्गुरु, स्वामी सत्यानन्द पुरी ; २७ जनवरी, १८८१ – १९७०) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारी थे जो सामजिक कार्य का त्याग कर मुक्तिसंग्रामी बन गये थे।

वे अलीपुर बम काण्ड में अभियुक्त बनाये गये थे। वे बहुत दिनों तक आत्मगोपन की स्थिति में रहे। बाद में मुम्बई बन्दरगाह से गिरफ्तार किये गये और एक अन्य मामले में भी उन पर अभियोग चला। बाद के समय में वे वे संन्यासी का जीवन जिये तथा स्वाधीनता आन्दोलन के क्रान्तिकारियों के लिये प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रेरणा देते रहे। [1]

जन्म व शिक्षा

भवभूषण मित्र का जन्म बलरामपुर में हुआ था जो अब बांग्लादेश के यशोर जिले में है।[1]

सन्दर्भ

  1. सुबोध सेनगुप्त तथा अंजलि बसु सम्पादित, संसद बाङालि चरिताभिधान, प्रथम खण्ड, साहित्य संसद, कलकाता, नवम्बर २०१३, पृष्ठ ५१२, ISBN 978-81-7955-135-6