भट्टिप्रोलु लिपि
भट्टिप्रोलु एक लिपि है जो ब्राह्मी का परिवर्तित रूप है। वर्तमान आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के भट्टिप्रोलु गाँव के प्राचीन शिलालेखों में इस लिपि का प्रयोग हुआ है। इतिहासकार मानते हैं कि तेलुगु लिपि इसी लिपि से व्युत्पन्न हुई है।
व्युत्पत्ति
निम्नलिखित स्थान पर एक चर्चा है जो यह बताती हि कि किस प्रकार भारतीय लिपियों का विकास सिन्धु लिपि से हुआ।[1]

विशेषताएँ
- (१) भट्टिप्रोलु के अधिकांश वर्ण ब्राह्मी से मिलते हैं किन्तु घ, ज, म, ल, स पूर्णतः अलग हैं।
- (२) ब्राह्मी के म की तुलना में भट्टिप्रोलु का म उल्टा है (ऊपर-नीचे)।
- (३) यह लिपि तमिल-ब्राह्मी से मिलती-जुलती है।