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ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ

ब्राह्मी परिवार उन लिपियों का परिवार हैं जिनकी पूर्वज ब्राह्मी लिपि है। इनका प्रयोग दक्षिण एशिया, दक्षिणपूर्व एशिया में होता है, तथा मध्यपूर्व एशिया के कुछ भागों में भी होता है।

इस परिवार की किसी लेखन प्रणाली को ब्राह्मी-आधारित लिपि या भारतीय लिपि कहा जा सकता है।

इन लिपियों का प्रयोग कई भाषा परिवारों में होता था, उदाहरणार्थ भारोपीय, चीनी-तिब्बती, मंगोलियाई, द्रविडीय, ऑस्ट्रो-एशियाई, ऑस्ट्रोनेशियाई, ताई और सम्भवतः कोरियाई में। इनका प्रभाव आधुनिक जापानी भाषा में प्रयुक्त अक्षर क्रमांकन पर भी दिखता है।

इतिहास

ब्राह्मी से उत्पन्न कुछ लिपियाँ
पश्चात् कालीन चोल काल से एक प्राचीन तमिल लिपि (वट्टेळुत्तु) का नमूना, 11वीं सदी। प्राचीन तमिल सीधे ब्राह्मी लेखन प्रणाली से उपजी है।

ब्राह्मी-आधारित लिपियाँ ब्राह्मी लिपि से उपजी हैं। ईसा पूर्व तीसरी सदी में अशोक के राज्यकाल में ब्राह्मी का प्रयोग का साक्ष्य मिलता है, उन्होंने इस लिपि का इस्तेमाल साम्राज्यीय शिलालेखों के लिए किया था। लेकिन इसके अलावा, हाल ही में, श्री लंका में अनुराधापुर में ईसा पूर्व छठी सदी के समय के मिट्टी के बर्तनों पर सिंहल ब्राह्मी में लिखे कुछ भंजित शिलालेख मिले हैं[1]। ईसा पूर्व चौथी या पाँचवी सदी के तमिल ब्राह्मी के नमूने भी भट्टिप्रोलु व अन्यत्र मिले हैं।

गुप्त वंश के समय उत्तरी ब्राह्मी से गुप्त लिपि आई और मध्यकाल में कई लिखावटों की जननी बनी, इनमें सिद्धम, शारदा और नागरी प्रमुख हैं।

सिद्धम (कांजी: 悉曇, आधुनिक जापानी उच्चारण: शित्तन) लिपि बौद्ध धर्म के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण थी क्योंकि कई सूत्र इसी में लिखे गए थे और आज भी जापान में सिद्धम सुलेख की कला कायम है।

दक्षिणी ब्राह्मी से ग्रन्थ लिपि व अन्य लिपियों की उपज हुई और फिर इनसे दक्षिणपूर्व एशिया की कई लिपियाँ बनीं।

तीसरी सदी में भट्टिप्रोलु बौद्ध धर्म का एक बड़ा केन्द्र था, यहीं से बौद्ध धर्म पूर्वी एशिया में फैला। आधुनिक तेलुगु लिपि भट्टिप्रोलु लिपि या 'कन्नड-तेलुगु लिपि' से ही जनित है, इसे 'प्राचीन कन्नड़ लिपि' भी कहते हैं क्योंकि कन्नड़ से इसकी समानता काफ़ी है[2][3]

प्रारंभ में कुछ छोटे परिवर्तन हुए, उससे जो लिपि बनी उसे अब तमिल ब्राह्मी कहते हैं, इसमें कुछ अन्य भारतीय लिपियों की तुलना में कहीं कम अक्षर हैं क्योंकि इसमें अलग से महाप्राण या सघोष व्यंजन नहीं हैं। बाद में ग्रन्थ के प्रभाव से वेट्टुळुतु का प्रादुर्भाव हुआ जो कि आधुनिक मलयालम लिपि जैसी दिखती है। 11वीं और 20वीं सदी में और भी बदलाव हुए ताकि छपाई और टंकण के लिए सुविधा हो और इस प्रकार समकालीन लिपि सामने आई।

गेरी लेडयार्ड ने परिकल्पना की है कि हांगुल लिपि, जो कोरियाई लिखने के काम आती है, वास्तव में मंगोल फग्स्पा लिपि से उपजी है, जो कि तिब्बती के माध्यम से ब्राह्मी परिवार से उत्पन्न हुई थी।

विशेषताएँ

कुछ विशेषताएँ, जो अधिकांश लिपियों में नहीं बल्कि सभी लिपियों में मौजूद हैं:

  • प्रत्येक व्यंजन में एक अंतर्निहित स्वर होता है जो आमतौर पर एक छोटा 'अ' होता है (बंगाली, असमीया और ओड़िया में, ध्वनि परिवर्तन /ऑ/ ध्वनि के बदलाव के कारण होता है)। अन्य स्वर वर्ण जोड़कर लिखे जाते हैं। एक चिह्न, जिसे संस्कृत में एक विराम/हलंत के रूप में जाना जाता है, का उपयोग एक अंतर्निहित स्वर की अनुपस्थिति को इंगित करने के लिए किया जा सकता है।
  • प्रत्येक स्वर के दो रूप होते हैं, एक स्वतंत्र रूप जब एक व्यंजन से जुड़ा नहीं होता है, और एक आश्रित रूप, जब एक व्यंजन से जुड़ा होता है। लिपि के आधार पर, आश्रित रूपों को या तो बाईं ओर, ऊपर, नीचे, या आधार व्यंजन के बाएँ और दाएँ दोनों तरफ रखा जा सकता है।
  • व्यंजन (देवनागरी में 4 तक) संयुक्ताक्षरों में जोड़ा जा सकता है। किसी अन्य व्यंजन के साथ 'र्' के संयोजन को दर्शाने के लिए विशेष चिह्न जोड़ा जाता हैं।
  • व्यंजन पर निर्भर स्वर के अनुनासिकीकरण और महाप्राण और अल्पप्राण व्यंजन को भी अलग-अलग संकेतों द्वारा लिखा जाता है।
  • वर्णमाला क्रम इस प्रकार है: स्वर, कण्ठ्य व्यंजन, तालव्य व्यंजन, मूर्धन्य व्यंजन, दन्त्य व्यंजन, ओष्ठ्य व्यंजन, अन्तस्थ व्यंजन, ऊष्म व्यंजन, व अन्य व्यंजन। हर व्यंजन समूह में चार व्यंजन होते हैं (घोष व प्राण के लिए के सभी चार संभावित मूल्यों के साथ), व एक अनुनासिक व्यंजन होता है।

तुलना

नीचे कई प्रमुख भारतीय लिपियों की तुलना के लिए तालिकाएँ दी गईं हैं।

व्यंजन

ब्राह्मी𑀓𑀕𑀗𑀙𑀚𑀛𑀞𑀡𑀢𑀣 𑀩𑀪𑀫𑀬   𑀯𑀓𑁆𑀱𑀚𑁆𑀜
देवनागरीय़क्षज्ञ
पूर्वीनागरी য়র,ৰ   হ‌ক্ষজ্ঞ
सारदा𑆑𑆒𑆓𑆔𑆕𑆖𑆗𑆘𑆙𑆚𑆛𑆜𑆝𑆞𑆟𑆠𑆡𑆢𑆣𑆤 𑆥𑆦𑆧𑆨𑆩𑆪 𑆫 𑆬𑆭 𑆮𑆯𑆰𑆱𑆲𑆑𑇀𑆰𑆘𑇀𑆚
गुरुमुखी   ਲ਼ ਸ਼ ਕ੍ਸ਼਼ਜ੍ਞ
गुजराती    ક્ષજ્ઞ
ओड़िया    କ୍ଷଜ୍ଞ
तमिलக்   ங்ச் ஜ் ஞ்ட்   ண்த்   ந்ன்ப்   ம்ய் ர்ற்ல்ள்ழ்வ் ஷ்ஸ்ஹ்க்ஷ்ஜ்ஞ
तेलुगु   క్షజ్ఞ
कन्नड़  ಕ್ಷಜ್ಞ
मलयालम  ക്ഷജ്ഞ
सिंहली​ඣ​    ක්‍ෂ
त्रिविष्टपी          ཀྵཛྙ
मणिपुरी     ꯛꯁꯖ꯭ꯅ
श्रीजंघा          ᤁ᤻ᤙᤈ᤻ᤏ
चकमा[a]𑄇𑄈𑄉𑄊𑄋𑄌𑄍𑄎𑄏𑄐𑄑𑄒𑄓𑄔𑄕𑄖𑄗𑄘𑄙𑄚𑄛𑄜𑄝𑄞𑄟𑄠𑄡𑄢𑄣𑅄𑄤𑄥𑄦𑄇𑄴𑄥𑄧𑄎𑄴𑄐𑄧
थाई     กฺษชฺญ
म्यांमारကဉ/ည က္ၑဇ္ဉ
ख्मेर     ក្ឞជ្ញ
जवा     ꦏ꧀ꦰꦗ꧀ꦚ
लाओ                ກ຺ຩຊ຺ຎ
सुन्दा                

स्वर

एकल स्वर हर स्तंभ में बाएँ तरफ प्रदर्शित हैं और उस लिपि के "क" व्यंजन में मात्रा के तौर पर दाईं तरफ हैं।

ब्राह्मी 𑀅𑀓𑀆𑀓𑀸    𑀇𑀓𑀺𑀈𑀓𑀻𑀉𑀓𑀼𑀊𑀓𑀽𑀋𑀓𑀾𑀌𑀓𑀿𑀍𑀓𑁀𑀎𑀓𑁁𑀏𑁆𑀓𑁂𑁆𑀏𑀓𑁂𑀐𑀓𑁃𑀑𑀓𑁄𑀑𑀓𑁄𑀒𑀓𑁅  𑀅𑀁𑀓𑀁𑀅𑀂𑀓𑀂𑀓𑁆𑀓𑀀𑀑𑀁
देवनागरी काकॅकॉकिकीकुकूकृकॄकॢकॣकॆकेकैकॊकोकौ  अंकंअःकःक्कँॐ,ꣽ
पूर्वीनागरी কাঅ্যাক্যা  কিকীকুকূকৃকৄকৢকৣ  কেকৈ  কোকৌঅংকংঅঃকঃক্কঁওঁ
मिथिलाक्षर 𑒁𑒏𑒂𑒏𑒰    𑒃𑒏𑒱𑒄𑒏𑒲𑒅𑒏𑒳𑒆𑒏𑒴𑒇𑒏𑒵𑒈𑒏𑒶𑒉𑒏𑒷𑒊𑒏𑒸𑒁𑒺𑒏𑒺𑒋𑒏𑒹𑒌𑒏𑒻𑒁𑒽𑒏𑒽𑒍𑒏𑒼𑒎𑒏𑒾  𑒁𑓀𑒏𑓀𑒁𑓁𑒏𑓁𑒏𑓂𑒏𑒿𑓇
सारदा 𑆃𑆑𑆄𑆑𑆳𑆃𑆾𑇋𑆑𑆾𑇋𑆃𑆾𑇋𑆳𑆑𑆾𑇋𑆳𑆅𑆑𑆴𑆆𑆑𑆵𑆇𑆑𑆶𑆈𑆑𑆷𑆉𑆑𑆸𑆊𑆑𑆹𑆋𑆑𑆺𑆌𑆑𑆻𑆍𑇌𑆑𑆼𑇌𑆍𑆑𑆼𑆎𑆑𑆽𑆏𑇌𑆑𑆾𑇌𑆏𑆑𑆾𑆐𑆑𑆿  𑆃𑆁𑆑𑆁𑆃𑆂𑆑𑆂𑆑𑇀𑆑𑆀𑆏𑆀
गुरुमुखी ਕਾ    ਕਿਕੀਕੁਕੂ          ਕੇਕੈ  ਕੋਕੌਅੰਕੰਅਃਕਃਕ੍ 
गुजराती કાકૅકૉકિકીકુકૂકૃકૄકૢકૣ  કેકૈ  કોકૌઅંકંઅઃકઃક્કઁ
ओड़िया କା    କିକୀକୁକୂକୃକୄକୢକୣ  କେକୈ  କୋକୌଅଂକଂଅଃକଃକ୍କଁଓଁ,ଓ‍ଁ
तमिल கா    கிகீகுகூ        கெகேகைகொகோகௌ  அஂகஂஅஃகஃக் 
तेलुगु కా    కికీకుకూకృకౄకౢకౣకెకేకైకొకోకౌ  అంకంఅఃకఃక్కఀఓం
कन्नड़ ಕಾ    ಕಿಕೀಕುಕೂಕೃಕೄಕೢಕೣಕೆಕೇಕೈಕೊಕೋಕೌಅಂಕಂಅಃಕಃಕ್ಕಁಓಂ
मलयालम കാ    കികീകുകൂകൃകൄകൢകൣകെകേകൈകൊകോകൗ  അംകംഅഃകഃക്കഁഓം
सिंहली කාකැකෑකිකීකුකූකෘකෲකෟකෳකෙකේකෛකොකෝකෞ  අංකංඅඃකඃක් ඕං
सिद्धम् 𑖀𑖎𑖁𑖎𑖯    𑖂𑖎𑖰𑖃𑖎𑖱𑖄𑖎𑖲𑖅𑖎𑖳𑖆𑖎𑖴𑖇𑖎𑖵𑖈𑖎𑖿𑖩𑖰𑖉𑖎𑖿𑖩𑖱  𑖊𑖎𑖸𑖋𑖎𑖹  𑖌𑖎𑖺𑖍𑖎𑖻  𑖀𑖽𑖎𑖽𑖀𑖾𑖎𑖾𑖎𑖿𑖎𑖼𑖌𑖼
त्रिविष्टपी ཨཱཀཱ    ཨིཀིཨཱིཀཱིཨུཀུཨཱུཀཱུརྀཀྲྀརཱྀཀྲཱྀལྀཀླྀལཱྀཀླཱྀ  ཨེཀེཨཻཀཻ  ཨོཀོཨཽཀཽ  ཨཾཀཾཨཿཀཿ ཀྃ
मणिपुरी ꯑꯥꯀꯥ    ꯀꯤꯑꫫꯀꫫꯀꯨꯑꫬꯀꫬ          ꯑꯦꯀꯦꯑꯩꯀꯩ  ꯑꯣꯀꯣꯑꯧꯀꯧ  ꯑꯪꯀꯪꯑꯍ꯭ꯀꯍ꯭ ꯑꯣꯪ,ꫲ
सिलेटीनागरी  ꠇꠣ    ꠇꠤ  ꠇꠥ  ꠞꠤꠇ꠆ꠞꠤ  ꠟꠤꠇ꠆ꠟꠤ    ꠇꠦꠅꠂꠇꠂ  ꠇꠧꠅꠃꠇꠃ   ꠇꠋ ꠇꠢ꠆ꠇ꠆ ꠅꠋ
म्यांमार ကအာကာ    ကိကီကုကူကၖကၗကၘကၙ  ကေအဲကဲ  ကောကော်  အံကံအးကးက် ဥုံ
कैठी 𑂃𑂍𑂄𑂍𑂰    𑂅𑂍𑂱𑂆𑂍𑂲𑂇𑂍𑂳𑂈𑂍𑂴𑂩𑂱𑂍𑃂𑂩𑂲𑂍𑂹𑂩𑂲𑂪𑂱𑂍𑂹𑂪𑂱𑂪𑂲𑂍𑂹𑂪𑂲  𑂉𑂍𑂵𑂊𑂍𑂶  𑂋𑂍𑂷⸱𑂌⸱𑂍𑂸  𑂃𑂁𑂍𑂁𑂃𑂂𑂍𑂂𑂍𑂹𑂍𑂀𑂋𑂁
जवा ꦄꦴꦏꦴ    ꦏꦶꦏꦷꦏꦸꦈꦴꦏꦹꦏꦽꦉꦴꦏ꧀ꦉꦴ,ꦏꦽꦴꦏ꧀ꦊꦏ꧀ꦋꦏꦺ  ꦏꦻꦏꦺꦴꦏꦺꦴꦎꦴꦏꦻꦴꦄꦼꦏꦼꦄꦁꦏꦁꦄꦃꦏꦃꦏ꧀ꦏꦀꦎꦀ
वली ᬓᬵ    ᬓᬶᬓᬷᬓᬸᬓᬹᬓᬺᬓᬻᬓᬼ  ᬓᬾᬓᬾᬓᬿᬓᭀ  ᬓᭁᬅᭂᬓᭂᬅᬂᬓᬂᬅᬄᬓᬄᬓ᭄ᬓᬁᬒᬁ
सुन्दा      ᮊᮩᮊᮤ  ᮊᮥ  ᮊ᮪ᮻ  ᮊ᮪ᮼ  ᮊᮦ  ᮃᮄᮊᮄᮊᮧ  ᮃᮅᮊᮅᮊᮨᮃᮀᮊᮀᮃᮂᮊᮂᮊ᮪ ᮇᮀ

संख्या

भारती0123456789
ब्राह्मी
देवनागरी
पूर्वनागरी
मैथिली 𑓐𑓑𑓒𑓓𑓔𑓕𑓖𑓗𑓘𑓙
सारदा 𑇐𑇑𑇒𑇓𑇔𑇕𑇖𑇗𑇘𑇙
गुरुमुखी
गुजराती
ओड़िया
तमिल
तेलुगु
कन्नड़
मलयालम
ज्योतिषीय सिंहली
प्राचीन सिंहली 𑇡𑇢𑇣𑇤𑇥𑇦𑇧𑇨𑇩
गुंजाल गोंडी 𑶠𑶡𑶢𑶣𑶤𑶥𑶦𑶧𑶨𑶩
मसारम् गोंडी 𑵐𑵑𑵒𑵓𑵔𑵕𑵖𑵗𑵘𑵙
त्रिविष्टपी
मोदी 𑙐𑙑𑙒𑙓𑙔𑙕𑙖𑙗𑙘𑙙
तक्री 𑛀𑛁𑛂𑛃𑛄𑛅𑛆𑛇𑛈𑛉
स्वधावादी 𑋰𑋱𑋲𑋳𑋴𑋵𑋶𑋷𑋸𑋹
मंगोलीय
मणिपुरी
प्रचलित 𑑐𑑑𑑒𑑓𑑔𑑕𑑖𑑗𑑘𑑙
रौं‎
श्रीजंघा
अहम 𑜰𑜱𑜲𑜳𑜴𑜵𑜶𑜷𑜸𑜹
चकमा 𑄶𑄷𑄸𑄹𑄺𑄻𑄼𑄽𑄾𑄿
म्यांमार
नवा ताई ल्यू
ज्योतिषीय ताई थाम
धीवेस अकुरु 𑥐𑥑𑥒𑥓𑥔𑥕𑥖𑥗𑥘𑥙
सौराष्ट्र
ताई थाम
शण
ख्मेर
थाई
लाओ
चम
कवि 𑽐𑽑𑽒𑽓𑽔𑽕𑽖𑽗𑽘𑽙
वली
जवा
सुन्दा
भारती0123456789

ब्राह्मी आधारित लिपियों की सूची

ब्राह्मी लिपि का भारत से बाहर अन्य देशों में प्रसार

ब्राह्मी से उपजी लिपियाँ।

ऐतिहासिक

सबसे पुराने ज्ञात लेखों के अवेशेष तीसरी सदी ईसा पूर्व के हैं, इस समय तक ब्राह्मी लिपि के कई क्षेत्रीय संस्करण बन ही चुके थे। ब्राह्मी लिपि की बनावट पाँचवी सदी ईसवीं के बाद से और अधिक विविध होती गई और मध्य युग में इसने लगातार कई नई लिपियों को जन्म दिया। प्राचीनकाल का मुख्य विभाजन था उत्तरी व दक्षिणी ब्राह्मी के बीच का। उत्तरी समूह में गुप्त लिपि का प्रभाव काफ़ी था और दक्षिणी समूह में हिंदू धर्म के फैलाव के साथ ग्रन्थ लिपि के जरिए संपूर्ण दक्षिणपूर्व एशिया में ब्राह्मी लिपियाँ फैल गईं।

समकालीन

लिपि जननी जन्म का काल प्रयोग आईएसओ १५९२४यूनिकोड मालानमूना
बालीप्राचीन कवि लिपि११वीं शताब्दी बाली भाषाBali U+1B00–U+1B7F
तागालगप्राचीन कवि लिपि१४वीं शताब्दी तगालोग, फ़िलिपींस की अन्य भाषाएँTglg U+1700–U+171F
बुहिदप्राचीन कवि लिपि१४वीं शताब्दी बुहिद भाषाBuhd U+1740–U+175F ᝊᝓᝑᝒ
बर्मीवट्टेळुत्तु११वीं शताब्दी बर्मी भाषा, अन्य भाषाओं के लिए कई बदलाव उ. चकमा, पूर्वी व पश्चिमी प्वो करेन, गेबा करेन, काया, मोन, रुमई पलउंग, सगाव करेन, शानMymr U+1000–U+109F မြန်မာအက္ခရာ
चमवट्टेळुत्तु८वीं शताब्दी चाम भाषाCham U+AA00–U+AA5F
देवनागरीनागरी१३वीं शताब्दी कई इंडो-आर्य भाषाएँDeva U+0900–U+097F देवनागरी
पूर्वी नागरीनागरी११वीं शताब्दी बंगाली भाषा (बंगाली लिपि variant), असमिया भाषा (असमिया लिपि variant) Beng U+0980–U+09FF বাংলা লিপি / অসমীয়া লিপি
गुजरातीनागरी१७वीं शताब्दी गुजराती भाषा, कच्छी भाषाGujr U+0A80–U+0AFF ગુજરાતી લિપિ
गुरुमुखीशारदा१६वीं शताब्दी पंजाबी भाषाGuru U+0A00–U+0A7F ਗੁਰਮੁਖੀ
हनुनोओप्राचीन कवि लिपि१४वीं शताब्दी हनुनोओ की भाषआHano U+1720–U+173F
जावाईप्राचीन कवि लिपि१६वीं शताब्दी जावाई भाषाJava N/A
कन्नड़कदंब लिपि१६वीं शताब्दी कन्नड़ भाषा, अन्य Knda U+0C80–U+0CFF ಕನ್ನಡ ಅಕ್ಷರಮಾಲೆ
ख्मेरवट्टेळुत्तु११वीं शताब्दी ख्मेर भाषाKhmr U+1780–U+17FF, U+19E0–U+19FF អក្សរខ្មែរ
लाओख्मेर१४वीं शताब्दी लाओ भाषआ, अन्य LaooU+0E80–U+0EFF ອັກສອນລາວ
लेप्चातिब्बती१८वीं शताब्दी लेप्चा भाषाLepc U+1C00–U+1C4F
लिंबुलेप्चा१८वीं शताब्दी लिंबु भाषाLimbU+1900–U+194F
लोंतराप्राचीन कवि लिपि१७वीं शताब्दी बुगिनी भाषा, अन्य; प्रायः लुप्त, केवल कर्मकांड के लिए प्रयुक्त Bugi U+1A00–U+1A1F
मलयालमग्रन्थ१२वीं शताब्दी मलयालम भाषाMlym U+0D00–U+0D7F മലയാളലിപി
उड़ियाकलिंग१२वीं शताब्दी उड़िया भाषाOrya U+0B00–U+0B7F ଓଡ଼ିୟା ଲିପି
रेजंग लिपिप्राचीन कवि लिपि१८वीं शताब्दी रेजंग भाषा, प्रायः लुप्त Rjng U+A930–U+A95F
सौराष्ट्रग्रन्थबीसवीं शताब्दी सौराष्ट्र भाषा, प्रायः लुप्त Saur U+A880–U+A8DF
सिंहलग्रन्थ१२वीं शताब्दी सिंहल भाषाSinh U+0D80–U+0DFF ශුද්ධ සිංහල
सुंदनी लिपिप्राचीन कावा१४वीं शताब्दी सुंदनी भाषाSund U+1B80–U+1BBF
ताई लेताई ल्यू भाषाTale U+1950–U+197F
नई ताई लुएताई थाम१९५०आदि ताई ल्यू भाषाTalu U+1980-U+19DF
तग्बन्वाप्राचीन कवि लिपि१४वीं शताब्दी पलवन की कई भाषाएँ, लगभग लुप्त Tagb U+1760–U+177F
तमिलवट्टेळुत्तु८वीं शताब्दी तमिल भाषाTaml U+0B80–U+0BFF தமிழ் அரிச்சுவடி
तेलुगु१६वीं शताब्दी तेलुगु भाषाTelu U+0C01–U+0C6F తెలుగు లిపి
थाईख्मेर१३वीं शताब्दी थाई भाषाThai U+0E00–U+0E7F อักษรไทย
त्रिविष्टपीसिद्धम८वीं शताब्दी तिब्बती भाषाTibt U+0F00–U+0FFF དབུ་ཅན་
ताई विएतताई दाम भाषाTavt N/A
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kashmir Kuno
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
गुरुमुखी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Landa
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kudhawadi
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
शारदा
 
 
 
 
 
 
 
Khojki
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
डोगरी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kusan
 
 
 
 
 
 
 
Takri
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Chameali
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Tokharia
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
उत्तर ब्राह्मी
 
 
 
 
 
 
 
 
Siddham
 
 
 
 
 
 
 
'Phags-pa
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Manipur
 
 
 
 
 
 
Tibet
 
 
 
 
 
 
Hangeul(hipotesis)
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Lepcha
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Gupta
 
 
 
 
 
 
 
देवनागरी
 
 
 
 
 
 
Limbu
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Modi
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
नागरी
 
 
नन्दनागरी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
गुजराती
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Angga
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kaithi
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Sylheti नागरी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Assam
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
नागरी Timur
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Proto-Bengali
 
 
 
 
 
 
 
Bengali
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Tirhuta
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Bhujimol
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Nepal
 
 
Prachalit nepal
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Ranjana
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
तमिल-ब्राह्मी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Soyombo
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Vatteluttu
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
ब्राह्मी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kolezhuthu
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
मलयालम
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Tulu
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Sinhala
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Dhives Akuru
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Saurashtra
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Lao
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Khmer
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Thai
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Cham
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Bali
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Batak
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Baybayin
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
पल्लव-
ग्रन्थ
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Buhid
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Hanunó'o
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
दक्षिणी ब्राह्मी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kawi
 
 
Jawa
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Lampung
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Lontara
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Rejang
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Sunda Kuno
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Sunda Baku
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Tagbanwa
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Burma
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Mon
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kalinga
 
 
 
 
 
 
 
Chakma
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Oriya
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kadamba
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Bhattiprolu
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Kannada
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Telugu
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Tai Le
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Tai Lue Baru
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Ahom
 


इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. http://www.lankalibrary.com/geo/dera1.html Archived 2017-08-20 at the वेबैक मशीन एसयू देरानियगल, श्री लंका मेंइतिहास-पूर्व व आद्यऐतिहासिक बसेरे
  2. तेलुगु भाषा व लिपि की प्राचीनता: http://www.hindu.com/2007/12/20/stories/2007122054820600.htm Archived 2016-12-09 at the वेबैक मशीन
  3. तेलुगु भाषा व साहित्य, एस.एम.आर. अद्लुरी, चित्र टी१ए व टी१बी: http://www.engr.mun.ca/~adluri/telugu/language/script/script1d.html Archived 2009-09-23 at the वेबैक मशीन


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