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बोराइड

बोराइड (Borides), बोरॉन के धातु यौगिकों को कहते हैं। ये कठोर पदार्थ हैं जिनकी क्रिस्टलीय संरचना धातु जैसी होती है। इनके रासायनिक सूत्र संयोजकता के नियमों से बद्ध नहीं होते। शुद्ध धातु की अपेक्षा बोराइड अधिक कठोर, तथा निष्क्रिय होते हैं। इनके गलनांक तथा विद्युत् प्रतिरोधकता धातु की अपेक्षा ऊँची होती है। बोराइड की रचना अनेक प्रकार की होती है। कुछ बोराइडों में धातु के परमाणुओं के विन्यास (arrangement) के मध्य में बोरॉन के परमाणु स्थान स्थान पर जड़े रहते हैं, कुछ में इसके प्रतिकूल रचना रहती है और अन्य बोराइडों की संरचना इन दोनों संरचनाओं का मध्यमान होती है।

अधिकतर बोराइड धातु और बोरॉन की पारस्परिक क्रिया के फलस्वरूप बनते हैं। कुछ बोरॉन ऑक्साइड और धातु के ऑक्साइड, अथवा लवण तथा किसी अपचायक पदार्थ के मिश्रण की क्रिया से भी बन सकते हैं। इन क्रियाओं के लिए १,००० डिग्री सेल्सियस से २,००० डिग्री सेल्सियस का ताप आवश्यक है। इस ताप के लिए विद्युत् भट्ठी ही उपयोगी होती है, जिसमें अक्रिय गैस का वातावरण रहना आवश्यक है, अन्यथा ऑक्साइड बनने का डर रहता है। कभी कभी अपचायक पदार्थ के स्थान पर फ्लोराइड प्रयोग करने पर सरलता से बोराइड बनता है। इन क्रियाओं के पश्चात् भट्ठी में चूर्ण के रूप में बोरॉन तत्व बच रहता है। इसे नाइट्रिक अम्ल द्वारा धुला लिया जाता है।

एक्स-किरण द्वारा परीक्षण से धातु के बोराइडों को हम कई श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं :

(१) M2B श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात २:१ होता है। ऐसे बोराइड टैटेलम, टंग्स्टन, मोलिब्डेनम, मैंगनीज़, लौह, कोबाल्ट और निकल के हैं।

(२) M3B2 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन का अनुपात ३:२ है। ऐस बोराइड मैग्नीशियम और बेरीलियम के हैं।

(३) MB श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात १:१ है। इसके अंतर्गत मैंगनीज़, लौह, कोबाल्ट, मोलिब्डेिनम, टंग्स्टन, नियोबियम, टैंटेलम और क्रोमियम के बोराइड हैं।

(४) M3B4 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात ३:४ है। इसके अंतर्गत क्रोमियम, मैंगनीज, नियोबियम और टैंटेलम के बोराइड हैं। इस समूह में पहले की अपेक्षा अधिक कठोरता रहती है।

(५) M2B2 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात १:२ है। इस श्रेणी में ऐल्यूमिनियम, मैग्नीशियम, वैनेडियम, नियोबियम, टैंटेलम, टाइटेनियम, ज़र्कोनियम, क्रोमियम और मोलिब्डेनम के बोराइड हैं।

(६) M2B5 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन के परमाणुओं का अनुपात २:५ है। इस श्रेणी में मोलिब्डेनम और टंग्स्टन के बोराइड हैं।

(७) MB6 श्रेणी, जिसमें धातु और बोरॉन का अनुपात १:६ है। इसके अंतर्गत कैल्सियम, बेरियम, स्ट्रांशियम, ईट्रियम तथा लैथेनम के बोराइड और अन्य विरल मृदा तत्व तथा थोरियम बोराइड हैं। ये बोराइड सबसे कठोर और कम धातुगुण के होते हैं।

(८) MB12 श्रेणी, जिसके अंतर्गत यूरेनियम बोराइड है।

बोराइड बड़े उपयोगी पदार्थ हैं। कैल्सियम बोराइड इस्पात उद्योग में काम आता है। बोराइड की कठोरता का उपयोग खराद उपकरणों में बहुत होता है। मैग्नीशियम बोराइड, बोरॉन हाइड्राइड या बोरॉन के निर्माण में उपयोगी सिद्ध हुआ है। इसके अतिरिक्त बेरीलियम, ऐल्यूमिनियम, सीरियम, लौह, निकल तथा मैंगनीज़ बोराइड भी तनु अम्लों से क्रिया कर बोरॉन मुक्त करते हैं।

FormulaCAS registry numberdensity (g/cm3)[1]melting point (°C)electrical resistivity (10−8Ω·m)Knoop hardness (0.1 kp load)
TiB212045-63-54.3832259–152600
ZrB212045-64-66.1730507–101830
HfB212007-23-711.2365010–122160
VB212007-37-35.10245016–382110
NbB12045-19-17.52270--
NbB212007-29-36.97305012–652130
TaB12007-07-714.22040--
TaB212007-35-111.2310014–682500
CrB212007-16-85.20217021–561100
Mo2B512007-97-57.48237018–452180
W2B512007-98-614.8237021–562500
Fe2B12006-85-87.31389-1800
FeB12006-84-771658301900
CoB12006-77-87.251460262350
Co2B12045-01-18.11280--
NiB12007-00-07.13103423-
Ni2B12007-01-17.901125--
LaB612008-21-86.152715152010
UB412007-84-09.322530301850
UB212007-36-212.72430--


सन्दर्भ

  1. साँचा:CRC91